नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने भवाली रोड स्थित दुकानों को 48 घंटे में खाली करने के कैंट बोर्ड के नोटिस को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की. कोर्ट ने मामले की सुनवाई में दोनों पक्षों को यथा स्थिति बनाये रखने के आदेश दिए. साथ ही याचिकाकर्ताओं से 4 लाख रुपये हाईकोर्ट के रजिस्ट्री कार्यालय में जमा करने और कैंट के बकाया किराए का भुगतान करने के आदेश दिए.
मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई. कैंट की भवाली रोड स्थित दुकानदारों और कैंट बोर्ड के बीच किराये को लेकर लंबे समय से विवाद जिला अदालत में चल रहा था. जहां से 18 सितंबर को जिला अदालत ने कैंट बोर्ड के पक्ष में फैसला दिया था. जिसके बाद कैंट बोर्ड ने 13 दुकानदारों को नोटिस देकर 48 घंटे के भीतर दुकान खाली करने का नोटिस दिया था, जिसके खिलाफ लीला बिष्ट ने 23 सितंबर को हाईकोर्ट में अपील की.
ये भी पढ़ें: टिहरी डैम क्षेत्र से हटाई गई अवैध मस्जिद, लोग लगातार कर रहे थे विरोध
याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने मामले में यथा स्थिति बरकरार रखने के आदेश देते हुए याचिकाकर्ता को 3 हफ्ते के भीतर 4 लाख रुपये हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में जमा करने को कहा है. साथ ही आठ हफ्ते के भीतर बकाया किराए का भुगतान करने के निर्देश दिए.
मामले में पांच अन्य दुकानदारों श्रीराम छावड़ा, अशोक कुमार, राकेश लांबा, पूरन मेहरा और कमल नारंग की याचिकाओं पर भी कोर्ट में सुनवाई हुई. इसमें कोर्ट ने 23 सितंबर के आदेश को ही बरकरार रखा. याचिकाकर्ताओं ने 4 लाख रुपये हाईकोर्ट में जमा करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा. इस पर कोर्ट ने उन्हें 3 हफ्ते के बजाय 8 हफ्ते का समय दिया है. मामले की अगली सुनवाई अब नवंबर माह के दूसरे हफ्ते में होगी.