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PRD भर्ती प्रक्रिया को हाईकोर्ट से हरी झंडी, याचिकाकर्ता की याचिका खारिज - पीआरडी

Uttarakhand PRD Recruitment Process उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रांतीय रक्षक दल भर्ती प्रक्रिया को हरी झंडी दे दी है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता की याचिका खारिज करते हुए नियमावली को सही ठहराया है. याचिका में कहा गया था कि सभी पदों पर सीधी भर्ती के बजाय प्रमोशन से भी भर्ती की जाए.

UTTARAKHAND HIGHCOURT
उत्तराखंड हाईकोर्ट
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 5, 2023, 7:58 PM IST

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य में चल रही प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) की भर्ती प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की. मामले पर सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने भर्ती प्रक्रिया को हरी झंडी देते हुए याचिकाकर्ता की याचिका को खारिज कर दिया है.

मामले के मुताबिक, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) द्वारा क्षेत्रीय युवा कल्याण प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) की भर्ती प्रक्रिया 13 अक्टूबर 2023 से 33 पदों पर शुरू की थी. इस भर्ती प्रक्रिया और नियमावली को कोटाबाग नैनीताल निवासी महेश जोशी ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय में 5 नवंबर को चुनौती दी. उनके द्वारा याचिका में कहा गया है कि सभी पदों पर सीधी भर्ती के बजाय प्रमोशन (पदोन्नति) से भी भर्ती की जाए. क्योंकि वो कई सालों से विभाग में काम कर रहे हैं.

दूसरी तरफ उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने उच्च न्यायालय में कहा कि नियमावली एकदम सही है. विधानसभा को यह पूरा अधिकार है कि इस पर सरकार नियम बना सकती है और विधान सभा ने इस पर सोच समझकर नियमावली बनाई है. इसलिए याचिकाकर्ता की याचिका औचित्य विहीन है. इसलिए इसे निरस्त किया जाए.
ये भी पढ़ेंः Uttarakhand PRD Act में संशोधन के बाद सुरक्षा गार्ड तक ही सीमित नहीं रहेंगे जवान, मिलेंगी ये सुविधाएं

नियमावली में संशोधन: गौरतलब है कि पीआरडी जवानों की भर्ती के साथ ही सरकार पीआरडी कर्मचारियों के नियमावली में भी संशोधन कर चुकी है. इसके तहत सेवारत पीआरडी कार्मिक की मृत्यु पर उसके परिवार से उसके पुत्र या पत्नी को मृतक आश्रित के तौर पर नियुक्ति दी जाएगी. जबकि सांप्रदायिक दंगों में ड्यूटी के दौरान जवान की मौत पर अब दो लाख रुपये मुआवजा राशि दी जाएगी. साथ ही सभी विभागों में कार्यरत पीआरडी जवानों को होमगार्ड की तरह सामाजिक सुरक्षा बीमा का लाभ भी दिया जाएगा.

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य में चल रही प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) की भर्ती प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की. मामले पर सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने भर्ती प्रक्रिया को हरी झंडी देते हुए याचिकाकर्ता की याचिका को खारिज कर दिया है.

मामले के मुताबिक, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) द्वारा क्षेत्रीय युवा कल्याण प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) की भर्ती प्रक्रिया 13 अक्टूबर 2023 से 33 पदों पर शुरू की थी. इस भर्ती प्रक्रिया और नियमावली को कोटाबाग नैनीताल निवासी महेश जोशी ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय में 5 नवंबर को चुनौती दी. उनके द्वारा याचिका में कहा गया है कि सभी पदों पर सीधी भर्ती के बजाय प्रमोशन (पदोन्नति) से भी भर्ती की जाए. क्योंकि वो कई सालों से विभाग में काम कर रहे हैं.

दूसरी तरफ उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने उच्च न्यायालय में कहा कि नियमावली एकदम सही है. विधानसभा को यह पूरा अधिकार है कि इस पर सरकार नियम बना सकती है और विधान सभा ने इस पर सोच समझकर नियमावली बनाई है. इसलिए याचिकाकर्ता की याचिका औचित्य विहीन है. इसलिए इसे निरस्त किया जाए.
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नियमावली में संशोधन: गौरतलब है कि पीआरडी जवानों की भर्ती के साथ ही सरकार पीआरडी कर्मचारियों के नियमावली में भी संशोधन कर चुकी है. इसके तहत सेवारत पीआरडी कार्मिक की मृत्यु पर उसके परिवार से उसके पुत्र या पत्नी को मृतक आश्रित के तौर पर नियुक्ति दी जाएगी. जबकि सांप्रदायिक दंगों में ड्यूटी के दौरान जवान की मौत पर अब दो लाख रुपये मुआवजा राशि दी जाएगी. साथ ही सभी विभागों में कार्यरत पीआरडी जवानों को होमगार्ड की तरह सामाजिक सुरक्षा बीमा का लाभ भी दिया जाएगा.

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