नैनीताल: उत्तराखंड में बढ़ती महंगाई ने पर्यटन कारोबार की कमर तोड़ दी है. देश में तेजी से बढ़ रहे तेल व कच्चे सामान के चलते नैनीताल में घूमना और खाना-पीना महंगा हुआ है. चाय से लेकर रात के खाने तक के समान में दामों वृद्धि होने से लोग काफी परेशान हैं.
देश में तेजी से बढ़ रही महंगाई का असर नैनीताल के पर्यटन कारोबार पर भी देखा जा रहा है. नैनीताल के अधिकांश रेस्टोरेंट में खाने-पीने के दामों में तेजी से वृद्धि हुई है. चाट पार्क स्थित चाइना टाउन दुकान संचालक पान सिंह ढेला का कहना है कि महंगाई के चलते कारोबार प्रभावित हुआ है. जो गैस का सिलेंडर पहले 1200 रुपए का था, उसके दाम 1750 हो चले हैं. वहीं खाद्य तेल के दामों में भी तेजी बढ़ोत्तरी हुई है. खाद्य तेल का टिन जो पहले 1200 रुपए में आता था, वहीं अब 2500 रुपए में आ रहा है. इस वजह से खाद्य पदार्थों के दामों में इजाफा हुआ है.
महंगाई की मार झेल रहे रेस्टोरेंट संचालक गुलजार अहमद का कहना है कि पहले पूरा कारोबार कोरोना संक्रमण के चलते चौपट हुआ तो अब महंगाई से कारोबार मंदा हुआ है.
रेट लिस्ट:
व्यंजन | पहले का रेट | अब का रेट |
चाउमीन | 120 रुपए | 150 रुपए |
छोले-भटूरे | 80 रुपए | 110 रुपए |
पराठे | 80 रुपए | 120 रुपए |
मोमो | 60 रुपए | 80 रुपए |
नैनीताल का टैक्सी कारोबार भी इससे अछूता नहीं है. देश में तेजी से बढ़ रहे डीजल-पेट्रोल के दाम से नैनीताल के पर्यटक स्थलों का सफर महंगा हो चला है. टूर एंड टैक्सी एसोसिएशन के अध्यक्ष नीरज जोशी का कहना है कि डीजल और पेट्रोल के दामों में हो रही वृद्धि के चलते नैनीताल में सफर करीब 40% तक महंगा हो गया है.
टैक्सी कारोबारी अंकित भट्ट का कहना है कि पहले से ही नैनीताल में टैक्सी का कारोबार कम चल रहा था. लेकिन अब बढ़ती महंगाई के चलते सब ठप हो गया है. जहां पहले नैनीताल घूमने पर छोटी गाड़ी में 1200 से 1400 रुपए लगते थे, वहीं अब 1800 रुपए लग रहे हैं. जबकि बड़ी गाड़ी में पहले 2 हजार रुपए लगते थे अब 2500 रुपए लग रहे हैं.
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बता दें कि, नैनीताल आने वाले पर्यटकों को अब वाहन शुल्क के लिए भी अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी. अब तक छोटे वाहनों पर 1200 से 1400 लगते थे और अब 1800 लग रहे हैं. वहीं, अगर बात बड़े वाहनों की करें तो बड़ी गाड़ी में पहले 2 हजार रुपए लगते थे अब 2500 रुपए लग रहे हैं. वहीं, नैनीताल लेक टूर की बात करें तो वहां छोटे वाहनों में पहले 1800 से 2200 रुपये लगते थे, जो इस महंगाई के दौर में बढ़कर 2000 से 2500 हो गए हैं.
अगर हम रोप-वे की बात करें तो पहले इसमें 230 रुपए लगते थे, और अब 300 रुपए देने पड़ रहे हैं. वहीं केव गार्डन में पहले 60 रुपए लगते थे और अब 100 रुपए लग रहे हैं, जिससे पर्यटकों समेत सभी परेशान हैं.