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हल्द्वानी में पिता के इलाज के लिए दो मासूम बेटियां मांग रही चंदा, आयुष्मान कार्ड बना 'शोपीस'! - Haldwani daughters wandering for father treatment

हल्द्वानी निवासी गोपाल शर्मा ब्रेन हेमरेज से पीड़ित होकर दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में भर्ती हैं. वहीं, आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद उन्हें स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है. अबतक परिवार ने जैसे तैसे दो लाख रुपये खर्च किए, इसके बावजूद गोपाल की स्थिति में सुधार नहीं है. वहीं, आर्थिक संकट की वजह से गोपाल की 2 बेटियां दान पेटी लेकर लोगों से मदद की गुहार लगा रही हैं.

Daughters asking for donations for fathers treatment
पिता के इलाज के लिए दो मासूम बेटियां मांग रही चंदा
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Published : Jun 15, 2022, 3:49 PM IST

Updated : Jun 15, 2022, 4:18 PM IST

हल्द्वानी: अपने पिता के इलाज के लिए दो मासूम बेटियां दर-दर भटक रही हैं. दोनों बेटियां अब पिता के इलाज के लिए लोगों से चंदा मांग रही हैं. ताकि उनके पिता का इलाज हो सके. कुछ स्थानीय लोग इन बच्चियों की सहायता भी कर रहे हैं, लेकिन बच्चियों के पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह अपने पिता का अच्छे से इलाज करा सकें. दोनों लड़कियां का शहर में घूम-घूम कर लोगों से आर्थिक सहायता मांगना, कहीं न कहीं सरकारी सिस्टम पर भी सवाल खड़े कर रहा है. क्योंकि सरकारी आयुष्मान योजना होने के बावजूद गोपाल शर्मा को इलाज के लिए लाखों रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं.

बता दें कि डारिया धान मिल निवासी गोपाल शर्मा को कुछ दिन पहले ब्रेन हेमरेज हो गया. उन्हें इलाज के लिए स्थानीय लोग सुशीला तिवारी अस्पताल ले गए. सुशीला तिवारी अस्पताल से डॉक्टरों ने गोपाल को निजी हॉस्पिटल में रेफर कर दिया. वहां सामाजिक संगठन और स्थानीय लोगों की मदद से इलाज में करीब ₹2 लाख का खर्च हुआ, लेकिन स्थिति इतनी खराब हुई कि गोपाल शर्मा को दिल्ली भेजना पड़ा.

इन बच्चियों की फरियाद सुनो सरकार...

ये भी पढ़ें: कराटे में 5 नेशनल मेडल, दो बार ब्लैक बेल्ट, फिर भी पंचर बना रहे हल्द्वानी के मुकेश पाल

सफदरजंग अस्पताल में गोपाल शर्मा का इलाज चल रहा है. वहां उनकी दो सर्जरी हो चुकी हैं, लेकिन उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है. वे अभी भी आईसीयू में भर्ती हैं. मौत और जिंदगी के बीच जूझ रहे, लेकिन पैसा नहीं होने पर चलते उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है. गोपाल शर्मा की पत्नी उनकी देखभाल कर रही हैं. जबकि उनकी 7 और 8 वर्षीय दो बेटियां पिता के इलाज के दर-दर भटक रही हैं.

दोनों बेटियां पिता के इलाज के लिए दान पेटी में चंदा मांग रही हैं. यहां तक कि दोनों बच्चियों ने मंत्री से लेकर अधिकारियों तक गुहार लगाई है, लेकिन सरकार और सरकारी सिस्टम कोई भी सहायता नहीं कर रहा है. ऐसे में कुछ सामाजिक लोगों ने बच्चियों के पिता के इलाज के लिए लोगों से गुहार लगाई है. सामाजिक कार्यकर्ताओं ने लोगों से अपील की है कि जो कोई गोपाल शर्मा की मदद करना चाहता है, वह मदद कर सकता है.
गोपाल शर्मा सफदरगंज अस्पताल दिल्ली एसएसबी ब्लॉक आईसीयू फ्लोर नंबर 8 में बेड नंबर दो पर भर्ती हैं. उनकी मदद करने के लिए आप गोपाल शर्मा की पत्नी सुनीता शर्मा से मोबाइल नंबर 7668944395 पर संपर्क कर सकते हैं.

अटल आयुष्मान योजना 2022 का उद्देश्य: उत्तराखंड राज्य में आज भी बहुत से ऐसे लोग हैं जिनको गंभीर बीमारी होने के बावजूद वह आर्थिक रूप से कमज़ोर होने के कारण अपना इलाज नहीं करवा पा रहे है. इसी समस्या को कम करने के लिए राज्य सरकार ने राज्य के लोगों के लिए अटल आयुष्मान योजना 2022 को शुरू किया है. इस योजना के तहत भी आयुष्मान भारत योजना की तरह ही राज्य के लोगों को अपनी बीमारी का इलाज करवाने के लिए 5 लाख रुपये की निशुल्क चिकित्सा सुविधा प्रदान करना है. इस उत्तराखंड अटल आयुष्मान योजना 2022 के तहत राज्य के परिवार में चाहे कितने भी सदस्य हों या वह महिला हो या पुरुष अपना इलाज आसानी से करवा सकेंगे.

अटल आयुष्मान योजना गोल्डन कार्ड: इस योजना के अंतर्गत ब्रेन ट्यूमर, कैंसर, गुर्दा रोग, बाइपास सर्जरी, न्यूरो आदि बहुत सी बीमारियों का इलाज करवा सकते हैं. इस योजना के तहत 5 लाख रुपये का निशुल्क इलाज गोल्डन कार्ड के माध्यम से ही उपलब्ध कराया जाता है. राज्य का हर मरीज़ अपने ही गोल्डन कार्ड पर इलाज करवा सकता है.

हल्द्वानी: अपने पिता के इलाज के लिए दो मासूम बेटियां दर-दर भटक रही हैं. दोनों बेटियां अब पिता के इलाज के लिए लोगों से चंदा मांग रही हैं. ताकि उनके पिता का इलाज हो सके. कुछ स्थानीय लोग इन बच्चियों की सहायता भी कर रहे हैं, लेकिन बच्चियों के पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह अपने पिता का अच्छे से इलाज करा सकें. दोनों लड़कियां का शहर में घूम-घूम कर लोगों से आर्थिक सहायता मांगना, कहीं न कहीं सरकारी सिस्टम पर भी सवाल खड़े कर रहा है. क्योंकि सरकारी आयुष्मान योजना होने के बावजूद गोपाल शर्मा को इलाज के लिए लाखों रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं.

बता दें कि डारिया धान मिल निवासी गोपाल शर्मा को कुछ दिन पहले ब्रेन हेमरेज हो गया. उन्हें इलाज के लिए स्थानीय लोग सुशीला तिवारी अस्पताल ले गए. सुशीला तिवारी अस्पताल से डॉक्टरों ने गोपाल को निजी हॉस्पिटल में रेफर कर दिया. वहां सामाजिक संगठन और स्थानीय लोगों की मदद से इलाज में करीब ₹2 लाख का खर्च हुआ, लेकिन स्थिति इतनी खराब हुई कि गोपाल शर्मा को दिल्ली भेजना पड़ा.

इन बच्चियों की फरियाद सुनो सरकार...

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सफदरजंग अस्पताल में गोपाल शर्मा का इलाज चल रहा है. वहां उनकी दो सर्जरी हो चुकी हैं, लेकिन उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है. वे अभी भी आईसीयू में भर्ती हैं. मौत और जिंदगी के बीच जूझ रहे, लेकिन पैसा नहीं होने पर चलते उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है. गोपाल शर्मा की पत्नी उनकी देखभाल कर रही हैं. जबकि उनकी 7 और 8 वर्षीय दो बेटियां पिता के इलाज के दर-दर भटक रही हैं.

दोनों बेटियां पिता के इलाज के लिए दान पेटी में चंदा मांग रही हैं. यहां तक कि दोनों बच्चियों ने मंत्री से लेकर अधिकारियों तक गुहार लगाई है, लेकिन सरकार और सरकारी सिस्टम कोई भी सहायता नहीं कर रहा है. ऐसे में कुछ सामाजिक लोगों ने बच्चियों के पिता के इलाज के लिए लोगों से गुहार लगाई है. सामाजिक कार्यकर्ताओं ने लोगों से अपील की है कि जो कोई गोपाल शर्मा की मदद करना चाहता है, वह मदद कर सकता है.
गोपाल शर्मा सफदरगंज अस्पताल दिल्ली एसएसबी ब्लॉक आईसीयू फ्लोर नंबर 8 में बेड नंबर दो पर भर्ती हैं. उनकी मदद करने के लिए आप गोपाल शर्मा की पत्नी सुनीता शर्मा से मोबाइल नंबर 7668944395 पर संपर्क कर सकते हैं.

अटल आयुष्मान योजना 2022 का उद्देश्य: उत्तराखंड राज्य में आज भी बहुत से ऐसे लोग हैं जिनको गंभीर बीमारी होने के बावजूद वह आर्थिक रूप से कमज़ोर होने के कारण अपना इलाज नहीं करवा पा रहे है. इसी समस्या को कम करने के लिए राज्य सरकार ने राज्य के लोगों के लिए अटल आयुष्मान योजना 2022 को शुरू किया है. इस योजना के तहत भी आयुष्मान भारत योजना की तरह ही राज्य के लोगों को अपनी बीमारी का इलाज करवाने के लिए 5 लाख रुपये की निशुल्क चिकित्सा सुविधा प्रदान करना है. इस उत्तराखंड अटल आयुष्मान योजना 2022 के तहत राज्य के परिवार में चाहे कितने भी सदस्य हों या वह महिला हो या पुरुष अपना इलाज आसानी से करवा सकेंगे.

अटल आयुष्मान योजना गोल्डन कार्ड: इस योजना के अंतर्गत ब्रेन ट्यूमर, कैंसर, गुर्दा रोग, बाइपास सर्जरी, न्यूरो आदि बहुत सी बीमारियों का इलाज करवा सकते हैं. इस योजना के तहत 5 लाख रुपये का निशुल्क इलाज गोल्डन कार्ड के माध्यम से ही उपलब्ध कराया जाता है. राज्य का हर मरीज़ अपने ही गोल्डन कार्ड पर इलाज करवा सकता है.

Last Updated : Jun 15, 2022, 4:18 PM IST
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