नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा जारी उत्तराखंड अपर सिविल सेवा (डिप्टी कलेक्टर) की परीक्षा में उम्र के आधार पर बाहर हो रहे चार अभ्यर्थियों के मामले पर सुनवाई की. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को निर्देश दिया कि चारों अभ्यर्थियों के फार्म तीन दिन के भीतर जमा करवाएं और उनको परीक्षा में प्रतिभाग करने का मौका दें. जबकि, मंगलवार को फार्म जमा करने की अंतिम तिथि है.
मामले के मुताबिक, हितेश नौटियाल, गुलफाम अली, अनूप कुमार तिवारी और हरेंद्र सिंह रावत ने अलग-अलग याचिकाएं दायर कर कहा है कि उत्तराखंड अपर सिविल सेवा (डिप्टी कलेक्टर) की परीक्षा के लिए उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने विज्ञप्ति जारी की है. इसमें फार्म भरने की अधिकतम उम्र 42 साल रखी हुई है. फार्म भरने की अंतिम तिथि 28 दिसंबर 2021 है. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि वे इस परीक्षा से वंचित हो रहे हैं क्योंकि उनकी उम्र 45 साल हो चुकी है.
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उन्होंने अपनी याचिकाओं में कहा है कि उत्तराखंड में 20 सालों में पीसीएस (Provincial Civil Service) की परीक्षा 6 बार हुई और आखिरी परीक्षा 2016 में हुई. 2016 से 2020 के बीच पीसीएस की कोई परीक्षा नहीं हुई. जबकि वे उस दौरान इसमें प्रतिभाग करने के लिए सक्षम थे. इस आधार पर उनको परीक्षा फार्म भरने और परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाए. याचिकाकर्ताओं का यह भी कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने मजहर सुल्तान की याचिका में कहा है कि राज्य सरकार खाली पड़े पदों पर विज्ञप्ति हर साल जारी करे चाहे एक पद खाली हो या उससे अधिक. लेकिन उत्तराखंड में तो 2016 से पीसीएस की परीक्षा हुई ही नहीं.