हल्द्वानी: बीते दिन शुक्रवार को हुई धामी कैबिनेट में उपनल (उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम) कर्मचारियों को मांगों पर कोई फैसला नहीं लिया गया, जिससे उपनल कर्मी में काफी आक्रोश है. अब उन्होंने सरकार से आरपार की लड़ाई का मन बना दिया है.
बता दें कि कुमाऊं के सबसे बड़े सुशील तिवारी हॉस्पिटल हल्द्वानी में कार्यरत 700 से ज्यादा उपनल कर्मी 24 दिनों से अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. इन कर्मचारियों को उम्मीद थी कि शुक्रवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा. लेकिन सरकार ने उपनल कर्मियों को लेकर कोई फैसला नहीं लिया. ऐसे में हड़ताल पर बैठे उपनल कर्मियों का आक्रोश बढ़ गया है.
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शनिवार को हल्द्वानी में प्रेस वार्ता कर मुख्य संरक्षक संजय कुमार पांडे और स्टाफ नर्स मोनिका नंद ने कहा कि उन्होंने अब आगे की रणनीति तैयार कर ली है. वे सरकार के आरपार की लड़ाई के मूड में है. अब वे सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करेंगे और इसका परिणाम सरकार को आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा.
उपनल कर्मचारियों का कहना है कि समान काम समान वेतन की उनकी मांग को सरकार को हर हाल में मानना होगा. गौरतलब है कि सुशीला तिवारी अस्पताल में 700 से अधिक उपनल कर्मचारी हैं, जो कई सालों से कार्यरत हैं, लेकिन अभीतक न तो उन्हें स्थायी किया गया और न ही सामान समान काम समान वेतन लागू किया गया.