हल्द्वानीः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक में उपनल कर्मचारियों के ₹2000 से लेकर ₹3000 मानदेय में वृद्धि करने का फैसला लिया, लेकिन कर्मचारी इससे कतई संतुष्ट नहीं हैं. इसी कड़ी में आज नाराज कर्मचारी काली पट्टी बांधकर सड़कों पर उतरे और सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. उनका कहना है कि मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों को दोगुना वेतन देने की बात कही थी, लेकिन उनके साथ धोखा किया गया है.
बता दें कि सुशीला तिवारी अस्पताल के 700 से अधिक उपनल कर्मचारी बीते 42 दिन से कार्य बहिष्कार कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. कर्मचारी समान कार्य-समान वेतन और स्थायी नियुक्ति आदि की मांग पर अड़े हैं. अभी तक हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में धरना प्रदर्शन कर अपनी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बना रहे थे, लेकिन मंगलवार को कैबिनेट के फैसले में वेतन में मामूली वृद्धि किए जाने से नाराज कर्मचारी सड़कों पर उतर आए. इस दौरान नारेबाजी करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने मेडिकल स्टाफ को कोरोना वॉरियर्स घोषित किया था, साथ ही सरकार ने कहा था कि उनके वेतन में दोगुनी वृद्धि की जाएगी, लेकिन सरकार उनको सम्मान देने के बजाय मामूली वेतन में वृद्धि कर उनको अपमानित करने का काम किया है.
ये भी पढ़ेंः कैबिनेट बैठक: उपनलकर्मियों का मानदेय बढ़ा, आशाओं के लिए खुशखबरी
आत्मदाह की दी चेतावनीः उपनल कर्मचारियों ने प्रदर्शन करते हुए कहा है कि सरकार से उनकी एक ही मांग है कि समान कार्य समान वेतन के साथ-साथ उनकी स्थायी नियुक्ति की जाए. क्योंकि, पिछले 15 सालों से कर्मचारी मामूली वेतन पर काम कर रहे हैं. अपनी मांगों को लेकर सरकार से कई बार गुहार भी लगा चुके हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को सुनने के बजाय उनके वेतन में मामूली वृद्धि कर लॉलीपॉप पकड़ाने का काम किया है. कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो आत्मदाह करने को मजबूर होंगे.
ये भी पढ़ेंः उपनल कर्मियों के बढ़े मानदेय का जल्द होगा शासनादेश, गणेश जोशी ने किया आश्वस्त
अब तक क्या हुआ? गौर हो कि उपनल कर्मचारियों की मानदेय वृद्धि की मांग को लेकर सरकार ने उप समिति का गठन किया था. उप समिति ने उपनल के जरिए कार्यरत संविदा कर्मियों को उनकी श्रेणी के अनुसार मानदेय वृद्धि की सिफारिश की थी. इसके तहत अकुशल श्रमिकों को न्यूनतम 15 हजार, अर्द्ध कुशल को न्यूनतम 19 हजार, कुशल को न्यूनतम 22 हजार और अधिकारी वर्ग को 40 हजार मानदेय देना प्रस्तावित किया गया था. जिसके बाद यह प्रस्ताव मंत्रिमंडल के समक्ष मंजूरी के लिए रखा गया. ऐसे में कैबिनेट ने 10 साल से अधिक सेवा देने वाले उपनल कर्मचारियों का मानेदय 3000 रुपएऔर 10 साल से कम सेवा देने वाले कर्मचारियों का मानदेय 2000 रुपए बढ़ाने की मंजूरी दे दी है.