हल्द्वानी: शहर के सीवर (haldwani sewer problem) का पानी सीधे गौला नदी में छोड़ा जा रहा है. इससे गौला नदी (Haldwani Gaula River) का जल दूषित हो रहा है. ऐसे में महामारी फैलने की आशंका बनी हुई है. वहीं जिम्मेदार विभाग एक दूसरे के ऊपर ठीकरा फोड़कर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं. सीवर के गंदे पानी से नदी का पानी गंदा होने के साथ-साथ नदी में खनन कार्य में लगे मजदूरों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
हल्द्वानी शहर के लिए सीवर ट्रीटमेंट व्यवस्था नहीं होने के चलते नगर निगम, जल संस्थान द्वारा सीवर का पानी इधर-उधर छोड़ा जा रहा है. आलम यह है कि अब सीवर के पानी को सीधे गौला नदी में छोड़ा जा रहा है. इसके चलते गौला नदी का जल दूषित हो रहा है. नदी के दूषित होने से महामारी फैलने की आशंका बनी हुई है. यही नहीं सीवर के पानी से वन विभाग को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है जहां जंगल से सीवर का पानी छोड़ा जा रहा है जो जंगल से होते हुए नदी में पहुंच रहा है.
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जिसके चलते वन संपदा को भी नुकसान पहुंच रहा है. सीवर के पानी को कई बार सिंचाई की नहर में छोड़ा जा रहा था, जिसका ग्रामीणों ने विरोध किया. अब सीवर के पानी को नहर में ना डालकर सीधे जंगल के माध्यम से गौला नदी में डालने का काम किया जा रहा है. रोजाना लाखों लीटर निकलने वाले सीवर से गौला नदी दूषित हो रही है.
ग्राम प्रधान विपिन चंद्र जोशी का कहना है कि शहर से रोजाना लाखों लीटर सीवर का गंदा पानी ग्रामीण इलाकों से होते हुए नदी में छोड़ा जा रहा है. इसको लेकर वह पिछले कई सालों से लड़ाई लड़ते आ रहे हैं. विधायक के अलावा शासन प्रशासन को भी अवगत करा चुके हैं लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है.
वहीं इस पूरे मामले में क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रबंधक पीके जोशी और तराई पूर्वी वन प्रभाग के डीएफओ संदीप कुमार का कहना है कि ईटीवी भारत के माध्यम से मामला उनके संज्ञान में आया है. इसको लेकर वह पूरे मामले की जांच कर जिम्मेदार विभाग को नोटिस जारी कर कार्रवाई करेंगे.