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HC ने की प्लास्टिक जनित कूड़े पर रोक की मांग वाली याचिका पर सुनवाई, सरकार को दिए अहम निर्देश

HC hears petition demanding ban on plastic waste प्लास्टिक कचरे पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सुनवाई की. कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए कि पॉलिथीन की थैलियों पर पूर्ण रोक लगाएं.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 17, 2023, 8:30 PM IST

UTTARAKHAND HC
उत्तराखंड हाईकोर्ट

नैनीतालः हाईकोर्ट ने प्लास्टिक जनित कूड़े पर रोक की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी की अगुवाई वाली पीठ ने प्रदेश में बिक रही पॉलिथीन की थैलियों पर सरकार को पूर्ण रोक लगाने के निर्देश दिए. मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ में अल्मोड़ा निवासी जितेंद्र यादव की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई.

याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि प्रदेश में रोक के बावजूद प्रतिबंध है. पॉलिथीन की थैलियां बिक रही हैं. अन्य राज्यों से पॉलिथीन की थैलियां लाई जा रही है. सरकार रोक लगाने में विफल रही है. कूड़ा वाहनों पर भी अभी तक जीपीएस सिस्टम नहीं लगाए गए हैं. वन पंचायतों के नक्शे वेबसाइट पर अपलोड नहीं किए गए हैं. सरकार की ओर से प्लास्टिक जनित कूड़ा के निस्तारण के लिए सन 2013 में कानून बनाया गया है, लेकिन अभी तक नियमावली तैयार नहीं की गई है. साथ ही उत्पादों में क्यूआर कोड लागू नहीं किया गया है.
ये भी पढ़ेंः पर्यावरण प्रेमी मनवीर ने कॉर्बेट प्रशासन को भेंट किए प्लास्टिक के टाइगर, कहा- आज नहीं जागे तो यही होगा भविष्य!

कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए कि पॉलिथीन की थैलियों पर पूर्ण रोक लगाएं. राज्य के बॉर्डर पर कमर्शियल टैक्स विभाग को पुलिस और अन्य महकमों के सहयोग से जांच करें. कूड़ा वाहनों पर जीपीएस सिस्टम लगाने और वन पंचायतों के नक्शे चार सप्ताह में अपलोड करने का भी हाईकोर्ट ने आदेश दिया. कोर्ट ने सचिव वन और राजस्व सचिव को अगली तिथि पर अदालत में पेश होने के लिए कहा है. अदालत ने प्लास्टिक कूड़ा के निस्तारण के संबंध में 2013 में बनाए गए कानून के लिए छह महीने में नियमावली बनाने और उत्पादों पर क्यूआर कोड लागू करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने क्यूआर कोड लागू करने में असफल रहने पर शहरी विकास विभाग के सचिव को भी अगली सुनवाई पर अदालत में पेश होने को कहा है.

नैनीतालः हाईकोर्ट ने प्लास्टिक जनित कूड़े पर रोक की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी की अगुवाई वाली पीठ ने प्रदेश में बिक रही पॉलिथीन की थैलियों पर सरकार को पूर्ण रोक लगाने के निर्देश दिए. मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ में अल्मोड़ा निवासी जितेंद्र यादव की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई.

याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि प्रदेश में रोक के बावजूद प्रतिबंध है. पॉलिथीन की थैलियां बिक रही हैं. अन्य राज्यों से पॉलिथीन की थैलियां लाई जा रही है. सरकार रोक लगाने में विफल रही है. कूड़ा वाहनों पर भी अभी तक जीपीएस सिस्टम नहीं लगाए गए हैं. वन पंचायतों के नक्शे वेबसाइट पर अपलोड नहीं किए गए हैं. सरकार की ओर से प्लास्टिक जनित कूड़ा के निस्तारण के लिए सन 2013 में कानून बनाया गया है, लेकिन अभी तक नियमावली तैयार नहीं की गई है. साथ ही उत्पादों में क्यूआर कोड लागू नहीं किया गया है.
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कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए कि पॉलिथीन की थैलियों पर पूर्ण रोक लगाएं. राज्य के बॉर्डर पर कमर्शियल टैक्स विभाग को पुलिस और अन्य महकमों के सहयोग से जांच करें. कूड़ा वाहनों पर जीपीएस सिस्टम लगाने और वन पंचायतों के नक्शे चार सप्ताह में अपलोड करने का भी हाईकोर्ट ने आदेश दिया. कोर्ट ने सचिव वन और राजस्व सचिव को अगली तिथि पर अदालत में पेश होने के लिए कहा है. अदालत ने प्लास्टिक कूड़ा के निस्तारण के संबंध में 2013 में बनाए गए कानून के लिए छह महीने में नियमावली बनाने और उत्पादों पर क्यूआर कोड लागू करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने क्यूआर कोड लागू करने में असफल रहने पर शहरी विकास विभाग के सचिव को भी अगली सुनवाई पर अदालत में पेश होने को कहा है.

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