नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल शहर में टैक्सी बाइक के संचालन की अनुमति देने से इनकार करते हुए, इस संबंध में दायर याचिका निरस्त कर दी है. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष बुधवार को टैक्सी चालक प्रवीण बिष्ट की याचिका सुनवाई के लिए पेश की गई. याचिकाकर्ता ने कहा कि नैनीताल शहर में नैनीताल की टैक्सी बैन है, जबकि अन्य स्थानों की टैक्सी यहां आ रही है. इसलिए स्थानीय टैक्सी चालकों को भी छूट दी जाए. लेकिन खंडपीठ ने याचिका को अस्वीकार कर दिया.
कोर्ट ने पुलिस प्रशासन को शहर में टैक्सी बाइक को भी प्रतिबंध करने का आदेश दिया. उन्होंने कहा कि अजय रावत बनाम सरकार के आदेश का पालन कराया जाए. 2017 में दिए आदेश में हाईकोर्ट ने नैनीताल में टैक्सी परमिट को बैन कर दिया था. परमिट में लिख दिया गया था कि नैनीताल में टैक्सी के संचालन पर प्रतिबंध है. कोर्ट ने कहा कि अन्य प्रदेश व राज्य (उत्तराखंड) के जिलों से भी आने वाले व्यवसायिक वाहनों पर भी ये प्रतिबंध लागू रहेंगे.
ये भी पढ़ेंः जूनियर अधिवक्ताओं के स्टाइपेंड मामले में 28 सितंबर को होगी सुनवाई, अधिवक्ता वेलफेयर फंड की भी मांग
आपको बता दें कि 3 जुलाई 2017 को हाईकोर्ट ने नैनीताल में नई टैक्सी परमिट पर प्रतिबंध लगा दिया था. इधर 2020 में राज्य सरकार टैक्सी बाइक योजना लेकर आई. जिसके तहत नैनीताल शहर में कई युवाओं ने टैक्सी बाइक का कारोबार किया. लेकिन उनके परमिट में लिख दिया गया कि नैनीताल में प्रतिबंध रहेगा. हालांकि, पर्यटन सीजन के दौरान नैनीताल प्रशासन ने ऐसी गाड़ियों पर कार्रवाई की और कई गाड़ियां सीज भी की. साथ ही भारी जुर्माने की कार्रवाई भी की. इसके खिलाफ टैक्सी बाइक कारोबारी प्रवीण कुमार, ललित, निखिल, पीयूष शाह ने हाईकोर्ट की शरण ली. लेकिन हाईकोर्ट से उन्हें कोई राहत नहीं मिली और अब बाहरी स्थानों की टैक्सी व टैक्सी बाइक नैनीताल में संचालित नहीं होगी.