हल्द्वानीः सरकारें किसानों की आय दोगुनी करने की बात तो करती हैं, लेकिन किसानों का किस तरह से शोषण हो रहा है इसका उदाहरण गन्ना विभाग में देखने को मिल रहा है. सरकार पिछले गन्ना पेराई सत्र का प्रदेश के लाखों किसानों का अभी भी 274 करोड़ की रकम दबाकर बैठी है.
इन किसानों के भुगतान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है. गन्ना आयुक्त ललित मोहन रयाल ने बताया कि पिछले पेराई सत्र में गन्ना किसानों से चीनी मिलों द्वारा करीब 1170 करोड़ के गन्ने की खरीदारी की गई थी. जिसमें 896 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है, जबकि 274 करोड़ रुपए का अभी भी बकाया है.
उन्होंने बताया कि हरिद्वार के इकबालपुर चीनी मिल पर सबसे सबसे ज्यादा गन्ने का भुगतान बकाया है. भुगतान के लिए जिला प्रशासन द्वारा चीनी की नीलामी प्रक्रिया की जा रही है. उम्मीद जताई जा रही है कि आगामी पेराई सत्र से पहले बकाया गन्ने किसानों का भुगतान कर दिया जाएगा.
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नवंबर से आगामी पेराई सत्र शुरू होने जा रहा है लेकिन गन्ना किसानों का बकाया अभी तक भुगतान नहीं होना उनका रोजी-रोटी का संकट बन रहा है. वहीं अब किसान गन्ना की खेती से भी मुंह मोड़ने की तैयारी में हैं.
किसानों के आय को दोगने ने करने की बात करने वाली डबल इंजन सरकार गन्ना किसानों का 274 करोड़ रुपया दबा कर बैठी है. आगामी गन्ना पेराई सत्र आने वाला है लेकिन पिछले पेराई सत्र के लाखों गन्ना किसानों का लगभग 274 करोड़ का बकाया भुगतान अभी तक नहीं की है जिसके चलते किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.