नैनीताल: मंगोली खमारी गांव में बिजली कर्मचारी की गदेरे में बहने से मौत हो गई. एसडीएम राहुल शाह ने बताया कि खमारी निवासी चंद्र दत्त बिष्टानिया बुधवार देर शाम काम से वापस अपने घर लौट रहे थे. तभी पानी के तेज बहाव में वह बह गए. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना आपदा प्रबंधन कक्ष समेत पुलिस को दी. जिसके बाद खोजबीजन शुरू की गई, लेकिन कुछ पता नहीं चला. स्थानीय लोगों ने गांव के गदेरे में चंद्र दत्त का शव देखा और आपदा प्रबंधन कक्षा को इस संबंध में सूचना दी. वहीं, सीवर ट्रीटमेंट प्लांट पर भी खतरा पैदा गया है.
नैनीताल में बारिश से बाढ़ जैसे हालात: दो दिन से हो रही बारिश के चलते गांव के अधिकांश नदी और गदेरों के रौद्र रूप से गांव की अधिकांश सड़कें पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं. जिसके चलते ग्रामीणों का एक स्थान से दूसरे स्थान पर आना-जाना मुश्किल हो गया है. एसडीएम राहुल शाह ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ निरीक्षण कर स्थानीय लोगों को राहत पहुंचाने का काम किया है.
प्रभावित लोगों की मदद करने में जुटा प्रशासन: एसडीएम राहुल शाह ने बताया कि बीती रात हुई तेज बारिश के चलते गांव की सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है. साथ ही गांव की दो पवनचक्की और सिंचाई नहरें भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं. जिसके चलते ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि प्रशासन की टीम मौके पर पहुंचकर प्रभावित लोगों की मदद करने में जुटी हुई है. साथ ही लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को सड़कें और सिंचाई विभाग के अधिकारियों को क्षतिग्रस्त सिंचाई नहर दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं.
पीएम मोदी ने सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए दिए थे 77 करोड़ रुपए: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने हल्द्वानी कार्यक्रम के दौरान नैनीताल में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण को लेकर करीब 77.57 करोड़ रुपए दिए थे, ताकि नैनीताल में उत्पन्न हुई सीवर की समस्या से छुटकारा मिल सके. लेकिन जिस स्थान पर सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण हो रहा है, वहां पर बड़ा भूस्खलन हो गया है. जिससे सीवर ट्रीटमेंट प्लांट पर बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया है. क्षेत्र पंचायत सदस्य हिमांशु पांडे ने आरोप लगाया कि सीवर ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण से पहले कार्यदाई संस्था ने किसी भी प्रकार से भूमि का परीक्षण नहीं किया. जिसके चलते आज गांव के मुहाने पर बन रहा करोड़ों का सीवर ट्रीटमेंट प्लांट खतरे में है. साथ ही प्लांट निर्माण के चलते अब गांव में भूस्खलन होने लगा है. जिससे ग्रामीणों की जान पर खतरा मंडरा रहा है.
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ग्रामीणों ने अनियमितता की जांच करवाने की उठाई मांग: ग्रामीणों ने एसडीएम को बताया कि सीवर ट्रीटमेंट प्लांट को बनाने में मानकों की अनदेखी की जा रही है. कमजोर पहाड़ी में बनाया जा रहा करोड़ों रुपए के प्लांट के शुरू होने से पहले ही तीनों गांवों का अस्तित्व संकट में है. भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करने पहुंचे एसडीएम का स्थानीय ग्रामीणों ने घेराव कर सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में हो रही लापरवाही और अनियमितता की जांच करवाने की मांग उठाई है.
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