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अवैध खनन को रोकने के लिए उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा प्लान - अवैध खनन पर रोक

Hearing on illegal mining in Uttarakhand HC उत्तराखंड हाईकोर्ट में आज अवैध खनन पर सुनवाई हुई. सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अवैध खनन रोकने के लिए सरकार से प्लान मांगा है.

Uttarakhand हाईकोर्ट
उत्तराखंड हाईकोर्ट
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 23, 2023, 7:54 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रामनगर में अवैध खनन करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने राज्य सरकार से मौखिक तौर पर कहा है कि शपथपत्र के माध्यम से कोर्ट को बताएं कि अवैध खनन को रोकने के लिए क्या प्लान बनाया जा सकता है? पहले प्लान पेश करें. उसके बाद पूर्व के आदेश को संशोधन करने पर विचार किया जा सकता है. कोर्ट ने आज खनन से संबंधित कई जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की.

पूर्व में कोर्ट ने अवैध खनन पर रोक लगाते हुए एंटी माइनिंग फोर्स गठित करने के निर्देश राज्य सरकार को दिए थे. साथ ही ड्रेजिंग पॉलिसी पर भी रोक लगाते हुए कहा था कि नदियों से ड्रेजिंग सरकारी एजेंसियों के द्वारा ही किया जाए. ड्रेजिंग के दौरान उनसे निकलने वाली माइनिंग सामग्री का परिवहन नहीं किया जाएगा.

इस आदेश पर संशोधन करने के लिए आज राज्य सरकार की तरफ से संशोधन प्रार्थनापत्र कोर्ट में पेश किया गया. जिसमें कहा गया कि इस आदेश को संशोधित किया जाए. क्योंकि कोर्ट ने ड्रेजिंग के दौरान निकलने वाली माइनिंग सामग्री को बाहर ले जाने की अनुमति पर रोक लगाई है. इस वजह से राज्य सरकार को प्रत्येक वर्ष 500 करोड़ का नुकसान हो रहा है और विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं. साथ ही इस वजह से सरकार और केंद्र सरकार की कई बड़ी योजनाओं को बनाने में देरी हो रही है. इसलिए पूर्व के आदेश को संशोधित किया जाए.
ये भी पढ़ेंः चमोली के वन भूमि पर अवैध खनन का मामला, HC ने DM-DFO को जारी किया नोटिस

पूर्व में कोर्ट ने अवैध खनन की जांच कराने हेतु अधिवक्ता आलोक माहरा को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करते हुए दो सप्ताह में स्थलीय निरीक्षण कर जांच रिपोर्ट दाखिल कराने को कहा था. आज उनकी रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश हुई. रिपोर्ट में कहा गया कि अवैध खनन से रिवर बैंड में बड़े-बड़े गड्ढे पाए गए हैं. गौरतलब है कि गुलजारपुर निवासी प्रिंसपाल सिंह ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि उधमसिंह नगर जिले में रामनगर रेंज के गुलजारपुर के जंगलों से लगातार अवैध खनन हो रहा है. इसे तत्काल रोका जाए क्योंकि इससे वन संपदा को भी नुकसान हो रहा है.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रामनगर में अवैध खनन करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने राज्य सरकार से मौखिक तौर पर कहा है कि शपथपत्र के माध्यम से कोर्ट को बताएं कि अवैध खनन को रोकने के लिए क्या प्लान बनाया जा सकता है? पहले प्लान पेश करें. उसके बाद पूर्व के आदेश को संशोधन करने पर विचार किया जा सकता है. कोर्ट ने आज खनन से संबंधित कई जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की.

पूर्व में कोर्ट ने अवैध खनन पर रोक लगाते हुए एंटी माइनिंग फोर्स गठित करने के निर्देश राज्य सरकार को दिए थे. साथ ही ड्रेजिंग पॉलिसी पर भी रोक लगाते हुए कहा था कि नदियों से ड्रेजिंग सरकारी एजेंसियों के द्वारा ही किया जाए. ड्रेजिंग के दौरान उनसे निकलने वाली माइनिंग सामग्री का परिवहन नहीं किया जाएगा.

इस आदेश पर संशोधन करने के लिए आज राज्य सरकार की तरफ से संशोधन प्रार्थनापत्र कोर्ट में पेश किया गया. जिसमें कहा गया कि इस आदेश को संशोधित किया जाए. क्योंकि कोर्ट ने ड्रेजिंग के दौरान निकलने वाली माइनिंग सामग्री को बाहर ले जाने की अनुमति पर रोक लगाई है. इस वजह से राज्य सरकार को प्रत्येक वर्ष 500 करोड़ का नुकसान हो रहा है और विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं. साथ ही इस वजह से सरकार और केंद्र सरकार की कई बड़ी योजनाओं को बनाने में देरी हो रही है. इसलिए पूर्व के आदेश को संशोधित किया जाए.
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पूर्व में कोर्ट ने अवैध खनन की जांच कराने हेतु अधिवक्ता आलोक माहरा को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करते हुए दो सप्ताह में स्थलीय निरीक्षण कर जांच रिपोर्ट दाखिल कराने को कहा था. आज उनकी रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश हुई. रिपोर्ट में कहा गया कि अवैध खनन से रिवर बैंड में बड़े-बड़े गड्ढे पाए गए हैं. गौरतलब है कि गुलजारपुर निवासी प्रिंसपाल सिंह ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि उधमसिंह नगर जिले में रामनगर रेंज के गुलजारपुर के जंगलों से लगातार अवैध खनन हो रहा है. इसे तत्काल रोका जाए क्योंकि इससे वन संपदा को भी नुकसान हो रहा है.

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