हल्द्वानी: केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री व नैनीताल सांसद अजय भट्ट ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर काठगोदाम एचएमटी की भूमि पर दिल्ली एम्स की शाखा खोले जाने की मांग की है. अजय भट्ट ने मुख्यमंत्री को पत्र सौंपते हुए कहा है कि एचएमटी की भूमि पर दिल्ली एम्स की शाखा खोलने से पहाड़ी जिलों के गरीब मरीजों को बेहतर उपचार मिल सकेगा.
केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से वार्ता करते हुए कहा कि उत्तराखंड के कुमाऊं रीजन में ऊधमसिंह नगर के अंतर्गत किच्छा में सैटेलाइट एम्स स्थापित किए जाने की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है. इसका जल्दी ही कार्य प्रारंभ होने जा रहा है जो कि उत्तराखंड राज्य के लिए हर्ष का विषय है.
अजय भट्ट ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र के गंभीर रोगियों को दिल्ली या एम्स ऋषिकेश में जाना पड़ता है. दिल्ली एवं ऋषिकेश की दूरी कुमाऊं क्षेत्र से लगभग बराबर है. दिल्ली या ऋषिकेश जाने के बाद लोगों के पास ठहरने की कोई व्यवस्था भी नहीं हो पाती है. पर्याप्त संसाधन एवं धन का अभाव होने के कारण कई मरीज दिल्ली एवं ऋषिकेश जाने में ही अपना दम तोड़ देते हैं.
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियां भी अत्यधिक विषम है. बरसात में भूस्खलन, बाढ़ आदि का खतरा एवं सर्दियों में पर्वतीय क्षेत्रों में भारी हिमपात होने से काफी परेशानी होती है. यहां की भौगोलिक परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए एवं स्वास्थ्य सुविधाओं को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए कुमाऊं क्षेत्र में जिला नैनीताल के हल्द्वानी के एचएमटी भूमि पर दिल्ली एम्स की शाखा को स्थापित किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में उनकी एम्स के प्रोफेसर डॉ. श्रीनिवास से वार्ता हुई और उन्होंने यह आश्वासन दिया कि हल्द्वानी में एचएमटी भूमि उपलब्ध कराने पर एम्स दिल्ली की शाखा को स्थापित किया जा सकता है. इस विषय में पूर्व में एम्स के निदेशक श्रीनिवास से भी उनके द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की वार्ता कराई गई है.
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केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट ने बताया कि यदि एचएमटी की भूमि मिलती है तो दिल्ली एम्स की शाखा को स्थापित किया जाता है. एचएमटी में एम्स की शाखा स्थापित होने से पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चंपावत, नैनीताल एवं ऊधमसिंहनगर की जनता को बहुत बड़ी राहत मिलने के साथ ही निकटतम स्थान में ही स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकेगी. गंभीर रोगियों को एम्स दिल्ली में लाकर उच्च कोटि का उपचार दिया जा सकेगा.