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सुशीला तिवारी हॉस्पिटल के उपनल कर्मियों का प्रदर्शन, पीपीई किट पहनकर मानव श्रृंखला बनाई

सुशीला तिवारी हॉस्पिटल हल्द्वानी में कार्यरत उपनल कर्मचारियों की हड़ताल को 45 दिन से ज्यादा हो चुके हैं. लेकिन सरकार उनकी मांगों को मानने को तैयार नहीं है. यहीं कारण है कि हड़ताल कर्मचारी रोज अनोखा आंदोलन कर सरकार तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं.

Sushila Tiwari Hospital Haldwani news
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Published : Oct 16, 2021, 10:07 PM IST

हल्द्वानी: सुशीला तिवारी हॉस्पिटल हल्द्वानी में कार्यरत उपनल कर्मचारियों की हड़ताल को 45 दिन से ज्यादा हो चुके हैं. लेकिन सरकार उनकी मांगों को मानने को तैयार नहीं है. यहीं कारण है कि हड़ताल कर्मचारी रोज अनोखा आंदोलन कर सरकार तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. शनिवार को भी हड़ताली कर्मचारियों ने पीपीई किट पहनकर मानव श्रृंखला बनाई और विरोध प्रदर्शन किया.

हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि नींद से जागने को तैयार नहीं है. पिछले 45 दिन से वो धरने पर बैठे हैं, लेकिन उनकी मांगों पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है. हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने कोरोना काल में मरीजों की जान बचाई. सब कुछ बेहतर करके दिया है, लेकिन सरकार उनकी एक भी सुनने को तैयार नहीं है.

पढ़ें- 25 अक्टूबर को होगा अखाड़ा परिषद के नए अध्यक्ष का ऐलान, संतों की नाराजगी पर भी बोले हरि गिरि

हड़ताली कर्मचारियों ने कहा कि आज उन्होंने 10 मिनट तक पीपीई किट पहनकर सरकार का विरोध किया है. इस प्रदर्शन के जरिए उन्होंने ये दिखाया है कि 10 मिनट में उनका इतना पसीना निकल गया तो पूरे कोरोना काल में उनका क्या हाल हुआ होगा.

हड़ताली कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें सामान काम के तहत सामान वेतन मिलना चाहिए. यदि सरकार ये नहीं दे सकती तो कम के कम कोरोना योद्धाओं को एक सम्मानजनक वेतन देने पर विचार तो कर सकती है.

हल्द्वानी: सुशीला तिवारी हॉस्पिटल हल्द्वानी में कार्यरत उपनल कर्मचारियों की हड़ताल को 45 दिन से ज्यादा हो चुके हैं. लेकिन सरकार उनकी मांगों को मानने को तैयार नहीं है. यहीं कारण है कि हड़ताल कर्मचारी रोज अनोखा आंदोलन कर सरकार तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. शनिवार को भी हड़ताली कर्मचारियों ने पीपीई किट पहनकर मानव श्रृंखला बनाई और विरोध प्रदर्शन किया.

हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि नींद से जागने को तैयार नहीं है. पिछले 45 दिन से वो धरने पर बैठे हैं, लेकिन उनकी मांगों पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है. हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने कोरोना काल में मरीजों की जान बचाई. सब कुछ बेहतर करके दिया है, लेकिन सरकार उनकी एक भी सुनने को तैयार नहीं है.

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हड़ताली कर्मचारियों ने कहा कि आज उन्होंने 10 मिनट तक पीपीई किट पहनकर सरकार का विरोध किया है. इस प्रदर्शन के जरिए उन्होंने ये दिखाया है कि 10 मिनट में उनका इतना पसीना निकल गया तो पूरे कोरोना काल में उनका क्या हाल हुआ होगा.

हड़ताली कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें सामान काम के तहत सामान वेतन मिलना चाहिए. यदि सरकार ये नहीं दे सकती तो कम के कम कोरोना योद्धाओं को एक सम्मानजनक वेतन देने पर विचार तो कर सकती है.

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