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ज्योतिबा फुले सायंकालीन स्कूल की दूसरी वर्षगांठ, शिक्षकों की मुहिम ने 200 से ज्यादा बच्चों को शिक्षा से जोड़ा

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 27, 2023, 1:34 PM IST

Updated : Nov 27, 2023, 1:44 PM IST

Ramnagar Jyotiba Phule Evening School ज्योतिबा फुले सायंकालीन स्कूल की दूसरी वर्षगांठ धूमधाम से मनाई गई. कार्यक्रम में बच्चों ने कई सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए. शिक्षकों की मुहिम ने 200 से ज्यादा बच्चों को शिक्षा से जोड़ दिया है.

Jyotiba Phule School
ज्योतिबा फुले स्कूल
ज्योतिबा फुले सायंकालीन स्कूल की दूसरी वर्षगांठ.

रामनगर: कहते हैं अगर मन में लगन हो तो इंसान के लिए कुछ भी असंभव नहीं है. रामनगर के रचनात्मक शिक्षक मंडल के शिक्षकों ने कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है. जहां इन शिक्षकों की 2 साल पहले से की गई मेहनल अब धीरे-धीरे रंग ला रही है. शिक्षकों के द्वारा चलाई गई मुहिम ने शिक्षा से वंचित हो चुके 200 से ज्यादा बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ दिया है.

रविवार को ज्योतिबा फुले सायंकालीन स्कूल ने अपना दूसरा वार्षिकउत्सव मनाया. कार्यक्रम में रचनात्मक शिक्षक मंडल द्वारा खेलकूद, स्काउट के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए. संविधान दिवस पर हुए इस आयोजन की शुरुआत संविधान की उद्देशिका से की गई. फिर बच्चों द्वारा 'सारे जहां से अच्छा' गीत प्रस्तुत किया गया. स्काउट शिक्षक जीतपाल कठैत और सुभाष गोला के निर्देशन पर बच्चों ने स्काउट की विभिन्न आकर्षक गतिविधियां की.
ये भी पढ़ेंः देहरादून में मूकबधिर छात्रों ने देखा T-20 मैच, खिले चेहरे, लीग के CEO ने किया चीयर अप

क्रीड़ा शिक्षिका नमिता पाठक, ममता जोशी पाठक के निर्देशन पर बच्चों ने विभिन्न खेल कूद गतिविधियां की. जलेबी दौड़, कंचा चम्मच दौड़, बोरी दौड़ विशेष आकर्षण के केंद्र रहे. बच्चों ने कुमाऊंनी, गढ़वाली लोक गीतों पर रंगारंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए. साथ ही बच्चों द्वारा ज्योतिबा फुले के जीवन पर आधारित नाटक प्रस्तुत किया गया. इसके बाद प्रतिभागी बच्चों को पुरस्कृत किया गया. पूर्णत जनसहयोग से संचालित इस स्कूल ने 200 से अधिक गरीब बच्चों को पिछले दो वर्षों में शिक्षा की मुख्यधारा में लाने का काम किया है. 2021 में रचनात्मक शिक्षक मंडल ने सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित समुदाय के बच्चों के लिए निशुल्क ज्योतिबा फुले सायंकालीन स्कूल शुरू किया था.

ज्योतिबा फुले सायंकालीन स्कूल की दूसरी वर्षगांठ.

रामनगर: कहते हैं अगर मन में लगन हो तो इंसान के लिए कुछ भी असंभव नहीं है. रामनगर के रचनात्मक शिक्षक मंडल के शिक्षकों ने कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है. जहां इन शिक्षकों की 2 साल पहले से की गई मेहनल अब धीरे-धीरे रंग ला रही है. शिक्षकों के द्वारा चलाई गई मुहिम ने शिक्षा से वंचित हो चुके 200 से ज्यादा बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ दिया है.

रविवार को ज्योतिबा फुले सायंकालीन स्कूल ने अपना दूसरा वार्षिकउत्सव मनाया. कार्यक्रम में रचनात्मक शिक्षक मंडल द्वारा खेलकूद, स्काउट के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए. संविधान दिवस पर हुए इस आयोजन की शुरुआत संविधान की उद्देशिका से की गई. फिर बच्चों द्वारा 'सारे जहां से अच्छा' गीत प्रस्तुत किया गया. स्काउट शिक्षक जीतपाल कठैत और सुभाष गोला के निर्देशन पर बच्चों ने स्काउट की विभिन्न आकर्षक गतिविधियां की.
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क्रीड़ा शिक्षिका नमिता पाठक, ममता जोशी पाठक के निर्देशन पर बच्चों ने विभिन्न खेल कूद गतिविधियां की. जलेबी दौड़, कंचा चम्मच दौड़, बोरी दौड़ विशेष आकर्षण के केंद्र रहे. बच्चों ने कुमाऊंनी, गढ़वाली लोक गीतों पर रंगारंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए. साथ ही बच्चों द्वारा ज्योतिबा फुले के जीवन पर आधारित नाटक प्रस्तुत किया गया. इसके बाद प्रतिभागी बच्चों को पुरस्कृत किया गया. पूर्णत जनसहयोग से संचालित इस स्कूल ने 200 से अधिक गरीब बच्चों को पिछले दो वर्षों में शिक्षा की मुख्यधारा में लाने का काम किया है. 2021 में रचनात्मक शिक्षक मंडल ने सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित समुदाय के बच्चों के लिए निशुल्क ज्योतिबा फुले सायंकालीन स्कूल शुरू किया था.

Last Updated : Nov 27, 2023, 1:44 PM IST
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