नैनीतालः उत्तराखंड के नैनीताल शहर के अंदरूनी मार्गों पर अवैध वाहन पार्क करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. आज नैनीताल शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार से जुड़े सुझाव कोर्ट में पेश किए गए. अब मामले में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने 14 फरवरी के बाद अगली सुनवाई करेगी.
पूर्व के आदेश पर जिला और पुलिस प्रशासन ने ट्रैफिक व पार्किंग की व्यवस्था के संबंध में स्थानीय लोगों, व्यापार मंडल, होटल एसोसिएशन समेत संस्थाओं के साथ बैठक की. साथ ही मामले में सुझाव लिए और रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की गई. रिपोर्ट में कहा गया गया कि सभी ने पार्किंग की सुविधा पर ज्यादा जोर दिया. जिला प्रशासन छोटी-छोटी पार्किंग की व्यवस्था करें, जिससे जाम भी न लगे और स्थानीय लोगों को भी परेशानियों का सामना न करना पड़े.
जो सुझाव दिए गए, उसमें मेट्रोपोल पार्किंग का निर्माण, हनुमानगढ़ से रानीबाग तक रोपवे का निर्माण, खाली पड़ी सरकारी और निजी भूमि पर छोटी-छोटी पार्किंग, छोटे इलेक्ट्रॉनिक वाहनों का संचालन और स्थानीय लोगों के वाहनों के लिए पार्किंगों में 30 प्रतिशत वाहन खड़े करने की छूट समेत कई अन्य सुझाव दिए गए.
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याचिकाकर्ता ने कोर्ट से ये भी कहा कि स्थानीय लोगों के घरों को जाने वाले मार्ग खस्ताहाल हैं, उनका जीर्णोद्धार किया जाए. जिस पर कोर्ट ने जिलाधिकारी समेत अन्य संबंधित अधिकारियों को उन्हें पक्षकार बनाने को कहा है. बता दें कि अधिवक्ता श्रुति जोशी ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने कहा है कि नैनीताल के अंदरूनी मार्गों पर स्थित होटल स्वामी और स्थानीय लोग वाहन कहीं भी पार्क कर देते हैं.
जिससे जू रोड, बिल्डा रोड, स्नो व्यू समेत सीआरएसटी में जाम लगता है. अधिवक्ता श्रुति जोशी का कहना था कि शहर की 45 फीसदी आबादी इसी क्षेत्र में निवास करती है. जाम लगने से स्कूली बच्चे और कर्मचारी तय समय पर अपने जगह नहीं पहुंच पा रहे हैं. ज्यादा जाम लगने से पैदल चलने वाले लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि जिन होटलों की ओर से सड़क पर वाहन पार्क कराए जा रहे हैं और उनकी वजह से जाम लगता है, लिहाजा, उनके वाहनों को निर्धारित पार्किंग स्थल में ही पार्क कराने के आदेश दिए जाएं. साथ ही बिल्डा रोड के ट्रैफिक को दो दिन के लिए व्यवस्थित किया जाए. क्योंकि, स्कूलों में शीतकालीन अवकाश पड़ने वाली है.