हल्द्वानी: उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्र धारचूला की रं समाज कल्याण संस्था (Rang samaj kalyan sanstha) द्वारा हल्द्वानी में आज एक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें पहाड़ के परंपरा से लेकर संस्कृति व सामाजिक गतिविधियों का अनूठा संगम देखने को मिला. वहीं, इस आयोजन का साक्षी बनने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों के अतिरिक्त विदेश में रहने वाले रं समाज के लोग भी बड़ी तादाद में शामिल हुए. इस मौके पर वक्ताओं ने पहाड़ी समाज की संस्कृति और धरोहर को बचाने की अपील भी की.
बता दें कि हल्द्वानी में आयोजित इस दो दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) को करना था. लेकिन वह किसी व्यस्ता के चलते इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए. ऐसे में इस कार्यक्रम का सांसद अजय टम्टा, धारचूला विधायक हरीश धामी और विधायक बंशीधर भगत ने संयुक्त रूप से किया. वहीं, इस कार्यक्रम में रं समाज के लोग पारंपरिक परिधान व ढोल नगाड़े के धुनपर जमकर थिरके. इस मौके पर रं समाज की महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में नजर आईं.
वहीं, रं समाज कल्याण समिति के अध्यक्ष बिशन सिंह बोनाल ने बताया कि इस दो दिवसीय आयोजन में धारचूला की व्यास, दारमा, चौंदास और रालम पातौं घाटी की समस्याओं पर चर्चा की जाएगी. उन्होंने बताया कि यह इस समिति की स्थापना साल 1989 में लखनऊ में हुई थी. आज समिति द्वारा अपने समाज की संस्कृति सभ्यता को संजोने का प्रयास किया जा रहा है. ऐसे में इस तरह के आयोजनों में देश दुनिया में बसे रं समाज के लोग एकत्रित होकर एक मंच पर आते हैं. यह आयोजन इस समाज के लोगों को एकजुट करने का काम करता है.
पीएम मोदी मन की बात में कर चुके हैं चर्चा: चीन और नेपाल सीमा से लगे अति दुर्गम और बर्फीले क्षेत्र में रहने वाले रं समुदाय के अपनी संस्कृति को संजोए रखने के प्रयास की सराहना पीएम मोदी अपने लोकप्रिय कार्यक्रम मन की बात में कर चुके हैं. उन्होंने कहा था कि इस समुदाय के लोगों ने अपनी बोली और भाषा को बचाए रखने के लिए अभूतपूर्व प्रयास किया है. अति दुर्गम क्षेत्र होने के बाद भी जिस तरह से उन्होंने अपनी पहचान को बचाए रखने का प्रयास कर रहे हैं, वह निश्चित तौर पर अनुकरणीय है.