रामनगर: पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर आज कर्मचारी शिक्षक संघ ने उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा. कर्मचारी शिक्षक संघ के मंडलीय अध्यक्ष नवेंदु मठपाल ने कहा कि वर्ष 2004 में शुरू की गई नई पेंशन स्कीम कर्मचारियों के हित में नहीं है. जिसका फायदा कर्मचारियों को मिलता नहीं दिख रहा है.
संघ के मंडलीय अध्यक्ष नवेंदु मठपाल ने बताया कि 2004 में अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में शुरू हुई नई पेंशन स्कीम कर्मचारी के हित में नहीं है. उन्होंने कहा कि ₹50000 मासिक वेतन वाले कर्मचारियों को मात्र ₹3000 की पेंशन मिल रही है. इतना ही नहीं सरकार ने जिस प्रकार श्रमिकों की जीपीएफ का हजारों करोड़ रुपये शेयर मार्केट में लगा दिया है, इससे स्थिति और भी बदतर हो गई है.
संघ के मंडलीय अध्यक्ष ने कहा केंद्र सरकार जिस तरह से निजीकरण की नीतियों को तेज करते हुए 50 वर्ष से ऊपर के श्रमिकों को जिस तरह जबरन रिटायरमेंट देने पर तुली है. इससे स्थिति और भी भयावह हो जाएगी. सरकारी पदों को समाप्त कर रोजगार के अवसरों को समाप्त किया जा रहा है.
ये भी पढ़ें : अभियुक्तों की जल्द गिरफ्तारी की मांग, बसपा ने एसडीएम का किया घेराव
नवेंदु मठपाल ने बताया कि नई पेंशन योजना में जीपीएफ से निकासी की योजना भी नहीं है. अगर श्रमिक के साथ कोई दुर्घटना हो गई तो श्रमिक के परिवार को नई पेंशन योजना में किसी भी प्रकार का कोई लाभ नहीं मिलेगा. नई पेंशन स्कीम में श्रमिक के रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली समस्त धनराशि आयकर से भी मुक्त नहीं है. अर्थात 40 फीसदी धनराशि श्रमिक को नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा कि नई पेंशन योजना में क्रमिक द्वारा जमा की गई धनराशि में भी भारी अनियमितता की खबरें लगातार आ रही हैं. जिससे कर्मचारी शिक्षक और भी ज्यादा हतोत्साहित हो रहे हैं.
ये भी पढ़ें : कॉर्बेट पार्क की वेबसाइट चार दिनों से बंद, 15 अक्टूबर तक खुलने की संभावना
उप जिलाधिकारी विजय नाथ शुक्ला ने बताया कि आज पुरानी पेंशन बहाल किए जाने को लेकर शिक्षक संगठनों ने एक ज्ञापन दिया है, जो ज्ञापन उच्चाधिकारियों को प्रेषित किया जा रहा है.