हल्द्वानी: 10 जनवरी की तारीख खासकर हिंदी प्रेमी लोगों के लिए काफी महत्व रखती है. क्योंकि इस दिन विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है. हिंदी भाषा को बढ़ावा देने और अंतरराष्ट्रीय भाषा का दर्जा दिलाने के लिए बहुत से लोग प्रचार-प्रसार करने में जुटे हुए हैं. एक ऐसी ही मुहिम का हिस्सा हैं हल्द्वानी की शिक्षिका मंजू पांडे 'उदिता', जो कई देशों में आयोजित हिंदी सेमिनार में भाग लेकर हिंदी को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही हैं.
गौर हो कि मंजू पांडे 'उदिता' पिछले 45 सालों से काव्य, कहानी और आलेख के साथ-साथ फिल्मों के लिए कहानियां लिख रही हैं. उनके रचित गजल, एलबम और फिल्म की कहानियां लोगों द्वारा काफी पसंद की जाती हैं. उनके द्वारा लिखे गए पुस्तक उत्तराखंड विद्यालयी के 1 से 12 तक के पाठ्यक्रम में भी शामिल किया गया है. शिक्षिका मंजू पांडे 'उदिता' हिंदी भाषा को बढ़ावा देने और उसको अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए श्रीलंका, थाईलैंड, हांगकांग, मॉरीशस और मलेशिया के देशों में आयोजित होने वाले सेमिनार में भाग लेकर आगे बढ़ाने का कार्य कर रही हैं. यही नहीं उनके द्वारा लिखी गई कहानी संग्रह की पुस्तकें अमेजन पर भी उपलब्ध हैं.
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मंजू पांडे ने बताया कि अब हिंदी भाषा को लेकर विदेशों में भी धीरे-धीरे लोगों में रुचि देखी जा रही है और विदेशों में लोग हिंदी की ओर आकर्षित हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि हिंदी भाषा को प्रचार-प्रसार के लिए युवा पीढ़ी को आगे आने की जरूरत है. साथ ही हिंदी के लिए युवाओं के लिए मंच भी उपलब्ध कराने की आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि युवा पीढ़ी काव्य के माध्यम से हिंदी की ओर आकर्षित हो रही है, लेकिन गद्य लेखन में युवा पीढ़ी की रुचि नहीं है. साहित्यकार मंजू पांडे के मुताबिक सरकार द्वारा चलाई जा रही नई शिक्षा नीति के तहत हिंदी को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि सरकार को प्राथमिक स्तर पर हिंदी और क्षेत्रीय भाषा को बढ़ावा देने की जरूरत है. जिससे नई पीढ़ी हिंदी के साथ साथ क्षेत्रीय भाषा की ओर आकर्षित हो सकें.