हल्द्वानी: राज्य के सबसे बड़े आयुर्वेदिक अस्पताल के भवन का निर्माण बजट के अभाव में करीब एक साल से अधर में लटका हुआ है. अगस्त 2018 में निर्माण पूरा होने के बाद अस्पताल आयुर्वेदिक विभाग को सौंपा जाना था, लेकिन एक साल होने जा रहा है, पर अभी भी अस्पताल का काम अधूरा पड़ा है. अभी तक अस्पताल निर्माण में सिर्फ 70 प्रतिशत ही काम हो पाया है.
कुमाऊं के प्रवेशद्वार हल्द्वानी में कमिश्नर भवन के बगल में राज्य का सबसे बड़ा आयुर्वेदिक अस्पताल बन रहा है. कब तक बनेगा, कोई नहीं बता सकता. यहां तक कि जिम्मेदारों ने भी चुप्पी साध ली है. 9 करोड़ 89 लाख की लागत से 4 साल पहले इस 50 बेड के आयुर्वेदिक अस्पताल का निर्माण शुरू हुआ था. अस्पताल का निर्माण कार्य कर रही कार्यदायी संस्था यूपी निर्माण निगम को अगस्त 2018 में इस भवन को आयुर्वेद विभाग को हैंडओवर करना था, लेकिन निर्माणदायी संस्था कछुए की गति से भी धीमी चाल से अस्पताल का निर्माण करा रही है. सवा आठ करोड़ की रकम मिलने के बाद भी करीब 70 प्रतिशत काम ही पूरा हो पाया है. निर्माणदायी संस्था का आरोप है कि शासन से मिले आधे अधूरे बजट के चलते काम की गति धीमी है.
पढ़ेंः लक्ष्मण झूला पुल बंद होने से कांवड़ियों को होगी दिक्कत, ऋषिकेश में ऐसा रहेगा रूट प्लान
इस मामले में जिला आयुर्वेदिक और यूनानी अधिकारी एमएस गुंजियाल का कहना है कि अस्पताल भवन निर्माण के तेजी लाने के लिए कार्यदायी संस्था को दो बार नोटिस जारी किया जा चुका है. दोनों बार में समय अवधि बढ़ाई गई. अभी कुछ वक्त पहले गर्मी के दिनों में पानी की किल्लत के चलते काम के गति में थोड़ी कमी आई थी.
पढ़ेंः ट्रैफिक पुलिस की अच्छी पहल, अब घायल को अस्पताल पहुंचने वाले ड्राइवर को मिलेगा इनाम
गौरतलब है कि ये निर्माणाधीन आयुर्वेदिक अस्पताल उत्तराखंड का सबसे बड़ा अस्पताल होगा. जिसमें रोजाना 1000 ओपीडी करने के लक्ष्य के साथ-साथ आयुर्वेद, यूनानी, सिद्धा और नेचुरल के करीब 15 डॉक्टर अस्पताल में तैनात रहेंगे और 24 घंटे सेवाएं उपलब्ध रहेंगी. इसके अलावा आयुर्वेद के माध्यम से ऑपरेशन भी किया जाएगा. एमएस गुंजियाल का कहना है कि कार्यदायी संस्था को काम में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है और उम्मीद जताई जा रही है कि अस्पताल का निर्माण जल्द हो जाएगा.