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जानलेवा बनता कोरोना काल का 61 हजार किलो बायो मेडिकल वेस्ट, STH ने ऐसे किया ट्रीटमेंट - सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी

कोरोना काल में अस्पतालों से सैकड़ों टन बायो मेडिकल वेस्ट निकल रहा है. ये कचरा अगर सामान्य दिनों की तरह कूड़ाघरों में डंप किया जाता तो इससे पूरे शहर और इलाके के बीमार पड़ने और जानलेवा बनने का खतरा था. हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल ने सेंट्रल बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट फैसिलिटी से इस खतरे को दूर किया.

bio medical waste
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Published : Aug 7, 2021, 1:04 PM IST

हल्द्वानी: उत्तराखंड में कोरोना का कहर अभी भी जारी है. लेकिन कोरोना काल में सुशीला तिवारी अस्पताल ने लोगों के लिए जीवनदायिनी का काम किया है. अस्पताल में बायो मेडिकल वेस्ट को लेकर अस्पताल प्रशासन काफी गंभीर रहा है. जिसका नतीजा रहा कि अप्रैल, मई, जून और जुलाई माह में 61,206 किलोग्राम बायो मेडिकल का निस्तारण किया है.

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके चतुर्वेदी ने बताया कि कोरोना काल में सुशीला तिवारी अस्पताल से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट की निगरानी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा की जा रही है. अस्पताल से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट का रोज का डाटा विभाग के पास पहुंच रहा है. अस्पताल प्रशासन द्वारा बायो मेडिकल वेस्ट के लिए बेहतर काम किया गया है. अस्पताल के सेंट्रल बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट फैसिलिटी के माध्यम से बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण किया जा रहा था.

STH ने दूर किया कचरे का खतरा

बता दें कि, कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत के अप्रैल महीने में 8,120 किलोग्राम, मई महीने में 31,958 किलोग्राम, जून में 15,031 किलोग्राम, जुलाई में 6,097 किलोग्राम बायो मेडिकल वेस्ट निकला जिसका निस्तारण किया गया है.

पढ़ें: PWD के अधिशासी अभियंता मार्ग खुले होने की दे रहे दलील, ग्रामीण कर रहे मीलों का सफर

सुशीला तिवारी अस्पताल के साथ-साथ निजी अस्पतालों के बायो मेडिकल वेस्ट की निगरानी विभाग द्वारा की जा रही है. जिससे कि संक्रमण न फैले. उन्होंने कहा कि सुशीला तिवारी अस्पताल में बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण का बेहतर नतीजा रहा कि संक्रमण पर लगाम लगायी गयी.

हल्द्वानी: उत्तराखंड में कोरोना का कहर अभी भी जारी है. लेकिन कोरोना काल में सुशीला तिवारी अस्पताल ने लोगों के लिए जीवनदायिनी का काम किया है. अस्पताल में बायो मेडिकल वेस्ट को लेकर अस्पताल प्रशासन काफी गंभीर रहा है. जिसका नतीजा रहा कि अप्रैल, मई, जून और जुलाई माह में 61,206 किलोग्राम बायो मेडिकल का निस्तारण किया है.

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके चतुर्वेदी ने बताया कि कोरोना काल में सुशीला तिवारी अस्पताल से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट की निगरानी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा की जा रही है. अस्पताल से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट का रोज का डाटा विभाग के पास पहुंच रहा है. अस्पताल प्रशासन द्वारा बायो मेडिकल वेस्ट के लिए बेहतर काम किया गया है. अस्पताल के सेंट्रल बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट फैसिलिटी के माध्यम से बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण किया जा रहा था.

STH ने दूर किया कचरे का खतरा

बता दें कि, कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत के अप्रैल महीने में 8,120 किलोग्राम, मई महीने में 31,958 किलोग्राम, जून में 15,031 किलोग्राम, जुलाई में 6,097 किलोग्राम बायो मेडिकल वेस्ट निकला जिसका निस्तारण किया गया है.

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सुशीला तिवारी अस्पताल के साथ-साथ निजी अस्पतालों के बायो मेडिकल वेस्ट की निगरानी विभाग द्वारा की जा रही है. जिससे कि संक्रमण न फैले. उन्होंने कहा कि सुशीला तिवारी अस्पताल में बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण का बेहतर नतीजा रहा कि संक्रमण पर लगाम लगायी गयी.

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