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हड़ताली खनन कारोबारियों और जिला प्रशासन की वार्ता फेल, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे खनन कारोबारियों ने बुधवार से बड़ा प्रदर्शन करने का ऐलान किया है. दरअसल खनन कारोबारियों की जिला प्रशासन से वार्ता फेल हो गई है. अब खनन कारोबारी आर या पार की लड़ाई के मूड में हैं.

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हल्द्वानी खनन
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Published : Dec 19, 2022, 11:42 AM IST

Updated : Dec 19, 2022, 1:50 PM IST

खनन कारोबारियों और जिला प्रशासन की वार्ता फेल

हल्द्वानी: हड़ताली खनन कारोबारियों और जिला प्रशासन के बीच सहमति नहीं बन पाई. इसके बाद खनन कारोबारियों ने उग्र आंदोलन का ऐलान किया है. एक प्रदेश एक रॉयलटी ग्रीन टैक्स खत्म करने सहित 5 सूत्रीय मांगों को लेकर गौला नदी सहित विभिन्न नदियों से जुड़े खनन कारोबारी पिछले 8 दिनों से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं. खनन कारोबार शुरू करने के लिए हल्द्वानी उप जिलाधिकारी मनीष कुमार सिंह ने गौला संघर्ष समिति के बैनर तले बैठे खनन कारोबारियों से उनकी मांगों को लेकर धरना स्थल पर पहुंचे वार्ता की. जिससे कि नदी से खनन का कारोबार शुरू हो सके.

लेकिन एसडीएम और खनन कारोबारियों के बीच सहमति नहीं बन पाई. ऐसे में अब खनन कारोबारियों ने उग्र आंदोलन करने की चेतावनी देते हुए कहा है कि बुधवार को हल्द्वानी में बड़े स्तर पर धरना प्रदर्शन कर सरकार को जगाने का काम किया जाएगा. एसडीएम मनीष कुमार सिंह मोटाहल्दू स्थित धरना स्थल पर पहुंचें. खनन कारोबारियों से उनकी समस्याओं को सुनते हुए धरना खत्म करने की अपील की. लेकिन कारोबारियों ने कहा कि उनकी मांगों पर जब तक विचार नहीं होगा तब तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.

खनन कारोबारियों ने कहा कि पूरे प्रदेश में एक खनन नीति लागू कर एक प्रदेश एक रॉयल्टी लागू की जाए. इसके अलावा उनके वाहनों पर लगने वाले ग्रीन टैक्स को भी खत्म किया जाए. जिसके बाद ही खनन कारोबारी खनन का कार्य शुरू करेंगे. खनन कारोबारियों का कहना है कि अपनी मांगों को लेकर 3 महीनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. अब मजबूरन अनिश्चितकालीन धरने पर बैठना पड़ा है. उप जिलाधिकारी मनीष कुमार ने कहा कि खनन कारोबारियों से उनकी मांगों और समस्याओं को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है. जल्द समस्या का समाधान कर लिया जाएगा.
ये भी पढ़ें: हल्द्वानीः अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे खनन कारोबारी, सरकार को रोजाना डेढ़ करोड़ का होगा नुकसान

गौरतलब है कि गौला नदी से जुड़े खनन कारोबारियों के हड़ताल पर चले जाने से 3 महीने से खनन कार्य पूरी तरह से ठप है. नदी से खनन की उप खनिज निकासी नहीं होने से जहां सरकार को रोजाना डेढ़ करोड़ से अधिक का राजस्व का नुकसान हो रहा है, वहीं प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों की रोजी-रोटी पर भी असर पड़ रहा है.

खनन कारोबारियों और जिला प्रशासन की वार्ता फेल

हल्द्वानी: हड़ताली खनन कारोबारियों और जिला प्रशासन के बीच सहमति नहीं बन पाई. इसके बाद खनन कारोबारियों ने उग्र आंदोलन का ऐलान किया है. एक प्रदेश एक रॉयलटी ग्रीन टैक्स खत्म करने सहित 5 सूत्रीय मांगों को लेकर गौला नदी सहित विभिन्न नदियों से जुड़े खनन कारोबारी पिछले 8 दिनों से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं. खनन कारोबार शुरू करने के लिए हल्द्वानी उप जिलाधिकारी मनीष कुमार सिंह ने गौला संघर्ष समिति के बैनर तले बैठे खनन कारोबारियों से उनकी मांगों को लेकर धरना स्थल पर पहुंचे वार्ता की. जिससे कि नदी से खनन का कारोबार शुरू हो सके.

लेकिन एसडीएम और खनन कारोबारियों के बीच सहमति नहीं बन पाई. ऐसे में अब खनन कारोबारियों ने उग्र आंदोलन करने की चेतावनी देते हुए कहा है कि बुधवार को हल्द्वानी में बड़े स्तर पर धरना प्रदर्शन कर सरकार को जगाने का काम किया जाएगा. एसडीएम मनीष कुमार सिंह मोटाहल्दू स्थित धरना स्थल पर पहुंचें. खनन कारोबारियों से उनकी समस्याओं को सुनते हुए धरना खत्म करने की अपील की. लेकिन कारोबारियों ने कहा कि उनकी मांगों पर जब तक विचार नहीं होगा तब तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.

खनन कारोबारियों ने कहा कि पूरे प्रदेश में एक खनन नीति लागू कर एक प्रदेश एक रॉयल्टी लागू की जाए. इसके अलावा उनके वाहनों पर लगने वाले ग्रीन टैक्स को भी खत्म किया जाए. जिसके बाद ही खनन कारोबारी खनन का कार्य शुरू करेंगे. खनन कारोबारियों का कहना है कि अपनी मांगों को लेकर 3 महीनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. अब मजबूरन अनिश्चितकालीन धरने पर बैठना पड़ा है. उप जिलाधिकारी मनीष कुमार ने कहा कि खनन कारोबारियों से उनकी मांगों और समस्याओं को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है. जल्द समस्या का समाधान कर लिया जाएगा.
ये भी पढ़ें: हल्द्वानीः अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे खनन कारोबारी, सरकार को रोजाना डेढ़ करोड़ का होगा नुकसान

गौरतलब है कि गौला नदी से जुड़े खनन कारोबारियों के हड़ताल पर चले जाने से 3 महीने से खनन कार्य पूरी तरह से ठप है. नदी से खनन की उप खनिज निकासी नहीं होने से जहां सरकार को रोजाना डेढ़ करोड़ से अधिक का राजस्व का नुकसान हो रहा है, वहीं प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों की रोजी-रोटी पर भी असर पड़ रहा है.

Last Updated : Dec 19, 2022, 1:50 PM IST
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