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आपदा के बाद वीरान पड़े नैनीताल के पर्यटन स्थल, बुकिंग कैंसिल कर रहे पर्यटक

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Published : Nov 3, 2021, 6:58 AM IST

Updated : Nov 3, 2021, 9:41 AM IST

कुमाऊं में आई आपदा के बाद पर्यटन कारोबार प्रभावित हुआ है. वहीं, पर्यटन नगरी नैनीताल कभी दीपावली के सीजन में सैलानियों से गुलजार रहने वाला आज वीरान पड़ा हुआ है.

nainital
नैनीताल

नैनीताल: कुमाऊं में 18 और 19 अक्टूबर की रात आई आपदा को कोई नहीं भूल सकता. आपदा से तबाही के घाव अभी भी ताजा हैं. वहीं, सरोवर नगरी नैनीताल अपने पर्यटन और मौसम के लिए देशभर में जाना जाता है और यहां हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं लेकिन इन दिनों उत्तराखंड के सभी पर्यटक स्थल वीरान पड़े हुए हैं.

गौर हो कि बीते दिनों नैनीताल जिले में आई आपदा के बाद से देश भर के पर्यटकों के दिल में डर समाया हुआ है. यही कारण है कि आज नैनीताल समेत उत्तराखंड के अधिकांश पर्यटक स्थल खाली हो चले हैं. नैनीताल जिले में 18 अक्टूबर को आई आपदा के चलते उत्तराखंड का पर्यटन कारोबार चौपट हो गया है. पर्यटकों के दिल में डर इस कदर व्याप्त है कि नैनीताल, रामगढ़, मुक्तेश्वर समेत पहाड़ी क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों ने अपनी होटलों की बुकिंग कैंसिल करवा दी है. केवल नैनीताल जिले में 95% होटल की बुकिंग रद्द हो गई हैं.

आपदा के बाद वीरान पड़े नैनीताल के पर्यटन स्थल.

पढ़ें- उत्तराखंड पर्यटन ने इंटरनेशनल लेवल पर जीता ‘वन टू वॉच’ पुरस्कार, कोरोना काल में बेहतर काम का इनाम

होटल कारोबारी बताते हैं कि दीपावली के समय नैनीताल के पर्यटन कारोबार के लिए उपयुक्त होता था और दीपावली के मौके पर हजारों की संख्या में पर्यटक दिल्ली, मुंबई, गुजरात, कोलकाता समेत आसपास के महानगरों से नैनीताल आते थे. लेकिन बीते दिनों नैनीताल जिले में आई आपदा से पर्यटक खौफजदा हैं और होटलों की बुकिंग रद्द करवा रहे हैं.

होटल कारोबारी वेद व्यास बताते हैं 15 नवंबर तक नैनीताल के होटलों में बुकिंग हो चुकी थी और 18 अक्टूबर को आई आपदा के बाद पर्यटकों ने सभी बुकिंग रद्द करवा दी हैं. अब नैनीताल समेत आसपास के पर्यटक स्थलों पर आसपास के क्षेत्र के लोग ही घूमने के लिए पहुंच रहे हैं. होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश शाह बताते हैं की पर्यटकों के नैनीताल ना आने से होटल कारोबार प्रभावित हुआ है, हालात इस कदर खराब है कि होटल कारोबारियों के सामने कर्मचारियों को वेतन देने तक के पैसे नहीं हैं.

पढ़ें- आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मिला दीपावली का तोहफा, सरकार ने बढ़ाया इतना मानदेय

वहीं, आईजी कुमाऊं नीलेश आनंद भरणे का कहना है कि पर्यटकों को नैनीताल का रुख करना चाहिए. नैनीताल में आपदा के बाद हालात पूरी तरह से सामान्य हैं, यातायात स्थिति भी ठीक हो गई है और मौसम बेहद सुहावना बना हुआ है. लिहाजा, पर्यटकों को बिना डरे नैनीताल समेत उत्तराखंड के पर्यटकों की तरफ आना चाहिए. पुलिस विभाग भी पर्यटकों के स्वागत के लिए पूरी तरह से तैयार है.

नैनीताल: कुमाऊं में 18 और 19 अक्टूबर की रात आई आपदा को कोई नहीं भूल सकता. आपदा से तबाही के घाव अभी भी ताजा हैं. वहीं, सरोवर नगरी नैनीताल अपने पर्यटन और मौसम के लिए देशभर में जाना जाता है और यहां हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं लेकिन इन दिनों उत्तराखंड के सभी पर्यटक स्थल वीरान पड़े हुए हैं.

गौर हो कि बीते दिनों नैनीताल जिले में आई आपदा के बाद से देश भर के पर्यटकों के दिल में डर समाया हुआ है. यही कारण है कि आज नैनीताल समेत उत्तराखंड के अधिकांश पर्यटक स्थल खाली हो चले हैं. नैनीताल जिले में 18 अक्टूबर को आई आपदा के चलते उत्तराखंड का पर्यटन कारोबार चौपट हो गया है. पर्यटकों के दिल में डर इस कदर व्याप्त है कि नैनीताल, रामगढ़, मुक्तेश्वर समेत पहाड़ी क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों ने अपनी होटलों की बुकिंग कैंसिल करवा दी है. केवल नैनीताल जिले में 95% होटल की बुकिंग रद्द हो गई हैं.

आपदा के बाद वीरान पड़े नैनीताल के पर्यटन स्थल.

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होटल कारोबारी बताते हैं कि दीपावली के समय नैनीताल के पर्यटन कारोबार के लिए उपयुक्त होता था और दीपावली के मौके पर हजारों की संख्या में पर्यटक दिल्ली, मुंबई, गुजरात, कोलकाता समेत आसपास के महानगरों से नैनीताल आते थे. लेकिन बीते दिनों नैनीताल जिले में आई आपदा से पर्यटक खौफजदा हैं और होटलों की बुकिंग रद्द करवा रहे हैं.

होटल कारोबारी वेद व्यास बताते हैं 15 नवंबर तक नैनीताल के होटलों में बुकिंग हो चुकी थी और 18 अक्टूबर को आई आपदा के बाद पर्यटकों ने सभी बुकिंग रद्द करवा दी हैं. अब नैनीताल समेत आसपास के पर्यटक स्थलों पर आसपास के क्षेत्र के लोग ही घूमने के लिए पहुंच रहे हैं. होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश शाह बताते हैं की पर्यटकों के नैनीताल ना आने से होटल कारोबार प्रभावित हुआ है, हालात इस कदर खराब है कि होटल कारोबारियों के सामने कर्मचारियों को वेतन देने तक के पैसे नहीं हैं.

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वहीं, आईजी कुमाऊं नीलेश आनंद भरणे का कहना है कि पर्यटकों को नैनीताल का रुख करना चाहिए. नैनीताल में आपदा के बाद हालात पूरी तरह से सामान्य हैं, यातायात स्थिति भी ठीक हो गई है और मौसम बेहद सुहावना बना हुआ है. लिहाजा, पर्यटकों को बिना डरे नैनीताल समेत उत्तराखंड के पर्यटकों की तरफ आना चाहिए. पुलिस विभाग भी पर्यटकों के स्वागत के लिए पूरी तरह से तैयार है.

Last Updated : Nov 3, 2021, 9:41 AM IST
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