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रेस्क्यू सेंटर में कर्मचारियों की चहेती बनी बाघिन 'शिखा', हर साल मनाया जाता है जन्मदिन

रानीबाग रेस्क्यू सेंटर की बाघिन 'शिखा' कर्मचारियों की दुलारी बनी है. पिछले 3 साल से रेस्क्यू सेंटर में रह रही बाघिन की देखभाल कर्मचारियों द्वारा की जा रही है. यहां तक कि हर साल 'शिखा' का जन्मदिन भी मनाया जाता है.

hakldwani
हल्द्वानी
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Published : Dec 8, 2021, 11:43 AM IST

हल्द्वानी: नैनीताल के रानीबाग स्थित वन विभाग के रेस्क्यू सेंटर में रह रही 'शिखा' नाम की बाघिन कर्मचारियों की लाडली बनी हुई है. पिछले करीब तीन साल से रेस्क्यू सेंटर के कर्मचारी 'शिखा' नाम की बाघिन की देखभाल कर रहे हैं. ऐसे में कर्मचारियों का इस बाघिन से लगाव बेहद बढ़ गया है. यहां तक कि कर्मचारी हर साल मई महीने में इसका जन्मदिन भी मनाते हैं. यही कारण है कि रानीबाग रेस्क्यू सेंटर की बाघिन 'शिखा' को कर्मचारियों का काफी दुलार मिल रहा है.

काठगोदाम स्थित वन विभाग के रानीबाग रेस्क्यू सेंटर में घायल वन्यजीवों का उपचार किया जाता है. इसी रेस्क्यू सेंटर में 'शिखा' नाम की बाघिन पिछले तीन साल से है. प्रभागीय वन अधिकारी टीआर बीजूलाल के मुताबिक तराई पूर्वी वन प्रभाग के किशनपुर रेंज में मई 2019 में फॉरेस्ट फायर सीजन के दौरान एक शावक अपने मां से बिछड़ गया था. जिसके बाद विभाग की टीम शावक को रेस्क्यू सेंटर ले आई थी. टीआर बीजूलाल के मुताबिक उस दौरान शावक सिर्फ 3 महीना का था. इसके बाद विभाग के कर्मचारियों ने शावक का नाम 'शिखा' रखा. रेस्क्यू सेंटर के कर्मचारियों के देखरेख में ही 'शिखा' की देखभाल हुई. अब 'शिखा' करीब 3 साल की हो चुकी है.

बाघिन शिखा

ये भी पढ़ेंः साइबेरियन 'मेहमानों' ने सात समंदर पार से आकर डाला डेरा, सुरक्षा के लिए मुस्तैद वन महकमा

डीएफओ के मुताबिक, 'शिखा' को 2020 अक्टूबर में नैनीताल चिड़ियाघर शिफ्ट किया गया था. लेकिन चिड़ियाघर में 'शिखा' का बर्ताव अच्छा नहीं था. इसके बाद मजबूरन 'शिखा' को अगस्त 2021 में वापस रानीबाग स्थित रेस्क्यू सेंटर लाया गया. अब रेस्क्यू सेंटर के कर्मचारी ही 'शिखा' की देखभाल कर रहे हैं. रेस्क्यू सेंटर के पशु चिकित्सक डॉ. हिमांशु पांगती का कहना है कि पिछले 3 सालों से बाघिन 'शिखा' की वह देखरेख कर रहे हैं. बाघिन 'शिखा' का पूरे स्टाफ के साथ बेहद ही शालीन बर्ताव है.

हल्द्वानी: नैनीताल के रानीबाग स्थित वन विभाग के रेस्क्यू सेंटर में रह रही 'शिखा' नाम की बाघिन कर्मचारियों की लाडली बनी हुई है. पिछले करीब तीन साल से रेस्क्यू सेंटर के कर्मचारी 'शिखा' नाम की बाघिन की देखभाल कर रहे हैं. ऐसे में कर्मचारियों का इस बाघिन से लगाव बेहद बढ़ गया है. यहां तक कि कर्मचारी हर साल मई महीने में इसका जन्मदिन भी मनाते हैं. यही कारण है कि रानीबाग रेस्क्यू सेंटर की बाघिन 'शिखा' को कर्मचारियों का काफी दुलार मिल रहा है.

काठगोदाम स्थित वन विभाग के रानीबाग रेस्क्यू सेंटर में घायल वन्यजीवों का उपचार किया जाता है. इसी रेस्क्यू सेंटर में 'शिखा' नाम की बाघिन पिछले तीन साल से है. प्रभागीय वन अधिकारी टीआर बीजूलाल के मुताबिक तराई पूर्वी वन प्रभाग के किशनपुर रेंज में मई 2019 में फॉरेस्ट फायर सीजन के दौरान एक शावक अपने मां से बिछड़ गया था. जिसके बाद विभाग की टीम शावक को रेस्क्यू सेंटर ले आई थी. टीआर बीजूलाल के मुताबिक उस दौरान शावक सिर्फ 3 महीना का था. इसके बाद विभाग के कर्मचारियों ने शावक का नाम 'शिखा' रखा. रेस्क्यू सेंटर के कर्मचारियों के देखरेख में ही 'शिखा' की देखभाल हुई. अब 'शिखा' करीब 3 साल की हो चुकी है.

बाघिन शिखा

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डीएफओ के मुताबिक, 'शिखा' को 2020 अक्टूबर में नैनीताल चिड़ियाघर शिफ्ट किया गया था. लेकिन चिड़ियाघर में 'शिखा' का बर्ताव अच्छा नहीं था. इसके बाद मजबूरन 'शिखा' को अगस्त 2021 में वापस रानीबाग स्थित रेस्क्यू सेंटर लाया गया. अब रेस्क्यू सेंटर के कर्मचारी ही 'शिखा' की देखभाल कर रहे हैं. रेस्क्यू सेंटर के पशु चिकित्सक डॉ. हिमांशु पांगती का कहना है कि पिछले 3 सालों से बाघिन 'शिखा' की वह देखरेख कर रहे हैं. बाघिन 'शिखा' का पूरे स्टाफ के साथ बेहद ही शालीन बर्ताव है.

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