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काशीपुर के ट्रांसपोर्टरों को HC से मिली राहत, फिटनेस सर्टिफिकेट के नहीं जाना पड़ेगा रुद्रपुर

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Published : Nov 26, 2022, 3:32 PM IST

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने काशीपुर के ट्रांसपोर्टरों को बड़ी राहत दी है. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने परिवहन विभाग के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें ट्रांसपोर्ट गाड़ियों को फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए काशीपुर से रुद्रपुर लाने के लिए कहा गया था.

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नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने काशीपुर के ट्रांसपोर्टरों की उस याचिका पर सुनवाई की, जिसमें उन्होंने परिवहण विभाग के उस आदेश को चुनौती दी, जिसमें वाहनों की फिटनेस काशीपुर के बजाय रुद्रपुर में निजी कंपनी से कराने का आदेश दिया गया. मामले को सुनने के बाद वरिष्ठ न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने परिवहन आयुक्त के आदेश पर रोक लगाते हुए अगली सुनवाई 16 दिसंबर की तिथि नियत की है.

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि आम लोगों की सहूलियत के लिए परिवहन वाहनों की फिटनेस टेस्ट और उसके सर्टिफिकेट काशीपुर के एआरटीओ कार्यालय से ही जारी किए जाएं. मामले के अनुसार काशीपुर निवासी प्रवीण कुमार ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर कर परिवहन आयुक्त के आदेश को चुनौती दी थी.
पढ़ें- उत्तराखंड में हर साल बढ़ेगा सार्वजनिक वाहनों का किराया, एसटीए की बैठक में फैसला

याचिका में कहा गया है कि प्रदेश के परिवहन आयुक्त कार्यालय ने 5 नवंबर 2022 को आदेश जारी कर कहा कि काशीपुर और जसपुर के बड़े व छोटे ट्रांसपोर्ट गाड़ियों का फिटनेस सर्टिफिकेट अब रुद्रपुर में स्थित लखनऊ की एक निजी कंपनी के द्वारा ही किया जाएगा. इस ऑटोमेटिक टेस्टिंग सेंटर (एटीसी) को भी परिवहन आयुक्त कार्यालय ने बिना टेंडर के ठेका दिया गया जो नियम विरुद्ध है.

याचिका में कहा गया कि जब एआरटीओ का कार्यालय काशीपुर में है, तो उनके वाहनों के फिटनेस सर्टीफिकेट भी वहीं से जारी किए जाएं. रुद्रपुर जाना मुश्किल है और खर्चीला भी. इसके अलावा वाहनों को अपने परमिट क्षेत्र से बाहर जाना पड़ रहा है. वर्ष 2013 में एआरटीओ कार्यालय काशीपुर में खुलने के बाद न्यायालय ने आम लोगों की सहूलियत को देखते हुए एक माह के भीतर इस क्षेत्र की सभी फाइलों को रुद्रपुर से काशीपुर कार्यालय में शिफ्ट करने के आदेश दिए थे. उसके बाद भी परिवहन कार्यालय ने यह आदेश दिया है, जिस पर रोक लगाई जाय.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने काशीपुर के ट्रांसपोर्टरों की उस याचिका पर सुनवाई की, जिसमें उन्होंने परिवहण विभाग के उस आदेश को चुनौती दी, जिसमें वाहनों की फिटनेस काशीपुर के बजाय रुद्रपुर में निजी कंपनी से कराने का आदेश दिया गया. मामले को सुनने के बाद वरिष्ठ न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने परिवहन आयुक्त के आदेश पर रोक लगाते हुए अगली सुनवाई 16 दिसंबर की तिथि नियत की है.

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि आम लोगों की सहूलियत के लिए परिवहन वाहनों की फिटनेस टेस्ट और उसके सर्टिफिकेट काशीपुर के एआरटीओ कार्यालय से ही जारी किए जाएं. मामले के अनुसार काशीपुर निवासी प्रवीण कुमार ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर कर परिवहन आयुक्त के आदेश को चुनौती दी थी.
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याचिका में कहा गया है कि प्रदेश के परिवहन आयुक्त कार्यालय ने 5 नवंबर 2022 को आदेश जारी कर कहा कि काशीपुर और जसपुर के बड़े व छोटे ट्रांसपोर्ट गाड़ियों का फिटनेस सर्टिफिकेट अब रुद्रपुर में स्थित लखनऊ की एक निजी कंपनी के द्वारा ही किया जाएगा. इस ऑटोमेटिक टेस्टिंग सेंटर (एटीसी) को भी परिवहन आयुक्त कार्यालय ने बिना टेंडर के ठेका दिया गया जो नियम विरुद्ध है.

याचिका में कहा गया कि जब एआरटीओ का कार्यालय काशीपुर में है, तो उनके वाहनों के फिटनेस सर्टीफिकेट भी वहीं से जारी किए जाएं. रुद्रपुर जाना मुश्किल है और खर्चीला भी. इसके अलावा वाहनों को अपने परमिट क्षेत्र से बाहर जाना पड़ रहा है. वर्ष 2013 में एआरटीओ कार्यालय काशीपुर में खुलने के बाद न्यायालय ने आम लोगों की सहूलियत को देखते हुए एक माह के भीतर इस क्षेत्र की सभी फाइलों को रुद्रपुर से काशीपुर कार्यालय में शिफ्ट करने के आदेश दिए थे. उसके बाद भी परिवहन कार्यालय ने यह आदेश दिया है, जिस पर रोक लगाई जाय.

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