नैनीताल: गोवर्धन पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने सरोवरनगरी नैनीताल मेंं बड़ा बयान दिया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि वर्तमान में केवल दो प्रतिशत राजनेता व्यक्तित्व के बल पर और 98 प्रतिशत दूसरे हथकंडे अपना कर चुनाव जीत रहे हैं. धर्म निरपेक्षता की वजह से धर्मप्रेमी राजनेता भी खुलकर भावनाओं को व्यक्त नहीं कर रहे हैं. उनके सामने दलीय या पार्टी का अनुशासन आड़े आ रहा है. इसके साथ ही उन्होंने देवस्थानम बोर्ड को लेकर भी आपत्ति दर्ज कराई है.
जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा राजनीतिक लोग अंधेरे में मानव जीवन के विकास का क्रियान्वयन कर रहे हैं. उन्होंने फल और पुष्प के दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए अधिक से अधिक पौधरोपण की अपील भी की. उन्होंने कहा कि वर्तमान शिक्षा प्रणाली में सनातन को स्थान नहीं दिया गया है. जब सनातन के अनुसार शासन नहीं चलता है, तब आक्रमण होता है.
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नैनीताल पहुंचे गोवर्धन पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने राज्य सरकार द्वारा बनाए गए देवस्थानम बोर्ड पर भी आपत्ति दर्ज की है. शंकराचार्य ने कहा सेकुलर शासन तंत्र को धार्मिक स्थलों एवं संस्थाओं पर अपना अधिकार नहीं करना चाहिए. शासकों को सहभागिता निभानी चाहिए. संविधान की सीमा में रहकर मठ-मंदिरों में अतिक्रमण करने वालों का विरोध होना चाहिए. पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने भी जगन्नाथपुरी पीठ के मामले में पारित फैसले में इसको स्वीकार किया है. नैनीताल के शैले हॉल में आयोजित संवाद कार्यक्रम में शंकराचार्य ने लोगों के सवालों के जवाब दिए.
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इस दौरान उन्होंने कहा कुछ राजनीति दल धर्म के नाम पर राजनीतिक अतिक्रमण कर रहे हैं. राजनीतिज्ञ भी धर्म को छल रहे हैं. राजनीति पर सवाल खड़े करते हुए उन्हीने कहा राजनीति उन्माद, सत्ता लोलुपता व अदूरदर्शिता का नाम है. राजनीति में अर्थ का दुरुपयोग हो रहा है, जिससे विकृति पैदा हुई है.
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बताते चलें कि इन दिनों गोवर्धन पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज कुमाऊं के दौरे पर हैं. जहां उनके द्वारा विभिन्न स्थानों शहरों में जाकर सद्भावना कार्यक्रम आयोजित करवाए जा रहे हैं. जिसमें सनातन धर्म को आगे बढ़ाने और युवाओं को धर्म के तरफ लौटने का संदेश दिया जा रहा है.