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IIT के वैज्ञानिकों ने गौला नदी के आसपास 10 जगहों को बताया संवेदनशील, पढ़ें पूरी खबर - Gaula river

गौला नदी के पास 10 जगहों को बताया संवेदनशील (10 sensitive places near the Gaula river) बताया गया है. भविष्य में इन जगहों पर आपदा जैसे हालात बन सकते हैं. जिसे देखते हुए सिंचाई विभाग को डीपीआ र(Instructions to prepare DPR) तैयार करने के निर्देश दिये गये हैं.

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वैज्ञानिकों ने गौला नदी के आसपास की 10 जगहों को बताया संवेदनशील
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Published : Nov 12, 2022, 3:48 PM IST

Updated : Nov 12, 2022, 5:00 PM IST

हल्द्वानी: आईआईटी की टीम ने आपदा की दृष्टि से गौला नदी (Gaula river) के आसपास की 10 जगहों को संवेदनशील (10 sensitive places near the Gaula river) बताया है. आईआईटी की टीम ने कहा नदी से कटान होने वाले इन जगहों को मरम्मत करने की जरूरत है नहीं तो भविष्य में कोई बड़ा आपदा हो सकता है. जिसके बाद भविष्य में गौला नदी से होने वाली आपदा से बचाव के लिए सिंचाई विभाग को डीपीआर तैयार करने को कहा गया है.

बरसात के दिनों में पहाड़ पर होने वाली भारी बरसात के चलते कुमाऊं की सबसे बड़ी गौला नदी उफान पर रहती है. जिससे ग्रामीण इलाकों को खतरा बना रहता है. गौला नदी बरसात के समय कई ग्रामीणों के घर और खेत को भी अपने आगोश में ले लेती है. भविष्य में नदी के आपदा की दृष्टि से कई ग्रामीण इलाकों को खतरा बना हुआ है. जिसके मद्देनजर वन विभाग ने आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों के माध्यम से गौला नदी से होने वाले नुकसान का आकलन कराया. आईआईटी की टीम ने करीब 10 जगहों को चिन्हित किया, जो आपदा की दृष्टि से अति संवेदनशील है. आईआईटी की टीम ने कहा नदी से कटान होने वाले इन जगहों को मरम्मत करने की जरूरत है नहीं तो भविष्य में कोई बड़ा आपदा हो सकता है.

गौला नदी के आसपास 10 जगह संवेदनशील.

पढे़ं- Uttarakhand Earthquake: भूकंप एप ने 1 मिनट पहले दिया था अलर्ट, सेंसर ऐसे बचाएगा जान

तराई पूर्वी वन प्रभाग के डीएफओ संदीप कुमार ने भविष्य में गौला नदी से होने वाली आपदा से बचाव के लिए सिंचाई विभाग को डीपीआर तैयार करने को कहा है. जिससे गौला नदी के इन संवेदनशील जगह पर तटबंध बनाए जा सकें. जिससे कि भविष्य में आने वाली आपदा से ग्रामीण क्षेत्रों को बचाया जा सके. डीएफओ तराई पूर्वी वन प्रभाग संदीप कुमार ने कहा वन विभाग और सिंचाई विभाग डीपीआर तैयार करेगा.

पढे़ं- नैनीताल में चल रही 'द लेडी किलर' फिल्म की शूटिंग, भट्ट की दाल के दीवाने हुए एक्टर अर्जुन कपूर

जिसके बाद बजट मिलने पर नदी से होने वाले कटान वाले क्षेत्र में तटबंध बनाने जाने का काम किया जाएगा, जिससे भविष्य में होने वाली आपदा से बचा जा सके. उन्होंने कहा बरसात में गौला नदी में भारी पानी आने से कई ग्रामीण इलाकों को खतरा बना रहता है. ऐसे में अगर तटबंध बन जाते हैं तो इन ग्रामीण इलाकों को भविष्य में होने वाले आपदा से रोका जा सकेगा.

हल्द्वानी: आईआईटी की टीम ने आपदा की दृष्टि से गौला नदी (Gaula river) के आसपास की 10 जगहों को संवेदनशील (10 sensitive places near the Gaula river) बताया है. आईआईटी की टीम ने कहा नदी से कटान होने वाले इन जगहों को मरम्मत करने की जरूरत है नहीं तो भविष्य में कोई बड़ा आपदा हो सकता है. जिसके बाद भविष्य में गौला नदी से होने वाली आपदा से बचाव के लिए सिंचाई विभाग को डीपीआर तैयार करने को कहा गया है.

बरसात के दिनों में पहाड़ पर होने वाली भारी बरसात के चलते कुमाऊं की सबसे बड़ी गौला नदी उफान पर रहती है. जिससे ग्रामीण इलाकों को खतरा बना रहता है. गौला नदी बरसात के समय कई ग्रामीणों के घर और खेत को भी अपने आगोश में ले लेती है. भविष्य में नदी के आपदा की दृष्टि से कई ग्रामीण इलाकों को खतरा बना हुआ है. जिसके मद्देनजर वन विभाग ने आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों के माध्यम से गौला नदी से होने वाले नुकसान का आकलन कराया. आईआईटी की टीम ने करीब 10 जगहों को चिन्हित किया, जो आपदा की दृष्टि से अति संवेदनशील है. आईआईटी की टीम ने कहा नदी से कटान होने वाले इन जगहों को मरम्मत करने की जरूरत है नहीं तो भविष्य में कोई बड़ा आपदा हो सकता है.

गौला नदी के आसपास 10 जगह संवेदनशील.

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तराई पूर्वी वन प्रभाग के डीएफओ संदीप कुमार ने भविष्य में गौला नदी से होने वाली आपदा से बचाव के लिए सिंचाई विभाग को डीपीआर तैयार करने को कहा है. जिससे गौला नदी के इन संवेदनशील जगह पर तटबंध बनाए जा सकें. जिससे कि भविष्य में आने वाली आपदा से ग्रामीण क्षेत्रों को बचाया जा सके. डीएफओ तराई पूर्वी वन प्रभाग संदीप कुमार ने कहा वन विभाग और सिंचाई विभाग डीपीआर तैयार करेगा.

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जिसके बाद बजट मिलने पर नदी से होने वाले कटान वाले क्षेत्र में तटबंध बनाने जाने का काम किया जाएगा, जिससे भविष्य में होने वाली आपदा से बचा जा सके. उन्होंने कहा बरसात में गौला नदी में भारी पानी आने से कई ग्रामीण इलाकों को खतरा बना रहता है. ऐसे में अगर तटबंध बन जाते हैं तो इन ग्रामीण इलाकों को भविष्य में होने वाले आपदा से रोका जा सकेगा.

Last Updated : Nov 12, 2022, 5:00 PM IST
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