हल्द्वानी: श्रद्धा महिला एवं बाल विकास संस्था महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पिछले कई सालों से काम कर रही है. महिलाओं को सिलाई बुनाई से लेकर मोमबत्ती सहित अन्य पहाड़ी उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.ऐसे में संस्था ने पहली बार रेशम ज्वेलरी के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए रेशम ज्वेलरी बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जहां महिलाओं द्वारा तैयार किए गए रेशम ज्वेलरी की खूब डिमांड हो रही है.
श्रद्धा महिला एवं बाल विकास संस्था के अध्यक्ष पुष्पा कांडपाल ने बताया कि संस्था से सैकड़ों महिलाएं जुड़ी हुई हैं. जहां महिलाएं कई तरह के उत्पाद तैयार कर आत्मनिर्भर बन रही हैं. ऐसे में महिलाओं की आर्थिक स्थिति को और मजबूत करने के उद्देश्य से उत्तराखंड में पहली बार महिलाओं द्वारा रेशम ज्वेलरी तैयार की जा रही है. जहां महिलाओं द्वारा तैयार किया गए गले का हार, गले का लॉकेट,चूड़ी, कंगन के अलावा महिलाओं के शरीर पर पहनने वाले आभूषण को रेशम के धागों से तैयार किया गया है.
जो महिलाओं की पहली पसंद बन रहे हैं. उन्होंने बताया कि अक्सर देखा जाता है कि शादी हो या अन्य कार्यक्रम महिलाएं अपने वस्त्र के अनुसार आर्टिफिशियल ज्वेलरी को धारण करती हैं. ऐसे में पहली बार महिलाओं के पहनने वाले आभूषण को रेशम से तैयार किया गया है. जिससे रेशम ज्वेलरी से महिलाएं अपनी सुंदरता पर चार-चांद लगा सकते हैं. संस्था के अध्यक्ष ने बताया कि पहली बार नाबार्ड के सहयोग के माध्यम से महिलाओं को रेशम ज्वेलरी बनाने का प्रशिक्षण दिया गया. इसके बाद से महिलाएं रेशम ज्वेलरी तैयार कर रही हैं.
महिलाओं द्वारा तैयार किए गए रेशम ज्वेलरी की डिमांड उत्तराखंड के साथ-साथ कई राज्यों और बेंगलुरु तक की जा रही है. इसके अलावा शादी विवाह और अन्य कार्यक्रमों के लिए भी मैचिंग के अनुसार रेशम ज्वेलरी बनाने के ऑर्डर भी मिल रहे हैं. संस्था में काम करने वाली महिलाओं का कहना है कि रेशम ज्वेलरी बनाने के दौरान क्वालिटी पर भी ध्यान दिया जा रहा है, जिससे लोगों को उच्च क्वालिटी के रेशम के धागों की ज्वेलरी मिल सके.