नैनीताल: लॉकडाउन से प्रदेश के युवा अधिवक्ताओं को हो रही परेशानियों और आर्थिक संकट से जूझ रहे अधिवक्ताओं को नैनीताल हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने अधिवक्ताओं की आर्थिक मदद किए जाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की खंडपीठ में सरकार ने जवाब पेश किया. जवाब में बताया कि अधिवक्ता कल्याण कोष में 2 करोड़ रुपये की व्यवस्था हो गई है. इसे योजना बनाकर नए और युवा अधिवक्ताओं में बांटा जाएगा.
सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने 78.50 लाख रुपये अधिवक्ता कल्याण कोष कमेटी के खाते में अवमुक्त कर दिए हैं. लगभग इतनी ही राशि उत्तराखंड बार कॉउंसिल के पास व कुछ राशि अन्य खातों में है. इसे अब राज्य के उन युवा अधिवक्ताओं को बांटा जाएगा जिनकी प्रैक्टिस पांच साल से कम है. इसके लिए अधिवक्ता कल्याण कोष कमेटी जरूरतमंद अधिवक्ताओं से आवेदन पत्र मंगाएगी. इसके लिए सभी बार एसोसिएशन से आवेदन मांगा जाएगा. ताकि जरूरतमंदों को आर्थिक मदद दी जाएगी. साथ ही कोर्ट ने सरकार के इस फैसले के बाद याचिका को निस्तारित कर दिया.
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बता दें कि देहरादून के अधिवक्ता मनमोहन कंडवाल व अन्य ने कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. दायर याचिका में कोरोना वायरस से बचाव के लिए हुए देशव्यापी लॉकडाउन से अधिवक्ताओं का काम ठप होने व उनकी आर्थिक स्थिति खराब होने को ध्यान में रखते हुए उनकी आर्थिक मदद की मांग की थी. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कार्तिकेय गुप्ता ने हाईकोर्ट व राज्य सरकार के इस निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि युवा अधिवक्ताओं को इस मदद से कुछ हद तक राहत मिलेगी.