मसूरी/कालाढूंगीः देहरादून के मसूरी में भाजपा कार्यकर्ताओं ने भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया. मसूरी महात्मा योगेश्वर शिशु विद्या मंदिर के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मसूरी भाजपा मंडल अध्यक्ष मोहन पेटवाल के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित की. इस दौरान वक्ताओं ने डॉ. मुखर्जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कार्यकर्ताओं से उनके आदर्शों को जीवन में उतारने की अपील की.
इस मौके पर गोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें भाजपा के वरिष्ठ नेता मदनमोहन शर्मा ने डॉ. मुखर्जी के जीवन पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने दिल्ली से लेकर श्रीनगर तक भारतीय संविधान के विभाजनकारी प्रावधानों का पुरजोर विरोध किया था. उन्होंने एक निशान, एक विधान, एक प्रधान नारा दिया. मसूरी भाजपा मंडल अध्यक्ष मोहन पेटवाल ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक महान शिक्षाविद और चिंतक के साथ जनसंघ के संस्थापक भी थे.
उन्हें आज भी एक प्रखर राष्ट्रवादी और समर्पित देशभक्त के रूप में याद किया जाता है. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सच्चे अर्थों में मानवता के उपासक और सिद्धांतों के पक्के इंसान थे. संसद में उन्होंने सदैव राष्ट्रीय एकता की स्थापना को ही अपना प्रथम लक्ष्य माना था. संसद में दिए अपने भाषण में उन्होंने पुरजोर शब्दों में कहा था कि राष्ट्रीय एकता के धरातल पर ही सुनहरे भविष्य की नींव रखी जा सकती है.
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भाजपा कार्यकर्ताओं ने मनाया बलिदान दिवसः कालाढूंगी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत चकलुवा क्षेत्र में कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत ने भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि को बलिदान दिवस के रूप में मनाया. विधायक भगत ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने एक देश में दो प्रधान, दो निशान, दो विधान नहीं होने चाहिए का नारा दिया था. जो असल में जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने को लेकर एक मुहिम छेड़ी थी.
विधायक भगत ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी पहले कांग्रेस पार्टी के नेता थे और उस समय कश्मीर की स्थिति को देखते हुए उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दिया था. इसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी बनाई, जो धीरे धीरे भारतीय जनता पार्टी के रूप में सामने आई. उन्होंने कहा कि उस समय यदि श्यामा प्रसाद मुखर्जी कांग्रेस से इस्तीफा देकर नई पार्टी नहीं बनाते तो आज भारतीय जनता पार्टी अस्तित्व में ना होती.