रामनगर: उत्तराखंड में 14 फरवरी को मतदान संपन्न होने के बाद कांग्रेस नतीजों का इंतजार भी नहीं कर रही है. कांग्रेस पार्टी के नेता अभी से 'विधानमंडल दल की बैठक' और 'मैं बनूंगा सीएम या घर बैठूंगा' जैसी बातें कर रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस को नतीजों से पहले ही जीत की सुगंध मिल गई है. रणजीत सिंह रावत ने कहा कि सपने तो हर कोई देखता है... "यदि होता किन्नर नरेश मैं राजमहल में रहता, सोने का सिंघासन होता सिर पर मुकुट चमकता".
कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत सिंह रावत ने हरीश रावत के सीएम बनने के बयान पर तंज कसते हुए कहा है कि प्रदेश का मुख्यमंत्री कौन होगा, यह हाईकमान तय करेगा ? रणजीत रावत ने कहा कि चुने हुए विधायक विधानमंडल दल के नेता का नाम तय कर हाईकमान को भेजेंगे. उसके बाद ही हाईकमान तय करेगा कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा?
कांग्रेस के प्रदेश सचिव की मांग: वहीं, विधायक हरीश धामी के बाद अब कांग्रेस के प्रदेश सचिव गोपाल सिंह रावत ने हरीश रावत को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग उठाई है. गोपाल रावत ने प्रेस वार्ता कर कहा है कि उत्तराखंड 2022 का चुनाव हरीश रावत के चेहरे पर लड़ा गया है. ऐसे में हरीश रावत को ही मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस के पास हरीश रावत के अलावा मुख्यमंत्री के लिए दूसरा कोई विकल्प नहीं है.
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प्रीतम को नसीहत: गोपाल रावत ने नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह को नसीहत देते हुए कहा है कि हरीश रावत के चेहरे पर पूरे उत्तराखंड में चुनाव लड़ा गया है. ऐसे में प्रीतम सिंह को कोई एतराज नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रीतम सिंह के पास अनुभव की कमी है लेकिन हरीश रावत पूरी तरह से अनुभवी हैं. प्रीतम सिंह केवल चकराता और विकास नगर तक सीमित है जबकि हरीश रावत पूरे प्रदेश के नेता हैं.