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उत्तराखंड HC ने शिक्षा विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को दी राहत, सरकार के आदेश को किया खारिज

उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले से शिक्षा विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने उस आदेश को खारिज कर दिया है, जिसमें सरकार एवं शिक्षा विभाग ने चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों से एसीपी के लाभ की वसूली करने को कहा था.

Uttarakhand High Court
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Published : Jul 16, 2022, 7:22 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से उनके द्वारा बेसिक शिक्षा परिषद में की गई सेवाओं को जोड़ते हुए दिए गए एसीपी के लाभ की वसूली करने के सरकार व शिक्षा विभाग के आदेश को खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद शिक्षा विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई.

सरकार और शिक्षा विभाग के इस वसूली आदेश को नैनीताल जिले के सुरेन्द्रपाल रजवार, कुंदन बर्गली, हरीश पंत व अन्य ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया कि 21 सितंबर 2020 को शासन ने एक आदेश जारी कर शिक्षा विभाग में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के राजकीयकरण से पूर्व की बेसिक शिक्षा परिषद की सेवाओं को एसीपी का लाभ देने हेतु गणना में नहीं लिया जा सकता. लिहाजा उनको एसीपी मद में दी गई अधिक धनराशि को वसूला जाए. इसी क्रम में निदेशक प्रारंभिक शिक्षा, अपर निदेशक प्रारंभिक शिक्षा एवं अन्य शिक्षाधिकारियों की ओर से प्रदेश के समस्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से वसूली के आदेश जारी हुए.
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याचिकाकर्ताओं ने कहा गया है कि दिनेश जोशी, ललित लोहनी और त्रिभुवन कोहली समेत अन्य की याचिका में हाईकोर्ट की एकलपीठ ने पूर्व में याचिकाकर्ताओं को एसीपी का लाभ देने का आदेश पारित किया था, जिसे सरकार ने विशेष अपील के जरिये खण्डपीठ के समक्ष चुनौती दी थी.

खंडपीठ ने भी यह अपील खारिज कर सरकार को इन कर्मचारियों को एसीपी का लाभ देने के आदेश किए, लेकिन सरकार ने फिर भी इन कर्मियों को एसीपी का लाभ नहीं दिया तो कर्मचारियों ने शिक्षा सचिव, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की. जिस पर शिक्षा निदेशक के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया था. इसके बाद निदेशक प्रारंभिक शिक्षा वंदना गर्ब्याल ने याचिकाकर्ताओं को एसीपी का लाभ देने हेतु 15 जुलाई को समस्त मुख्य शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर दिए हैं.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से उनके द्वारा बेसिक शिक्षा परिषद में की गई सेवाओं को जोड़ते हुए दिए गए एसीपी के लाभ की वसूली करने के सरकार व शिक्षा विभाग के आदेश को खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद शिक्षा विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई.

सरकार और शिक्षा विभाग के इस वसूली आदेश को नैनीताल जिले के सुरेन्द्रपाल रजवार, कुंदन बर्गली, हरीश पंत व अन्य ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया कि 21 सितंबर 2020 को शासन ने एक आदेश जारी कर शिक्षा विभाग में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के राजकीयकरण से पूर्व की बेसिक शिक्षा परिषद की सेवाओं को एसीपी का लाभ देने हेतु गणना में नहीं लिया जा सकता. लिहाजा उनको एसीपी मद में दी गई अधिक धनराशि को वसूला जाए. इसी क्रम में निदेशक प्रारंभिक शिक्षा, अपर निदेशक प्रारंभिक शिक्षा एवं अन्य शिक्षाधिकारियों की ओर से प्रदेश के समस्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से वसूली के आदेश जारी हुए.
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याचिकाकर्ताओं ने कहा गया है कि दिनेश जोशी, ललित लोहनी और त्रिभुवन कोहली समेत अन्य की याचिका में हाईकोर्ट की एकलपीठ ने पूर्व में याचिकाकर्ताओं को एसीपी का लाभ देने का आदेश पारित किया था, जिसे सरकार ने विशेष अपील के जरिये खण्डपीठ के समक्ष चुनौती दी थी.

खंडपीठ ने भी यह अपील खारिज कर सरकार को इन कर्मचारियों को एसीपी का लाभ देने के आदेश किए, लेकिन सरकार ने फिर भी इन कर्मियों को एसीपी का लाभ नहीं दिया तो कर्मचारियों ने शिक्षा सचिव, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की. जिस पर शिक्षा निदेशक के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया था. इसके बाद निदेशक प्रारंभिक शिक्षा वंदना गर्ब्याल ने याचिकाकर्ताओं को एसीपी का लाभ देने हेतु 15 जुलाई को समस्त मुख्य शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर दिए हैं.

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