हल्द्वानी: केन्द्र सरकार के साथ ही राज्य सरकार खादी के वस्त्रों को बढ़ावा देने की बातें तो कर रही है लेकिन हल्द्वानी के क्षेत्रीय गांधी आश्रम इन दिनों संकट के दौर से गुजर रहे हैं. वहीं क्षेत्रीय कार्यालय हल्द्वानी गांधी आश्रम के द्वारा दी जाने वाली छूट को प्रदेश सरकार पिछले 2 सालों से करीब एक करोड़ 25 लाख रुपए दबा कर बैठी है. जिसके चलते गांधी आश्रमों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.
गौर हो कि खादी के वस्त्रों को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा 2 अक्टूबर यानी गांधी जयंती के मौके से लेकर 108 दिनों के लिए 25% की छूट दी जाती है, जिसकी लोग अधिक से अधिक खादी के वस्त्र खरीद सकें. साथ ही खादी को भी बढ़ावा मिल सकें. लेकिन जब सरकार ही छूट की राशि समय से नहीं देगी तो कैसे खादी को बढ़ावा मिल सकता है.
क्षेत्रीय गांधी आश्रम के सचिव सुरेश पंत के मुताबिक प्रदेश सरकार द्वारा गांधी आश्रम के वस्त्रों पर 10% द्वारा छूट दी जाती है. वित्त वित्तीय वर्ष 2019-20और2021 का छूट की रकम 84 लाख रुपए बकाया चल रहा है, इसके अतिरिक्त 41 लाख का पुराना भुगतान भी प्रदेश सरकार के ऊपर बकाया है जो कई सालों से नहीं मिला है. उन्होंने बताया कि गांधी आश्रम के खादी के वस्त्रों पर केंद्र सरकार द्वारा 15% जबकि राज्य सरकार द्वारा 10% छूट दी जाती है ऐसे में राज्य सरकार द्वारा दी जाने लगी छूट नहीं मिल पा रही है, जो कुल बकाया राशि एक करोड़ 25 लाख रुपए है.
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सुरेश पंत ने बताया कि बदलते दौर और कोरोना के चलते गांधी आश्रम की बिक्री में काफी गिरावट आई है, जिसके चलते गांधी आश्रम घाटे के दौर से गुजर रहे हैं. इसके अलावा ऑनलाइन मार्केटिंग का भी असर गांधी आश्रम पर पड़ रहा है. वर्तमान समय में नैनीताल और उधम सिंह नगर जनपद में कुल 26 दुकानें संचालित हो रही हैं, जिसमें अधिकतर दुकानें घाटे में चल रही हैं.
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यहां तक कि गांधी आश्रम से करीब 1000 से अधिक महिलाएं सिलाई, कढ़ाई,बुनाई से जुड़ी हुई हैं, जबकि 80 बुनकर रजाई ,गद्दे का काम कर रहे हैं. इसके अलावा 100 वेतन भोगी कर्मचारी भी विभाग के पास काम कर रहे हैं. क्षेत्रीय गांधी आश्रम के सचिव सुरेश पंत ने बताया कि प्रदेश सरकार अगर बकाया बजट को जारी कर देती है तो घाटे को पूरा किया जा सकता है. साथ ही दुकानें संचालित करने पर भी आसानी होगी. उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार को कई बार अवगत करा चुके हैं, लेकिन बजट नहीं मिल पा रहा है.