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बजट की वजह से एक साल से लटका पड़ा प्रदेश के सबसे बड़े आयुर्वेदिक अस्पताल का काम

बजट के अभाव में प्रदेश के सबसे बड़े आयुर्वेदिक अस्पताल का निर्माण कार्य लटका हुआ है. एक साल पहले इस अस्पताल का निर्माण पूरा हो जाना था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.

एक साल से लटका प्रदेश के सबसे बड़े आयुर्वेदिक अस्पताल का काम
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Published : Jul 17, 2019, 3:16 PM IST

हल्द्वानी: राज्य के सबसे बड़े आयुर्वेदिक अस्पताल के भवन का निर्माण बजट के अभाव में करीब एक साल से अधर में लटका हुआ है. अगस्त 2018 में निर्माण पूरा होने के बाद अस्पताल आयुर्वेदिक विभाग को सौंपा जाना था, लेकिन एक साल होने जा रहा है, पर अभी भी अस्पताल का काम अधूरा पड़ा है. अभी तक अस्पताल निर्माण में सिर्फ 70 प्रतिशत ही काम हो पाया है.

कुमाऊं के प्रवेशद्वार हल्द्वानी में कमिश्नर भवन के बगल में राज्य का सबसे बड़ा आयुर्वेदिक अस्पताल बन रहा है. कब तक बनेगा, कोई नहीं बता सकता. यहां तक कि जिम्मेदारों ने भी चुप्पी साध ली है. 9 करोड़ 89 लाख की लागत से 4 साल पहले इस 50 बेड के आयुर्वेदिक अस्पताल का निर्माण शुरू हुआ था. अस्पताल का निर्माण कार्य कर रही कार्यदायी संस्था यूपी निर्माण निगम को अगस्त 2018 में इस भवन को आयुर्वेद विभाग को हैंडओवर करना था, लेकिन निर्माणदायी संस्था कछुए की गति से भी धीमी चाल से अस्पताल का निर्माण करा रही है. सवा आठ करोड़ की रकम मिलने के बाद भी करीब 70 प्रतिशत काम ही पूरा हो पाया है. निर्माणदायी संस्था का आरोप है कि शासन से मिले आधे अधूरे बजट के चलते काम की गति धीमी है.

एक साल से लटका प्रदेश के सबसे बड़े आयुर्वेदिक अस्पताल का काम

पढ़ेंः लक्ष्मण झूला पुल बंद होने से कांवड़ियों को होगी दिक्कत, ऋषिकेश में ऐसा रहेगा रूट प्लान

इस मामले में जिला आयुर्वेदिक और यूनानी अधिकारी एमएस गुंजियाल का कहना है कि अस्पताल भवन निर्माण के तेजी लाने के लिए कार्यदायी संस्था को दो बार नोटिस जारी किया जा चुका है. दोनों बार में समय अवधि बढ़ाई गई. अभी कुछ वक्त पहले गर्मी के दिनों में पानी की किल्लत के चलते काम के गति में थोड़ी कमी आई थी.

पढ़ेंः ट्रैफिक पुलिस की अच्छी पहल, अब घायल को अस्पताल पहुंचने वाले ड्राइवर को मिलेगा इनाम

गौरतलब है कि ये निर्माणाधीन आयुर्वेदिक अस्पताल उत्तराखंड का सबसे बड़ा अस्पताल होगा. जिसमें रोजाना 1000 ओपीडी करने के लक्ष्य के साथ-साथ आयुर्वेद, यूनानी, सिद्धा और नेचुरल के करीब 15 डॉक्टर अस्पताल में तैनात रहेंगे और 24 घंटे सेवाएं उपलब्ध रहेंगी. इसके अलावा आयुर्वेद के माध्यम से ऑपरेशन भी किया जाएगा. एमएस गुंजियाल का कहना है कि कार्यदायी संस्था को काम में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है और उम्मीद जताई जा रही है कि अस्पताल का निर्माण जल्द हो जाएगा.

हल्द्वानी: राज्य के सबसे बड़े आयुर्वेदिक अस्पताल के भवन का निर्माण बजट के अभाव में करीब एक साल से अधर में लटका हुआ है. अगस्त 2018 में निर्माण पूरा होने के बाद अस्पताल आयुर्वेदिक विभाग को सौंपा जाना था, लेकिन एक साल होने जा रहा है, पर अभी भी अस्पताल का काम अधूरा पड़ा है. अभी तक अस्पताल निर्माण में सिर्फ 70 प्रतिशत ही काम हो पाया है.

कुमाऊं के प्रवेशद्वार हल्द्वानी में कमिश्नर भवन के बगल में राज्य का सबसे बड़ा आयुर्वेदिक अस्पताल बन रहा है. कब तक बनेगा, कोई नहीं बता सकता. यहां तक कि जिम्मेदारों ने भी चुप्पी साध ली है. 9 करोड़ 89 लाख की लागत से 4 साल पहले इस 50 बेड के आयुर्वेदिक अस्पताल का निर्माण शुरू हुआ था. अस्पताल का निर्माण कार्य कर रही कार्यदायी संस्था यूपी निर्माण निगम को अगस्त 2018 में इस भवन को आयुर्वेद विभाग को हैंडओवर करना था, लेकिन निर्माणदायी संस्था कछुए की गति से भी धीमी चाल से अस्पताल का निर्माण करा रही है. सवा आठ करोड़ की रकम मिलने के बाद भी करीब 70 प्रतिशत काम ही पूरा हो पाया है. निर्माणदायी संस्था का आरोप है कि शासन से मिले आधे अधूरे बजट के चलते काम की गति धीमी है.

एक साल से लटका प्रदेश के सबसे बड़े आयुर्वेदिक अस्पताल का काम

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इस मामले में जिला आयुर्वेदिक और यूनानी अधिकारी एमएस गुंजियाल का कहना है कि अस्पताल भवन निर्माण के तेजी लाने के लिए कार्यदायी संस्था को दो बार नोटिस जारी किया जा चुका है. दोनों बार में समय अवधि बढ़ाई गई. अभी कुछ वक्त पहले गर्मी के दिनों में पानी की किल्लत के चलते काम के गति में थोड़ी कमी आई थी.

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गौरतलब है कि ये निर्माणाधीन आयुर्वेदिक अस्पताल उत्तराखंड का सबसे बड़ा अस्पताल होगा. जिसमें रोजाना 1000 ओपीडी करने के लक्ष्य के साथ-साथ आयुर्वेद, यूनानी, सिद्धा और नेचुरल के करीब 15 डॉक्टर अस्पताल में तैनात रहेंगे और 24 घंटे सेवाएं उपलब्ध रहेंगी. इसके अलावा आयुर्वेद के माध्यम से ऑपरेशन भी किया जाएगा. एमएस गुंजियाल का कहना है कि कार्यदायी संस्था को काम में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है और उम्मीद जताई जा रही है कि अस्पताल का निर्माण जल्द हो जाएगा.

Intro:sammry- अधर में लटका 50 बैड का आयुर्वेदिक अस्पताल

एंकर-हल्द्वानी में बन रहे राज्य के सबसे बड़ा आयुर्वेदिक अस्पताल का भवन का निर्माण बजट के अभाव में अधर में लटका हुआ है। अगस्त 2018 में अस्पताल का निर्माण पूरा होने के बाद आयुर्वेदिक विभाग के हैंडोवर होना था लेकिन 1 साल होने जा रहे हैं अभी भी अस्पताल का काम अधूरा पड़ा हुआ है। अभी तक अस्पताल का 70% ही काम हो पाया है।



Body:दरअसल कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी में कमिश्नर भवन के बगल में राज्य का सबसे बड़ा आयुर्वेदिक अस्पताल बन रहा है। 9 करोड़ 89 लाख की लागत से 4 साल पहले इस 50 बेड के आयुर्वेदिक अस्पताल का निर्माण शुरू हुआ था। अस्पताल का निर्माण कार्य कर रहे कार्यदाई संस्था यूपी निर्माण निगम को अगस्त 2018 में इस भवन को विभाग के हैंड ओवर करना था लेकिन निर्माण संस्था कछुए की गति से भी धीमी चाल से अस्पताल का निर्माण करा रही है। लेकिन सवा आठ करोड़ पेमेंट होते देने के बाद भी निर्माण दाई संस्था ने करीब 70 प्रतिशत काम पूरा नहीं किया है। बताया जा रहा है कि शासन से मिले आधे अधूरे बजट के चक्कर में काम की गति धीमी चल रही है।


Conclusion:जिला आयुर्वेदिक और यूनानी अधिकारी एमएस गुंजियाल का कहना है कि अस्पताल भवन निर्माण के तेजी लाने के लिए कार्यदाई संस्था को दो बार नोटिस जारी किया जा चुका है और दोनों बार में समय अवधि बढ़ाई गई है। गर्मी के दिनों में पानी की किल्लत के चलते काम के गति में थोड़ी कमी आई थी।
गौरतलब है कि यह आयुर्वेदिक अस्पताल उत्तराखंड का सबसे बड़ा अस्पताल बनने जा रहा है जिसमें रोजाना 1000 ओपीडी करने का लक्ष्य के साथ साथ आयुर्वेद, यूनानी ,सिद्धा और नेचुरल के करीब 15 डॉक्टर इस अस्पताल में तैनात रहेंगे जो 24 घंटे सेवाएं उपलब्ध रहेंगी। इसके अलावा आयुर्वेदिक के माध्यम से ऑपरेशन भी किया जाएगा। जिला आयुर्वेदिक यूनानी अधिकारी का कहना है कि कार्यदाई संस्था को काम में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है और उम्मीद जताई जा रही है कि अस्पताल का निर्माण जल्द हो जाएगा।

बाइट- एमएस गुंजियाल जिला आयुर्वेदिक और यूनानी अधिकारी
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