हल्द्वानी: नैनीताल जिले ने कुपोषण के खिलाफ जंग में काफी हद तक काबू पा लिया है. देश की सबसे बड़ी बीमारी कुपोषण सरोवर नगरी से धीरे-धीरे समाप्त हो रही है. ताजा आंकड़ा नैनीताल जिले का है, हां कुपोषण और अति कुपोषण बच्चों की संख्या में काफी कमी आई है.
बाल विकास परियोजना कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष बड़ी संख्या में कुपोषित बच्चों की संख्या में कमी आई है. पिछले वर्ष प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कुपोषित बच्चों को गोद लिए जाने की मुहिम के बाद इस योजना में असर देखने को मिला है.
पिछले वर्ष के आंकड़ों के अनुसार, नैनीताल जिले में 1800 कुपोषित बच्चे थे, वहीं 135 अति कुपोषित बच्चे चिन्हित किए गए थे. इन बच्चों को क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा गोद लिए जाने के बाद इन कुपोषित बच्चों की संख्या में काफी कमी देखने को मिली. जिले में अभी 1365 कुपोषित और 75 अति कुपोषित बच्चे ही चिन्हित किए गए हैं. वहीं, प्रशासन द्वारा बाल विकास योजना के अंतर्गत कुपोषित बच्चों का ध्यान रखा जा रहा है, जिससे इनकी संख्या में तेजी से कमी आई है.