हल्द्वानी: प्रदेश में पिछले तीन दिनों से हुई बारिश के बाद अब मौसम खुलने लगा है. कई मार्गों को बहाल किया गया है. वहीं, राज्य में बीते दिनों से लगातार हुए बारिश के कारण कुमाऊं मंडल में पहाड़ के सभी रास्ते बंद हो चुके हैं. ऐसे में इसका असर उत्तराखंड परिवहन निगम के ऊपर भी पड़ा है. कोरोना काल की वजह से पहले से ही घाटे में चल रहा परिवहन निगम को आपदा की वजह से और नुकसान उठाना पड़ा है. जगह-जगह पहाड़ों पर लैंडस्लाइड और सड़क टूटने के चलते सड़क मार्ग बंद है. जिसके चलते कुमाऊं मंडल के चार रोडवेज डिपो से संचालित होने वाली करीब 150 बसों के पहिया ठप हो गए हैं.
क्षेत्रीय प्रबंधक रोडवेज यशपाल सिंह का कहना है कि आपदा का असर रोडवेज की बसों पर भी पड़ा है. मैदानी क्षेत्र में जहां बसों के लिए यात्री नहीं मिल पा रहे हैं तो वही पहाड़ी क्षेत्र के सभी रोडवेज डिपो से संचालित होने वाली बसें संचालित नहीं हो पा रही हैं. जब तक सड़क मार्ग ठीक नहीं हो जाते तब तक बसों का संचालन नहीं किया जाएगा. उन्होंने बताया कि अल्मोड़ा डिपो से 30 बसें जबकि भवाली डिपो से 40, पिथौरागढ़ डिपो से 50 बसें जबकि नैनीताल से हल्द्वानी रूट पर 30 बसों का संचालन किया जाता है. जो पूरी तरह से बंद हैं.
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वहीं, सड़क बंद होने के कारण कई जगहों पर बस फंसी हुई हैं. उन्होंने बताया कि जब तक सड़क मार्ग ठीक नहीं हो जाता तब तक बसों का संचालन करना मुश्किल है. पहले से घाटे से सड़कों पर दौड़ रही रोडवेज को अब बसों के संचालन नहीं होने से घाटा उठाना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि आपदा के चलते बाहर से आने वाले पर्यटक भी नहीं आ पा रहे हैं. जिसके चलते मैदानी क्षेत्र में चलने वाली बसों के लिए भी यात्री नहीं मिल पा रहे हैं. जिसके चलते रोडवेज को नुकसान उठाना पड़ सकता है.