हल्द्वानी: नैनीताल जिले के हल्द्वानी में लोगों के करोड़ों रुपए लेकर फरार हुए गिरोह का पुलिस ने भंडाफोड़ कर दिया है. इस गिरोह ने स्वरोजगार के नाम पर हल्द्वानी में काफी लोगों से करोड़ों रुपए हड़पे हैं. आरोपियों के खिलाफ हल्द्वानी के मुखानी थाने में मुकदमा भी दर्ज किया गया था. तभी से मुखानी थाने की पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम इस गिरोह का पीछे पड़ी हुई थी. मंगलवार 17 सितंबर को पुलिस को कामयाबी मिली है और गिरोह के दो सदस्य पुलिस की गिरफ्त में आए. नैनीताल एसएसपी प्रह्लाद मीणा ने इस मामले का खुलासा किया है.
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से दो कार, एक लैपटॉप सहित कई सामान बरामद किए हैं. पकड़े गए ठग उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के रहने वाले हैं, जिनके नाम राज चौधरी और विनीत कुमार हैं. दोनों भोपुराचौक गाजियाबाद के रहने वाले हैं. पुलिस ने बताया कि राज चौधरी और विनीत कुमार ने अपने साथियों के साथ मिलकर हल्द्वानी में धनलक्ष्मी नाम की फर्जी कंपनी बनाकर स्वरोजगार देने के नाम पर सैकड़ो लोगों से करोड़ों रुपए ठगे थे.
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फिलहाल पुलिस का कहना है कि दोनों ठगों से पूछताछ की जा रही है. इस मामले में अभी भी दो लोग फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है. उनकी गिरफ्तारी के लिए भी पुलिस संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है. पुलिस ने दावा किया है कि फरार आरोपियों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
वहीं, नैनीताल एसएसपी प्रह्लाद मीणा ने लोगों से अपील की है कि वो कंपनी में निवेश करने से पहले उसकी पूरी जानकारी कर लें. एसएसपी ने खुलासा करते हुए बताया कि पांच महीने पहले ही मुखानी दिल्ली निवासी अंकुश गुप्ता ने हल्द्वानी में लालडांठ रोड पर संतोषी माता मंदिर के पीछे शिवालिक टावर में धनलक्ष्मी इंटर प्राइजेज के नाम से दफ्तर खोला था, जिसका उसने क्षेत्र में प्रचार-प्रसार किया था.
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अंकुश गुप्ता की तरफ से लोगों को बताया गया था कि रुद्राक्ष, चंदन, तुलसी मोती और फैंसी माला बनाकर वो हर महीने 30 हजार रुपए कमा सकते हैं. इसी तरह करीब दो हजार लोग अंकुश गुप्ता और उसके साथियों के झांसे में आ गए. अंकुश गुप्ता ने सिक्योरिटी मनी के तौर पर लोगों से करीब 15-15 हजार रुपये जमा कराए थे और उनके घरों से माल उठाना शुरू कर दिया.
अंकुश ने विनय की दुकान से चार लैपटॉप लिए और बदले में चेक दिया, जो बाउंस हो गया था. पूरे मामले में भुवन बिष्ट और मनोज पांडे से कंपनी के लिए कार किराए पर ली गई थी, जिसमें सारा सामान समेट कर आरोपी 9 सितंबर को रात को फरार हो गए थे. अभी भी दो लोग फरार हैं.