ETV Bharat / state

न्यू ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट पंतनगर मामला, कैबिनेट के फैसले के बाद HC में होगी सुनवाई

बुधवार को प्रस्तावित न्यू ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट पंतनगर मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान राजीव बंसल सचिव नागरिक उड्डयन भारत सरकार कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए.

Uttarakhand High Court
उत्तराखंड हाईकोर्ट
author img

By

Published : Dec 15, 2021, 6:46 PM IST

नैनीताल: यूनिवर्सिटी की भूमि पर पंतनगर में न्यू ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनाए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. पूर्व के आदेश पर बुधवार को राजीव बंसल सचिव नागरिक उड्डयन भारत सरकार कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए.

उन्होंने कोर्ट को बताया कि पंतनगर में नए एयरपोर्ट के लिए भूमि का चयन हुआ है. एयरपोर्ट के लिए उन्होंने विश्वविद्यालय की 1,072 एकड़ भूमि का चयन किया है. वहीं, सरकार का पक्ष रखते हुए मुख्य स्थायी अधिवक्ता सीएस रावत ने कोर्ट को बताया कि यह मामला अभी कैबिनेट में विचारधीन है. इसको कैबिनेट की संस्तुति नहीं मिली है.

विश्वविद्यालय का पक्ष रखते हुए गया कि उक्त एयरपोर्ट विश्वविद्यालय की कृषि योग्य भूमि पर बनाया जा रहा है और सरकार विश्वविद्यालय की 1072 एकड़ भूमि अधिकृत कर रही है, जिसकी वजह से विश्वविद्यालय का अस्तित्व खतरे में आ रहा है. विश्वविद्यालय द्वारा इस सम्बन्ध में सरकार को पत्र भी दिया है. मामला कैबिनेट में विचाराधीन होने के कारण कोर्ट अब मामले की अगली सुनवाई कैबिनेट के निर्णय लेने के बाद करेगी.

पढ़ें- वन गुर्जरों के संरक्षण और विस्थापन पर HC में सुनवाई, कोर्ट ने सरकार को दिए निर्देश

इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खण्डपीठ में हुई. मामले के अनुसार पंतनगर निवासी केशव कुमार पासी ने इस मामले में जनहित याचिका दायर की थी. याचिका में उन्होंने कहा था कि प्रस्तावित न्यू ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट पंतनगर यूनिवर्सिटी के बीच में बनाया जाना प्रस्तावित है. प्रस्तावित एयरपोर्ट को उत्तराखंड के लोगों की सुविधा को ध्यान में रखकर बनाया जाए. न्यू ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनने से पंतनगर यूनिवर्सिटी के अस्तित्व को बचाया जाए. यहां पर एयरपोर्ट बनने से उत्तराखंड के लोगों को एयरपोर्ट पहुंचने के लिए दिक्कतों का भी सामना करना पड़ेगा.

उन्होंने कोर्ट को बताया कि प्रस्तावित एयरपोर्ट को यूनिवर्सिटी के बीच में न बनाकर नैनीताल व उद्यम सिंह नगर की तलहटी में सरकार की खाली पड़ी लगभग 76 हजार 800 एकड़ बंजर जमीन पर बनाया जाए. विश्वविद्यालय के आसपास सिडकुल, स्टेट हाईवे 37, पुराना एयरपोर्ट, पांच नदियां और 6 नहरें है. अगर यहां प्रस्तावित एयरपोर्ट बनता है तो विश्वविधालय का अस्तित्व खतरे में पड़ जायेगा.

पढ़ें- HC ने आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कुलपति और कुलसचिव को जारी किया नोटिस, 4 हफ्तों में मांगा जवाब

पन्तनगर एयरपोर्ट अभिभाजित उत्तर प्रदेश ने अपनी सुविधाओं को लेकर 1957 में बनाया गया था. अब उत्तराखंड अलग हो चुका है. इसलिए नए एयरपोर्ट को उत्तराखंड की सुविधाओं के अनुसार बनाया जाय. सचिव नागरिक उड्डयन मंत्रालय भारत सरकार ने 16 मार्च 2020 को उधमसिंह नगर के बरहैनी में एयरपोर्ट के लिए प्रस्ताव मांगा गया था, उसके बाद भी जिला अधिकारी ने गुपचुप तरीके से पंतनगर विश्वविद्यालय का प्रस्ताव भेजा.

उन्होंने अपने प्रस्ताव में यह भी कहा कि इस जगह में आबादी नहीं है, जबकि यहां पर नगला, सिडकुल, विश्वविद्यालय, किच्छा और रुद्रपुर आबादी वाले क्षेत्र है. अगर एयरपोर्ट प्रस्तावित क्षेत्र में बनाया जाता है तो आम लोगों को पुराने एयरपोर्ट से 14 किलोमीटर और दूर जाना पड़ेगा.

नैनीताल: यूनिवर्सिटी की भूमि पर पंतनगर में न्यू ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनाए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. पूर्व के आदेश पर बुधवार को राजीव बंसल सचिव नागरिक उड्डयन भारत सरकार कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए.

उन्होंने कोर्ट को बताया कि पंतनगर में नए एयरपोर्ट के लिए भूमि का चयन हुआ है. एयरपोर्ट के लिए उन्होंने विश्वविद्यालय की 1,072 एकड़ भूमि का चयन किया है. वहीं, सरकार का पक्ष रखते हुए मुख्य स्थायी अधिवक्ता सीएस रावत ने कोर्ट को बताया कि यह मामला अभी कैबिनेट में विचारधीन है. इसको कैबिनेट की संस्तुति नहीं मिली है.

विश्वविद्यालय का पक्ष रखते हुए गया कि उक्त एयरपोर्ट विश्वविद्यालय की कृषि योग्य भूमि पर बनाया जा रहा है और सरकार विश्वविद्यालय की 1072 एकड़ भूमि अधिकृत कर रही है, जिसकी वजह से विश्वविद्यालय का अस्तित्व खतरे में आ रहा है. विश्वविद्यालय द्वारा इस सम्बन्ध में सरकार को पत्र भी दिया है. मामला कैबिनेट में विचाराधीन होने के कारण कोर्ट अब मामले की अगली सुनवाई कैबिनेट के निर्णय लेने के बाद करेगी.

पढ़ें- वन गुर्जरों के संरक्षण और विस्थापन पर HC में सुनवाई, कोर्ट ने सरकार को दिए निर्देश

इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खण्डपीठ में हुई. मामले के अनुसार पंतनगर निवासी केशव कुमार पासी ने इस मामले में जनहित याचिका दायर की थी. याचिका में उन्होंने कहा था कि प्रस्तावित न्यू ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट पंतनगर यूनिवर्सिटी के बीच में बनाया जाना प्रस्तावित है. प्रस्तावित एयरपोर्ट को उत्तराखंड के लोगों की सुविधा को ध्यान में रखकर बनाया जाए. न्यू ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनने से पंतनगर यूनिवर्सिटी के अस्तित्व को बचाया जाए. यहां पर एयरपोर्ट बनने से उत्तराखंड के लोगों को एयरपोर्ट पहुंचने के लिए दिक्कतों का भी सामना करना पड़ेगा.

उन्होंने कोर्ट को बताया कि प्रस्तावित एयरपोर्ट को यूनिवर्सिटी के बीच में न बनाकर नैनीताल व उद्यम सिंह नगर की तलहटी में सरकार की खाली पड़ी लगभग 76 हजार 800 एकड़ बंजर जमीन पर बनाया जाए. विश्वविद्यालय के आसपास सिडकुल, स्टेट हाईवे 37, पुराना एयरपोर्ट, पांच नदियां और 6 नहरें है. अगर यहां प्रस्तावित एयरपोर्ट बनता है तो विश्वविधालय का अस्तित्व खतरे में पड़ जायेगा.

पढ़ें- HC ने आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कुलपति और कुलसचिव को जारी किया नोटिस, 4 हफ्तों में मांगा जवाब

पन्तनगर एयरपोर्ट अभिभाजित उत्तर प्रदेश ने अपनी सुविधाओं को लेकर 1957 में बनाया गया था. अब उत्तराखंड अलग हो चुका है. इसलिए नए एयरपोर्ट को उत्तराखंड की सुविधाओं के अनुसार बनाया जाय. सचिव नागरिक उड्डयन मंत्रालय भारत सरकार ने 16 मार्च 2020 को उधमसिंह नगर के बरहैनी में एयरपोर्ट के लिए प्रस्ताव मांगा गया था, उसके बाद भी जिला अधिकारी ने गुपचुप तरीके से पंतनगर विश्वविद्यालय का प्रस्ताव भेजा.

उन्होंने अपने प्रस्ताव में यह भी कहा कि इस जगह में आबादी नहीं है, जबकि यहां पर नगला, सिडकुल, विश्वविद्यालय, किच्छा और रुद्रपुर आबादी वाले क्षेत्र है. अगर एयरपोर्ट प्रस्तावित क्षेत्र में बनाया जाता है तो आम लोगों को पुराने एयरपोर्ट से 14 किलोमीटर और दूर जाना पड़ेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.