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उत्तराखंड स्थापना दिवसः पलायन का दीमक पहाड़ को कर रहा वीरान, 4400 गांव पूरी तरह से खाली - पहाड़ों में बढ़ रहा है पलायन

आज उत्तराखंड को बने हुए 19 वर्ष पूरे हो चुके हैं. इतने वर्षों में राज्य का अपेक्षित विकास नहीं हो पाया. सुविधाओं के अभाव में राज्य से पलायन बदस्तूर जारी है. करीब 4,400 गांवों में राज्य स्थापना दिवस के मौके पर खुशियां मनाने वाला कोई नहीं है.

उत्तराखंड
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Published : Nov 9, 2019, 10:56 AM IST

Updated : Nov 9, 2019, 11:23 AM IST

हल्द्वानीः उत्तराखंड गठन के आज 19 साल पूरे हो गए हैं. आज ही के दिन 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड अलग राज्य बना था. 19 साल पहले के अतीत में झांकें तो उत्तराखंड के गांव के लोग खुशहाल होने का सपना देख रहे थे, उन्हें उम्मीद थी कि एक अलग राज्य गठन के बाद विकास की नई बयार बहेगी. शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार आदि सभी क्षेत्रों में सुधार होगा, लेकिन आंदोलनकारियों और जनता के सपने सब चकनाचूर हो गए. बीजेपी और कांग्रेस ने तो इन 19 सालों में उत्तराखंड की केवल राजनीति की है. पलायन का दीमक पिछले 19 सालों से पहाड़ को वीरान कर रहा है. देखिए एक रिपोर्ट...

उत्तराखंड को बने हुए 19 वर्ष पूरे हुए.

राज्य बनने के 19 साल बाद हुए विकास कार्यों का प्रदेश की दोनों बड़ी पार्टियां श्रेय लेने से नहीं चुकतीं. कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने19 साल में हुए विकास कार्यों को लेकर अपनी पार्टी की तारीफ व त्रिवेंद्र सरकार को कोस रही हैं. वे अपनी सरकार की विकास योजनाओं का ढिंढोरा पीट रही हैं.

वास्तव में जिन सपनों को लेकर उत्तराखंड का निर्माण किया गया था वह सपना अभी भी अधूरा है. दोनों सरकारों ने उत्तराखंड पर राज किया, लेकिन यहां की जनता के लिए जो विकास होना था वह नहीं हो पाया.

सरकारों ने पहाड़ से होने वाले पलायन पर कोई काम नहीं किया है. पहाड़ के लिए पलायन के लिए दोनों पार्टियों के नेता जिम्मेदार हैं, ऐसे में सरकार को एक बार फिर उत्तराखंड को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए सोच की जरूरत है तभी उत्तराखंड की विकास हो पाएगा.

कांग्रेस नेता इंदिरा हृदयेश का कहना है कि इन 19 साल में केवल विकास किया तो नारायण दत्त तिवारी सरकार ने. इस सरकार ने उत्तराखंड के लिए बहुत कुछ किया लेकिन बीजेपी सरकार आते ही यह सभी विकास काम ठप हो चुके हैं. सड़कें टूटी हुईं हैं, पहाड़ से लगातार प्लान हो रहे हैं. बीजेपी के पास प्रदेश के विकास के लिए कोई भी विजन नहीं है.

लालकुआं के बीजेपी विधायक नवीन दुम्का का मानना है कि उत्तराखंड राज्य निर्माण के दौरान उन्होंने भी आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लिया था जिन सपनों को लेकर उत्तराखंड बनाया गया था वह सपने कम ही पूरे हुए हैं. उन्होंने अपनी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि प्रदेश में जब-जब बीजेपी की सरकार आई तब तक प्रदेश में विकास हुआ है, लेकिन पलायन एक बड़ी समस्या है इसको लेकर सरकार को कोई ठोस कदम उठाना चाहिए. पलायन रोकने के लिए सरकार द्वारा काम किया जा रहा है.

उत्तराखंड को बने 19 साल पूरे हो चुके हैं लेकिन पहाड़ से लगातार पलायन एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. आंकड़ों के मुताबिक राज्य जनगणना 2001 के अनुसार 1,065 गांवों में पलायन हुआ था, जबकि जनगणना 2011 के अनुसार1059 गांव खाली हो गए वहीं 2013 में आई आपदा के बाद सरकारों की संवेदनशीलता की कमी के कारण 4,400 गांव से लोग पलायन करने पर मजबूर हो गए.

यह भी पढ़ेंः 19 सालों में उत्तराखंड पुलिस ने क्या पाया, डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार से खास बातचीत

उत्तराखंड के एक गांव में ज्यादा से ज्यादा 150 परिवार और कम से कम 50 परिवार रहते हैं. उत्तराखंड की कुल जनसंख्या में करीब 27% लोग हर साल पहाड़ से पलायन कर रहे हैं. जिसका अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूरे उत्तराखंड में पिछले 19 साल में करीब 4,400 गांव खाली हो चुके हैं, जिसमें पिछले 19 सालों में 33 लाख लोगों ने अपने घर छोड़े हैं. कुमाऊं मंडल में करीब-करीब एक लाख 35 हजार मकान खाली हो चुके हैं जिसमें ताला लटका हुआ है. जबकि गढ़वाल मंडल में एक लाख 52 हजार मकान खाली हो चुके हैं.

बहरहाल उत्तराखंड को 19 साल पूरे हुए औऱ इन 19 सालों में हमने कुछ पाया तो नहीं बल्कि खोया जरूर. राज्य के करीब 4,400 गांव में राज्य स्थापना दिवस की खुशियां मनाने वाला कोई नहीं है.

हल्द्वानीः उत्तराखंड गठन के आज 19 साल पूरे हो गए हैं. आज ही के दिन 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड अलग राज्य बना था. 19 साल पहले के अतीत में झांकें तो उत्तराखंड के गांव के लोग खुशहाल होने का सपना देख रहे थे, उन्हें उम्मीद थी कि एक अलग राज्य गठन के बाद विकास की नई बयार बहेगी. शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार आदि सभी क्षेत्रों में सुधार होगा, लेकिन आंदोलनकारियों और जनता के सपने सब चकनाचूर हो गए. बीजेपी और कांग्रेस ने तो इन 19 सालों में उत्तराखंड की केवल राजनीति की है. पलायन का दीमक पिछले 19 सालों से पहाड़ को वीरान कर रहा है. देखिए एक रिपोर्ट...

उत्तराखंड को बने हुए 19 वर्ष पूरे हुए.

राज्य बनने के 19 साल बाद हुए विकास कार्यों का प्रदेश की दोनों बड़ी पार्टियां श्रेय लेने से नहीं चुकतीं. कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने19 साल में हुए विकास कार्यों को लेकर अपनी पार्टी की तारीफ व त्रिवेंद्र सरकार को कोस रही हैं. वे अपनी सरकार की विकास योजनाओं का ढिंढोरा पीट रही हैं.

वास्तव में जिन सपनों को लेकर उत्तराखंड का निर्माण किया गया था वह सपना अभी भी अधूरा है. दोनों सरकारों ने उत्तराखंड पर राज किया, लेकिन यहां की जनता के लिए जो विकास होना था वह नहीं हो पाया.

सरकारों ने पहाड़ से होने वाले पलायन पर कोई काम नहीं किया है. पहाड़ के लिए पलायन के लिए दोनों पार्टियों के नेता जिम्मेदार हैं, ऐसे में सरकार को एक बार फिर उत्तराखंड को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए सोच की जरूरत है तभी उत्तराखंड की विकास हो पाएगा.

कांग्रेस नेता इंदिरा हृदयेश का कहना है कि इन 19 साल में केवल विकास किया तो नारायण दत्त तिवारी सरकार ने. इस सरकार ने उत्तराखंड के लिए बहुत कुछ किया लेकिन बीजेपी सरकार आते ही यह सभी विकास काम ठप हो चुके हैं. सड़कें टूटी हुईं हैं, पहाड़ से लगातार प्लान हो रहे हैं. बीजेपी के पास प्रदेश के विकास के लिए कोई भी विजन नहीं है.

लालकुआं के बीजेपी विधायक नवीन दुम्का का मानना है कि उत्तराखंड राज्य निर्माण के दौरान उन्होंने भी आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लिया था जिन सपनों को लेकर उत्तराखंड बनाया गया था वह सपने कम ही पूरे हुए हैं. उन्होंने अपनी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि प्रदेश में जब-जब बीजेपी की सरकार आई तब तक प्रदेश में विकास हुआ है, लेकिन पलायन एक बड़ी समस्या है इसको लेकर सरकार को कोई ठोस कदम उठाना चाहिए. पलायन रोकने के लिए सरकार द्वारा काम किया जा रहा है.

उत्तराखंड को बने 19 साल पूरे हो चुके हैं लेकिन पहाड़ से लगातार पलायन एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. आंकड़ों के मुताबिक राज्य जनगणना 2001 के अनुसार 1,065 गांवों में पलायन हुआ था, जबकि जनगणना 2011 के अनुसार1059 गांव खाली हो गए वहीं 2013 में आई आपदा के बाद सरकारों की संवेदनशीलता की कमी के कारण 4,400 गांव से लोग पलायन करने पर मजबूर हो गए.

यह भी पढ़ेंः 19 सालों में उत्तराखंड पुलिस ने क्या पाया, डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार से खास बातचीत

उत्तराखंड के एक गांव में ज्यादा से ज्यादा 150 परिवार और कम से कम 50 परिवार रहते हैं. उत्तराखंड की कुल जनसंख्या में करीब 27% लोग हर साल पहाड़ से पलायन कर रहे हैं. जिसका अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूरे उत्तराखंड में पिछले 19 साल में करीब 4,400 गांव खाली हो चुके हैं, जिसमें पिछले 19 सालों में 33 लाख लोगों ने अपने घर छोड़े हैं. कुमाऊं मंडल में करीब-करीब एक लाख 35 हजार मकान खाली हो चुके हैं जिसमें ताला लटका हुआ है. जबकि गढ़वाल मंडल में एक लाख 52 हजार मकान खाली हो चुके हैं.

बहरहाल उत्तराखंड को 19 साल पूरे हुए औऱ इन 19 सालों में हमने कुछ पाया तो नहीं बल्कि खोया जरूर. राज्य के करीब 4,400 गांव में राज्य स्थापना दिवस की खुशियां मनाने वाला कोई नहीं है.

Intro:sammry- 19 साल का उत्तराखंड पलायन एक दर्द(स्पेशल) एंकर- उत्तराखंड गठन के आज 19 साल पूरे हो गए आज ही के दिन 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड अपने अस्तित्व में आया था। 19 साल पहले के अतीत में झांक कर देखें तो उत्तराखंड के गांव के लोग खुशहाल होने का एक अलग सपना देख रहे थे उन्हें उम्मीद थी कि एक अलग राज्य गठन के बाद विकास की नई बयार बहेगी शिक्षा, स्वास्थ्य ,जमीन ,जंगल और रोजगार की आस लेकिन आंदोलनकारियों और जनता के सपने सब चकनाचूर हो गए बीजेपी और कांग्रेस ने तो इन 19 सालों में उत्तराखंड की केवल राजनीति की है मगर सुविधा के अभाव में पलायन का दीमक पिछले 19 सालों से पहाड़ की गोद को वीरान कर रहा है देखिए एक रिपोर्ट


Body:राज्य के बने 19 साल बाद हुए विकास कार्य में प्रदेश के दोनों बड़ी पार्टियां अपनी-अपनी श्रेय लीला नहीं भूली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हरदेश 19 साल में हुए विकास कार्य को लेकर अपनी ही पार्टी की तारीफ कर त्रिवेंद्र सरकार को कोस रही हैं जबकि कि वे अपनी सरकार की विकास की योजनाओं को ढिंढोरा पीट रही हैं। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव और कांग्रेस के कद्दावर नेता भी मान रहे हैं कि जिन सपनों को लेकर उत्तराखंड का निर्माण किया गया था आज वह सपना अभी भी अधूरा है ।दोनों सरकारों ने उत्तराखंड पर बारी-बारी से राज किया लेकिन यहां की जनता के लिए जो विकास होना था वह नहीं हो पाया। सरकारों ने पहाड़ से होने वाले पलायन पर कोई काम नहीं किया है पहाड़ के लिए पलायन के लिए दोनों पार्टियों के नेता जिम्मेदार हैं ऐसे में सरकार को एक बार फिर उत्तराखंड को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए सोच की जरूरत है तभी उत्तराखंड की विकास हो पाएगा। बाइट प्रकाश जोशी पूर्व राष्ट्रीय सचिव कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हरदेश का कहना है कि इन 19 साल में केवल विकास किया तो कांग्रेस ने नारायण दत्त तिवारी सरकार ने उत्तराखंड के लिए बहुत कुछ किया लेकिन बीजेपी सरकार आते ही यह सभी विकास काम ठप हो चुके हैं सड़कें टूटी हुई है पहाड़ से लगातार प्लान हो रहे हैं लेकिन बीजेपी के पास प्रदेश के विकास के लिए कोई भी विजन नहीं है। बाइट इंद्रा हिरदेश नेता प्रतिपक्ष। लालकुआं के बीजेपी विधायक नवीन दुमका का मानना है कि उत्तराखंड राज्य निर्माण के दौरान उन्होंने भी आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लिया था जिन सपनों को लेकर उत्तराखंड बनाया गया था वह सपने थोड़ा बहुत जरूर पूरा हुआ है। उन्होंने अपने सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि प्रदेश में जब-जब बीजेपी की सरकार आई तब तक प्रदेश में विकास हुआ है लेकिन पलायन एक बड़ी समस्या है इसको लेकर सरकार को कोई ठोस कदम उठाना चाहिए पलायन रोकने के लिए सरकार द्वारा काम किया जा रहा है। बाइट नवीन दुम्का विधायक लालकुआं। उत्तराखंड के बने 19 साल पूरे हो चुके हैं लेकिन पहाड़ से लगातार पलायन एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। आंकड़ों के मुताबिक राज्य गाना 2001 अनुसार 1065 गांव पार से प्रदान किया था जबकि जनगणना 2011 के अनुसार1059 किया था तो वहीं 2013 में आई आपदा के बाद सरकारो की संवेदनशीलता की कमी के कारण 44000 गांव पलायन करने पर मजबूर हो गया। उत्तराखंड के एक गांव में ज्यादा से ज्यादा 150 परिवार और कम से कम 50 परिवार रहते हैं उत्तराखंड की कुल जनसंख्या में करीब 27% लोग हर साल पहाड़ से प्लान कर रहे हैं जिसका अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूरे उत्तराखंड में पिछले 19 साल में करीब 4400 गांव खाली हो चुके हैं जिसमें पिछले 19 सालों में 33 लाख लोगों ने अपने घर छोड़े हैं। कुमाऊं मंडल में करीब करीब 1लाख 35 हजार मकान खाली हो चुके हैं जिसमें ताला लटक चुके हैं जबकि गढ़वाल मंडल में 1लाख 52 हजार मकान खाली हो चुके हैं।


Conclusion:बहराल उत्तराखंड को 19 साल पूरे हुए औऱ इन 19 सालों में हमने कुछ पाया तो नहीं बल्कि खोया जरूर राज्य के करीब 4400 गांव जिन गांव में अब राज्य स्थापना दिवस के मौके पर इस गांव में खुशियां मनाने वाला कोई नहीं है।
Last Updated : Nov 9, 2019, 11:23 AM IST
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