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REALITY CHECK: कक्षा 6 के बच्चों को नहीं है आखर ज्ञान, ऐसे बनेगा भारत महान

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Published : Sep 14, 2019, 3:25 PM IST

Updated : Sep 14, 2019, 6:49 PM IST

हिंदी दिवस स्पेशल ईटीवी भारत के रियल्टी टेस्ट में फेल हुए कक्षा 5 और 6 के बच्चे. नहीं सुना पाए क, ख, ग वर्णमाला.शिक्षिका ने हिंदी वर्णमाला के 36 अक्षर बताए.

सरकारी स्कूल का रिएलिटी टेस्ट

हल्द्वानीः हिंदी भाषा के संरक्षण के लिए सरकार और संस्थाएं हिंदी दिवस को बड़े जोर शोर से बनाने का संकल्प लिया जाता है. सरकार द्वारा सरकारी स्कूल हो या सरकारी कार्यालय सभी जगह हिंदी का प्रयोग होना अनिवार्य किया गया है. सरकारी स्कूलों में जब बच्चे को दाखिला दिया जाता है तो उसकी शुरुआत हिंदी वर्णमाला से की जाती है और हिंदी वर्णमाला उस बच्चे का भविष्य होता है लेकिन सरकारी स्कूल के बच्चों को हिंदी वर्णमाला तक भी याद नहीं है.

ऐसे में सरकार हिंदी के बढ़ावा की बात तो करती है लेकिन ईटीवी भारत के रियलिटी टेस्ट में सरकारी स्कूल के बच्चों की हकीकत देखिए सुनिए किस तरह से बच्चे हिंदी के वर्णमाला को भी नहीं सुना पा रहे हैं. सरकार हिंदी को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन तो करती है लेकिन इसका हकीकत प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में देखने को मिल सकता है जहां पढ़ाई की शुरुआत हिंदी के वर्णमाला से की जाती है मगर यहां के बच्चे हिंदी के वर्णमाला भी नहीं सुना पा रहे हैं.

हिंदी दिवस पर सरकारी स्कूल का रिएलिटी टेस्ट

कक्षा 1 और 2 में पढ़ाई जाने वाली वर्णमाला क,ख,ग के साथ-साथ अ, आ, इ वर्णमाला को कक्षा 5 और 6 के बच्चे तक नहीं सुना पा रहे हैं. ऐसे में सरकारी स्कूल में पढ़ाई की जाने शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः कॉर्बेट नेशनल पार्क में मिली 'उड़ने वाली गिलहरी', दुनिया के दुर्लभ जीवों में से है एक

यही हालात हिंदी पढ़ाने वाले शिक्षकों का भी है जो बच्चों के पढ़ाने के नाम पर सरकार से मोटी तनख्वाह तो लेते हैं लेकिन इनको भी पता नहीं है कि हिंदी वर्णमाला में कितने अक्षर होते हैं. वैसे तो हिंदी वर्णमाला में 52 अक्षर होते हैं लेकिन हिंदी पढ़ाने वाली शिक्षिका सुनीता उपाध्याय हिंदी वर्णमाला के 36 अक्षर बता रही हैं.

हल्द्वानीः हिंदी भाषा के संरक्षण के लिए सरकार और संस्थाएं हिंदी दिवस को बड़े जोर शोर से बनाने का संकल्प लिया जाता है. सरकार द्वारा सरकारी स्कूल हो या सरकारी कार्यालय सभी जगह हिंदी का प्रयोग होना अनिवार्य किया गया है. सरकारी स्कूलों में जब बच्चे को दाखिला दिया जाता है तो उसकी शुरुआत हिंदी वर्णमाला से की जाती है और हिंदी वर्णमाला उस बच्चे का भविष्य होता है लेकिन सरकारी स्कूल के बच्चों को हिंदी वर्णमाला तक भी याद नहीं है.

ऐसे में सरकार हिंदी के बढ़ावा की बात तो करती है लेकिन ईटीवी भारत के रियलिटी टेस्ट में सरकारी स्कूल के बच्चों की हकीकत देखिए सुनिए किस तरह से बच्चे हिंदी के वर्णमाला को भी नहीं सुना पा रहे हैं. सरकार हिंदी को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन तो करती है लेकिन इसका हकीकत प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में देखने को मिल सकता है जहां पढ़ाई की शुरुआत हिंदी के वर्णमाला से की जाती है मगर यहां के बच्चे हिंदी के वर्णमाला भी नहीं सुना पा रहे हैं.

हिंदी दिवस पर सरकारी स्कूल का रिएलिटी टेस्ट

कक्षा 1 और 2 में पढ़ाई जाने वाली वर्णमाला क,ख,ग के साथ-साथ अ, आ, इ वर्णमाला को कक्षा 5 और 6 के बच्चे तक नहीं सुना पा रहे हैं. ऐसे में सरकारी स्कूल में पढ़ाई की जाने शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

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यही हालात हिंदी पढ़ाने वाले शिक्षकों का भी है जो बच्चों के पढ़ाने के नाम पर सरकार से मोटी तनख्वाह तो लेते हैं लेकिन इनको भी पता नहीं है कि हिंदी वर्णमाला में कितने अक्षर होते हैं. वैसे तो हिंदी वर्णमाला में 52 अक्षर होते हैं लेकिन हिंदी पढ़ाने वाली शिक्षिका सुनीता उपाध्याय हिंदी वर्णमाला के 36 अक्षर बता रही हैं.

Intro:sammry-हिंदी दिवस स्पेशल ईटीवी भारत के रियल्टी टेस्ट में फेल हुए कक्षा 5 और 6 के बच्चे नहीं सुना पाए क ख ग वर्णमाला ।

एंकर- हिंदी भाषा के संरक्षण के लिए सरकार और संस्थाएं हिंदी दिवस को बड़े जोर शोर से बनाने का संकल्प लिया जाता है। सरकार द्वारा सरकारी स्कूल हो या सरकारी कार्यालय सभी जगह हिंदी का प्रयोग होना अन्य अनिवार्य किया गया है। सरकारी स्कूलों में जब बच्चे को दाखिला दी जाती है तो उसकी शुरुआत हिंदी वर्णमाला से की जाती है। और हिंदी वर्णमाला उस बच्चे का भविष्य होता है लेकिन सरकारी स्कूल कि बच्चों को हिंदी वर्णमाला तक भी याद नहीं है ऐसे में सरकार हिंदी की बढ़ावा की बात तो करती है लेकिन ई टीवी भारत के रियलिटी टेस्ट में सरकारी स्कूल के बच्चों की हकीकत देखिए सुनिए किस तरह से बच्चे हिंदी के वर्णमाला को भी नहीं सुना पा रहे हैं........


Body:सरकार हिंदी को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की है कार्यक्रम का आयोजन तो करती है लेकिन इसका हकीकत प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में देखने को मिल सकता है जहां पढ़ाई की शुरुआत हिंदी के वर्णमाला से की जाती है मगर यहां के बच्चे हिंदी के वर्णमाला भी नहीं सुना पा रहे हैं। कक्षा 1 और 2 में पढ़ाई जाने वाली वर्णमाला क ख ग घ, के साथ-साथ अ आ इ वर्णमाला को कक्षा 5 और 6 के बच्चे तक नहीं सुना पा रहे हैं ऐसे में सरकारी स्कूल में पढ़ाई की जाने शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

बाइट छात्राएं
बाइट छात्राएं


Conclusion:यही हालात हिंदी पढ़ाने वाले शिक्षकों का भी है जो बच्चों के पढ़ाने के नाम पर सरकार से मोटी तनख्वाह तो लेते हैं लेकिन इनको भी पता नहीं है कि हिंदी वर्णमाला में कितने अक्षर होते हैं। वैसे तो हिंदी वर्णमाला में 52 अक्षर होते हैं लेकिन हिंदी पढ़ाने वाली शिक्षिका सुनीता उपाध्याय हिंदी वर्णमाला के 36 अक्षर बता रही हैं।

बाइट सुनीता उपाध्याय हिंदी टीचर
Last Updated : Sep 14, 2019, 6:49 PM IST
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