हल्द्वानी: काठगोदाम से हैड़ाखान जाने वाला मार्ग भूस्खलन के चलते 11 दिनों से बंद है. लोक निर्माण और जिला प्रशासन सड़क खोलने में जुटा हुआ है, लेकिन पहाड़ से लगातार आ रहे मलबे से मार्ग खोलने में बाधा उत्पन्न हो रही है. वहीं केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री व नैनीताल सांसद अजय भट्ट ने मौके पर जाकर हालात का जायजा लिया. इस दौरान गुस्साए ग्रामीणों ने उनका घेराव कर समस्याओं से अवगत कराया.
उधर भू-वैज्ञानिकों ने प्रारंभिक रिपोर्ट लोनिवि को सौंप दी गई है. इसमें पूरी पहाड़ी को संवेदनशील बताया गया है. लोनिवि विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है. इसके बाद ही यह तय किया जाएगा कि सड़क को कैसे बनाया जाएगा. केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री एवं नैनीताल सांसद अजय भट्ट ने आज भूस्खलन स्थल का निरीक्षण किया. साथ ही उन्होंने मार्ग खोलने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया. उन्होंने कहा कि मार्ग को खोलने से पहले वैकल्पिक मार्ग तैयार किया जाए, जिससे लोगों को आने जाने में सुविधा हो सके. मार्ग बंद हो जाने से काठगोदाम से रीठा साहिब तक जाने वाले पहाड़ के करीब दो सौ गांवों के लोगों को मुसीबत झेलनी पड़ रही है.
ग्रामीण खेतों में तैयार फसल और अन्य सामान सिर व कंधों पर लादकर जंगल के उबड़-खाबड़ रास्तों से सफर करने को मजबूर हैं. गौरतलब है कि काठगोदाम थाने से दो किलोमीटर आगे बढ़ते ही सड़क पर भूस्खलन हो रहा है. लोक निर्माण विभाग पोकलैंड मशीन लगाकर मलबा हटाने का काम कर रहा है, लेकिन पहाड़ी दरकने से फिर मलबा सड़क पर आ रहा है, जिससे मार्ग खोलने में बाधा उत्पन्न हो रही है.
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बता दें कि काठगोदाम-हैड़ाखान रोड (Kathgodam Haidakhan road blocked) 14 नवंबर की सुबह से भारी भूस्खलन की वजह से बंद है. इस मार्ग के बंद होने से हैड़ाखान और उसके आसपास के कई गांवों से संपर्क कट गया है. जिसके कारण खाद्यान्न, गैस और स्वास्थ्य सुविधाएं चरमरा गई हैं.
गांवों तक रसद और अन्य जरूरी सामान पहुंचाना मुश्किल हो गया है. पहले सामान को हल्द्वानी से खरीदकर मलबे वाली जगह तक लाया जाता है. फिर सिलेंडर, सब्जी और अन्य जरूरी सामान सिर पर लादकर लोग बैंड नंबर नौ तक पहुंचते हैं. यहां से फिर दूसरे वाहनों से सामान को गांवों में पहुंचाया जा रहा है.
सामान की कमी के चलते दाम बढ़ गए हैं. घरेलू सिलिंडर 2000 रुपये, टमाटर 100 रुपये किलो, आलू 80 रुपये किलो, बंदगोभी 70 रुपये किलो मिल रही है. पेट्रोल और डीजल 150 रुपये लीटर तक बिक रहा है. ग्रामीण पहले हल्द्वानी तक 50 से 70 रुपये में पहुंचते थे. अब दो जगह वाहन बदलने की वजह से हल्द्वानी तक आने में ही ग्रामीणों को 150 रुपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं.