रामनगर: नेचर गाइड संजय छिम्मवाल आम से खास होते जा रहे हैं. संजय ने पत्थरों पर चित्रकारी करने के बाद अब पेपरों में वन्यजीवों के स्केच बनाकर लोगों को वन्यजीवों और जैवविविधता के प्रति संरक्षण करने के लिए जागरूक कर रहे हैं.
रामनगर के ढिकुली गांव के रहने वाले संजय छिम्मवाल ने पहले भी पत्थरों पर देवी, देवता, वन्यजीवों और चर्चित हस्तियों की चित्रकारी कर पत्थरों में जान फूंकने का काम किया था. वहीं, लॉकडाउन के समय से संजय पेपरों पर वन्यजीवों की चित्रकारी कर चर्चा में आ गए हैं. लोग संजय के स्कैच को खूब पसंद कर रहे हैं, जिससे उन्हें और ज्यादा स्केच बनाने की प्रेरणा मिल रही है. बता दें कि इन पेपरों में संजय ने भारत में पाए जाने वाले करीब सभी वन्यजीवों की स्कैच बनाए हैं.
संजय छिम्मवाल मुख्य रूप से कॉर्बेट में नेचर गाइड एवं वन्यजीव विशेषज्ञ के रूप में कार्य करते हैं. संजय छिम्मवाल कहते हैं कि इस पूरी प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य लोगों को वन्यजीवों के प्रति जागरूक करना है. क्योंकि काफी वन क्षेत्र कम हो रहे हैं. साथ ही साथ वन्यजीव भी संकट में है. मेरा यही प्रयास है कि इन चित्रों के माध्यम से लोगों को वन्यजीव और जैव विविधता संरक्षण के प्रति जागरूक किया जाए.
संजय छिम्मवाल ने कहा कि इन स्कैचों में पूरे भारत की जैव विविधता को समेटने का प्रयास किया गया है. इसमें सरीसृप, बाघ, हाथी के अलावा जो छोटे-बड़े पक्षी भी शामिल है. इस चित्रकारी में सभी को समेटने का प्रयास किया गया है. संजय कहते हैं कि लॉकडाउन में विचार आया कि क्यों ना पत्थरों के बाद, अब वन्यजीवों का पेपर में स्केच बनाया जाए, अभी तक मैंने 350 से ज्यादा वन्यजीवों की तस्वीरें बनाई है. उन्होंने कहा कि यहां पर आकर बहुत सारे पर्यटक यहां से फोटो खींचकर अपने साथ ले जाते हैं.