हल्द्वानीः राज्यसभा से ट्रिपल तलाक बिल पास होने के बाद देश में इस कानून को लेकर अलग-अलग तरह की चर्चाएं हैं. अधिवक्ताओं में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. यह बिल राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद 19 सितंबर 2018 से लागू माना जाएगा. हल्द्वानी में अधिवक्ताओं का कहना है कि तीन तलाक को लेकर बनाए गए कानून में और सख्त सजा देने का प्रावधान किया जाना चाहिए.
अधिवक्ताओं का कहना है कि इस कानून के तहत दोषी पाए जाने पर 6 माह से 3 साल तक की सजा हो सकती है और सजा को कम करना या बढ़ाना मजिस्ट्रेट पर निर्भर करता है. अधिवक्ताओं का कहना है इस कानून को और कठोर बनाकर 3 साल से ज्यादा सजा रखनी चाहिए. ताकि आरोपी इस तरह के अपराध करने से बचें.
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अधिवक्ताओं का कहना है कि तीन तलाक के खिलाफ बिल पास हो जाने के बाद थोड़ा अपराध में कमी तो आएगी और लोग तलाक देने से पहले लोग सोचेंगे.
गौरतलब है कि लंबे समय से तीन तलाक बिल को लेकर असमंजस की स्थिति थी. लोकसभा में पास होने के बाद राज्यसभा में तीन तलाक बिल अटक गया था. मोदी सरकार के दोबारा सत्ता में आने के बाद तीन तलाक बिल राज्यसभा में पास हुआ.