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रामदत्त संयुक्त अस्पताल ने इलाज के लिए मांगे 12 हजार, न देने पर डिस्चार्ज करने की धमकी - रामदत्त संयुक्त चिकित्सालय डॉक्टर ने इलाज के लिए पैसे मांगे

रामदत्त संयुक्त चिकित्सालय प्रशासन पर एक युवक ने आरोप लगाते हुए कहा है कि यहां के डॉक्टर ने उसकी बेटी का ऑपरेशन करने के लिए 12 हजार रुपये की मांग की है. वहीं न देने पर बेटी को डिस्चार्ज करने की धमकी दी है. इससे गरीब पिता काफी परेशान है और प्रशासन से मदद की मांग कर रहा है.

Ramdutt Joint Hospital ramnagar
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Published : Oct 7, 2021, 12:49 PM IST

रामनगर: रामदत्त संयुक्त चिकित्सालय प्रशासन पर एक युवक ने गंभीर आरोप लगाए हैं. युवक ने आरोप लगाते हुए कहा कि अस्पताल के डॉक्टर ने उसकी बेटी का ऑपरेशन करने के लिए 12 हजार रुपये की मांग की है. वहीं, पैसे न देने पर बेटी को बिना इलाज के ही डिस्चार्ज करने की धमकी दी है.

बता दें कि, धुमाकोट नैनीडांडा सल्ट से आए अनिल पंत ने बताया कि देर शाम उसकी बेटी लता पंत का हाथ खेलते हुए गिरकर टूट गया. जिसके बाद उसके द्वारा उसकी बेटी को धुमाकोट उपचार के लिए लाया गया. जहां से उसकी बेटी को रामनगर रेफर कर दिया गया. पिता अनिल पंत ने बताया कि वह अपनी बेटी को लेकर एक उम्मीद के साथ रात 11:30 पर रामनगर रामदत्त संयुक्त चिकित्सालय पहुंचे. जहां डॉक्टरों ने उसे भर्ती कर दिया. वहीं दूसरे दिन सुबह हड्डी के डॉक्टर उसकी बेटी को देखने आए तो उन्होंने ऑपरेशन करने की बात कही. साथ ही ऑपरेशन का खर्चा 12 हजार आने की बात कही. जब युवक ने डॉक्टर को कहा कि वह एक गरीब मजदूर है. उसके पास 12 हजार रुपये देने को नहीं हैं तो डॉक्टरों द्वारा उसकी बेटी को डिस्चार्ज करने की चेतावनी दी गई.

अस्पताल पर गंभीर आरोप

अनिल पंत का कहना है कि अगर उसके पास पैसा होता तो वह सरकारी अस्पताल में इलाज कराने कभी नहीं आता. वह तो प्राइवेट अस्पताल में जाता. उसने अब मदद की गुहार लगाई है. साथ ही अनिल पंत का कहना है कि अगर उसकी बेटी को डिस्चार्ज किया गया और ऑपरेशन नहीं किया तो वह अस्पताल के आगे धरने पर बैठ जाएंगे.

मामले में अस्पताल के सीएमएस डॉ. मणि भूषण पंत का कहना है कि उनके द्वारा अस्पताल सर्विस प्रोवाइडर से जानकारी ली जाएगी. उसके बाद जांच कर दोषी पाए जाने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ें: सैलानियों को आकर्षित करने में जुटा पर्यटन विभाग, श्रद्धालुओं से अन्य मंदिरों के दर्शन करने की अपील

बता दें कि, रामनगर का रामदत्त संयुक्त चिकित्सालय कुमाऊं और गढ़वाल का एक प्रवेश द्वार पर मुख्य अस्पताल हैं. यहां पर मूलभूत सुविधाएं हमेशा से ही अच्छी नहीं रही हैं. अच्छी सुविधा के लिए वर्तमान सरकार ने इसे दावे के साथ पीपीपी मोड पर दिया था, लेकिन पीपीपी मोड पर जाने के बाद भी अस्पताल आसपास के लोगों को सुविधाएं देने में असमर्थ साबित हो रहा है.

रामनगर: रामदत्त संयुक्त चिकित्सालय प्रशासन पर एक युवक ने गंभीर आरोप लगाए हैं. युवक ने आरोप लगाते हुए कहा कि अस्पताल के डॉक्टर ने उसकी बेटी का ऑपरेशन करने के लिए 12 हजार रुपये की मांग की है. वहीं, पैसे न देने पर बेटी को बिना इलाज के ही डिस्चार्ज करने की धमकी दी है.

बता दें कि, धुमाकोट नैनीडांडा सल्ट से आए अनिल पंत ने बताया कि देर शाम उसकी बेटी लता पंत का हाथ खेलते हुए गिरकर टूट गया. जिसके बाद उसके द्वारा उसकी बेटी को धुमाकोट उपचार के लिए लाया गया. जहां से उसकी बेटी को रामनगर रेफर कर दिया गया. पिता अनिल पंत ने बताया कि वह अपनी बेटी को लेकर एक उम्मीद के साथ रात 11:30 पर रामनगर रामदत्त संयुक्त चिकित्सालय पहुंचे. जहां डॉक्टरों ने उसे भर्ती कर दिया. वहीं दूसरे दिन सुबह हड्डी के डॉक्टर उसकी बेटी को देखने आए तो उन्होंने ऑपरेशन करने की बात कही. साथ ही ऑपरेशन का खर्चा 12 हजार आने की बात कही. जब युवक ने डॉक्टर को कहा कि वह एक गरीब मजदूर है. उसके पास 12 हजार रुपये देने को नहीं हैं तो डॉक्टरों द्वारा उसकी बेटी को डिस्चार्ज करने की चेतावनी दी गई.

अस्पताल पर गंभीर आरोप

अनिल पंत का कहना है कि अगर उसके पास पैसा होता तो वह सरकारी अस्पताल में इलाज कराने कभी नहीं आता. वह तो प्राइवेट अस्पताल में जाता. उसने अब मदद की गुहार लगाई है. साथ ही अनिल पंत का कहना है कि अगर उसकी बेटी को डिस्चार्ज किया गया और ऑपरेशन नहीं किया तो वह अस्पताल के आगे धरने पर बैठ जाएंगे.

मामले में अस्पताल के सीएमएस डॉ. मणि भूषण पंत का कहना है कि उनके द्वारा अस्पताल सर्विस प्रोवाइडर से जानकारी ली जाएगी. उसके बाद जांच कर दोषी पाए जाने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ें: सैलानियों को आकर्षित करने में जुटा पर्यटन विभाग, श्रद्धालुओं से अन्य मंदिरों के दर्शन करने की अपील

बता दें कि, रामनगर का रामदत्त संयुक्त चिकित्सालय कुमाऊं और गढ़वाल का एक प्रवेश द्वार पर मुख्य अस्पताल हैं. यहां पर मूलभूत सुविधाएं हमेशा से ही अच्छी नहीं रही हैं. अच्छी सुविधा के लिए वर्तमान सरकार ने इसे दावे के साथ पीपीपी मोड पर दिया था, लेकिन पीपीपी मोड पर जाने के बाद भी अस्पताल आसपास के लोगों को सुविधाएं देने में असमर्थ साबित हो रहा है.

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