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कॉर्बेट पार्क: बाघ शावक क्षेत्र में सफारी पर लगेगी रोक, जानिए वजह

कॉर्बेट नेशनल पार्क में बाघिन बिना किसी रुकावट अपने शावकों को पाल सके, इसके लिए शावक वाले एरिया में जंगल सफारी पर पाबंदी लगा दी गई है.

tiger
बाघिन और शावक
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Published : Aug 17, 2020, 8:37 PM IST

रामनगरः प्रसिद्ध कॉर्बेट नेशनल पार्क बाघों के घनत्व से लिए पूरे विश्व में जाना जाता है. इस बार की गणना में भी बाघों की कुनबा बढ़ा है. जिससे उनके रहने के लिए क्षेत्रफल कम पड़ रहा है. जिसे देखते हुए कॉर्बेट प्रशासन ने बाघिन और उसके शावकों वाले क्षेत्रों को चिन्हित करना शुरू कर दिया है. उन क्षेत्रों में सफारी पर पाबंदी लगा दी गई है. जिससे बाघिन बिना किसी रुकावट अपने शावकों को पाल सके और जंगल की चुनौतियों से लड़ना सिखा सके.

बता दें, कॉर्बेट नेशनल पार्क में पिछले महीने में हुए गणना में 231 बाघ सामने आए हैं. जिसमें 35 बाघ कॉर्बेट के लैंडस्केप में आते जाते रहते हैं. कॉर्बेट नेशनल पार्क का बाघों के मामले में अलग पहचान है. ऐसे में कॉर्बेट प्रशासन ने शावकों वाले क्षेत्रों को चिन्हित करना शुरू कर दिया है. उन क्षेत्रों को पार्क प्रशासन पर्यटक सीजन में जंगल सफारी के लिए बंद करेगा.

शावकों वाले क्षेत्रों में सफारी पर प्रतिबंध.

ये भी पढ़ेंः कॉर्बेट पार्क से जल्द ही 5 बाघों को राजाजी टाइगर रिजर्व में किया जाएगा शिफ्ट, जानिए वजह

ऐसा माना जाता है कि कॉर्बेट पार्क में एक बाघ करीब साढ़े 4 स्क्वॉयर किलोमीटर के एरिया में रहता है. जबकि, कॉर्बेट पार्क 1288.32 स्क्वॉयर किलोमीटर में फैला हुआ है. वहीं, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार का कहना है कि जिस एरिया में बाघिन अपने शावकों को पाल रही होगी. उस एरिया में सफारी को प्रतिबंधित कर दिया जाएगा. जिससे बाघिन को अपने बच्चों को शिकार के गुण सिखाने और उनके पालन-पोषण में किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न न हो.

रामनगरः प्रसिद्ध कॉर्बेट नेशनल पार्क बाघों के घनत्व से लिए पूरे विश्व में जाना जाता है. इस बार की गणना में भी बाघों की कुनबा बढ़ा है. जिससे उनके रहने के लिए क्षेत्रफल कम पड़ रहा है. जिसे देखते हुए कॉर्बेट प्रशासन ने बाघिन और उसके शावकों वाले क्षेत्रों को चिन्हित करना शुरू कर दिया है. उन क्षेत्रों में सफारी पर पाबंदी लगा दी गई है. जिससे बाघिन बिना किसी रुकावट अपने शावकों को पाल सके और जंगल की चुनौतियों से लड़ना सिखा सके.

बता दें, कॉर्बेट नेशनल पार्क में पिछले महीने में हुए गणना में 231 बाघ सामने आए हैं. जिसमें 35 बाघ कॉर्बेट के लैंडस्केप में आते जाते रहते हैं. कॉर्बेट नेशनल पार्क का बाघों के मामले में अलग पहचान है. ऐसे में कॉर्बेट प्रशासन ने शावकों वाले क्षेत्रों को चिन्हित करना शुरू कर दिया है. उन क्षेत्रों को पार्क प्रशासन पर्यटक सीजन में जंगल सफारी के लिए बंद करेगा.

शावकों वाले क्षेत्रों में सफारी पर प्रतिबंध.

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ऐसा माना जाता है कि कॉर्बेट पार्क में एक बाघ करीब साढ़े 4 स्क्वॉयर किलोमीटर के एरिया में रहता है. जबकि, कॉर्बेट पार्क 1288.32 स्क्वॉयर किलोमीटर में फैला हुआ है. वहीं, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार का कहना है कि जिस एरिया में बाघिन अपने शावकों को पाल रही होगी. उस एरिया में सफारी को प्रतिबंधित कर दिया जाएगा. जिससे बाघिन को अपने बच्चों को शिकार के गुण सिखाने और उनके पालन-पोषण में किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न न हो.

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