हल्द्वानीः लॉकडाउन के चलते पहले से ही परेशान किसानों को अब कुदरत की मार झेलनी पड़ रही है. भीमताल के ओखलकांडा ब्लॉक के कई गांवों में भारी बारिश और ओलावृष्टि की वजह से आलू में झुलसा रोग लग गया है. जिससे आलू की खेती बर्बाद हो गई है. वहीं, किसानों ने मुआवजा और फसल का बीमा देने की मांग की है.
दरअसल, पंतौली के तोक चामा, नाई, महतोली, गंगोलीगाड, भुमका, कोटली, थली, हरीनगर, मोहनागांव, थलाडी, चकदलाड समेत दर्जनों गांवों में पहले ओलावृष्टी, तेज बारिश और अब झुलसा रोग ने दस्तक दे दी है. जिससे आलू में दाना तैयार नहीं हो पा रहा है. आलू का पौधा सूख चुका हैं, जबकि, यहां के किसान आलू की खेती पर ही निर्भर रहते है. किसानों का कहना है कि रात को कोहरा पड़ने के कारण यह रोग लगा है. हालांकि, वो दवा का छिड़काव कर रहे हैं, लेकिन उसका असर नहीं हो रहा है.
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जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि बीते दिनों जिले में हुई ओलावृष्टि और बारिश के कारण काश्तकारों की आलू,खुमानी, आडू, पूलम, मटर समेत बागवानी को बडे़ पैमाने पर नुकसान पहुंचा है. ओलावृष्टि के कारण हुई कृषि एवं बागवानी फसलों की क्षति कृषकों की प्रति व्यक्ति क्षति की ईकाई को निर्धारित करते इसका आंकलन करवाया गया है.
उन्होने बताया कि धारी और कोश्याकुटौली तहसील के 3,260 किसान प्रभावित हुए हैं. आंकलन के अनुसार इन किसानों को 65.20 लाख की मुआवजा राशि की आवश्यकता होगी. नैनीताल तहसील के 1,247 किसानों को 24.92 लाख, धारी तहसील के 1,000 किसानों को 20 लाख की धनराशि और कोश्याकुटौली तहसील के 1,013 किसानों को 20.28 लाख की मुआवजा राशि दी जानी है.