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रेलवे अतिक्रमण क्षेत्र के लोगों को दोहरी मार, निगम ने मलिन बस्ती सर्वे से किया बाहर, लोगों ने जताया विरोध

हल्द्वानी में रेलवे लाइन के समीप अतिक्रमण (Encroachment on Haldwani Railway land) हटाए जाने को लेकर लोग मुखर होते जा रहे हैं. पहले घर खाली करने के नोटिस मिलने के बाद मलिन बस्ती में रह रहे लोगों को उनके विस्थापन की आस जगी थी, लेकिन वह आस भी अब खत्म हो गई है. गुस्साए लोगों ने नगर आयुक्त के खिलाफ प्रदर्शन कर विरोध जताया.

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लोगों ने जताया विरोध
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Published : Apr 20, 2022, 8:46 AM IST

Updated : May 17, 2022, 1:32 PM IST

हल्द्वानी: रेलवे के अतिक्रमण (Encroachment on Haldwani Railway land) की जद में आए मलिन बस्तियों पर दोहरी मार पड़ी है. पहले घर खाली करने के नोटिस मिलने के बाद मलिन बस्ती में रह रहे लोगों को उनके विस्थापन की आस जगी थी, लेकिन वह आस भी खत्म होती नजर आ रही है. जिससे आक्रोशित मलिन बस्ती क्षेत्र के सभासदों ने जनता के साथ मिलकर नगर निगम कार्यालय के बाहर जमकर विरोध-प्रदर्शन किया और नगर आयुक्त के खिलाफ नारेबाजी की.

स्थानीय सभासदों का कहना है कि 2016 में तत्कालीन सरकार ने इस क्षेत्र को मलिन बस्ती घोषित किया था. लेकिन दोबारा फिर से हो रहे सर्वे में इस क्षेत्र को मलिन बस्ती से भी हटा दिया गया. एक ओर रेलवे अपना अतिक्रमण हटाना चाहता है, दूसरी ओर अधिकारियों की लापरवाही और निगम की तानाशाही की वजह से बनभूलपुरा, इंदिरानगर,गफूर बस्ती, ढोलक बस्ती को मलिन बस्तियों की सूची से बाहर कर दिया गया है.
पढ़ें-हल्द्वानी में अतिक्रमण पर राजनीति शुरू, कांग्रेस ने मेयर पर लगाए गंभीर आरोप

लिहाजा वहां के लोगों के सामने अब विस्थापन की चिंता सताने लगी है. सभासदों का कहना है कि अधिकारियों की मिलीभगत से यह कार्य किया गया है. इस दौरान धरना- प्रदर्शन करते हुए सभासदों ने कहा कि अगर जल्द उन्हें मलिन बस्तियों में शामिल नहीं किया गया तो वो उग्र आंदोलन करेंगे.

हल्द्वानी: रेलवे के अतिक्रमण (Encroachment on Haldwani Railway land) की जद में आए मलिन बस्तियों पर दोहरी मार पड़ी है. पहले घर खाली करने के नोटिस मिलने के बाद मलिन बस्ती में रह रहे लोगों को उनके विस्थापन की आस जगी थी, लेकिन वह आस भी खत्म होती नजर आ रही है. जिससे आक्रोशित मलिन बस्ती क्षेत्र के सभासदों ने जनता के साथ मिलकर नगर निगम कार्यालय के बाहर जमकर विरोध-प्रदर्शन किया और नगर आयुक्त के खिलाफ नारेबाजी की.

स्थानीय सभासदों का कहना है कि 2016 में तत्कालीन सरकार ने इस क्षेत्र को मलिन बस्ती घोषित किया था. लेकिन दोबारा फिर से हो रहे सर्वे में इस क्षेत्र को मलिन बस्ती से भी हटा दिया गया. एक ओर रेलवे अपना अतिक्रमण हटाना चाहता है, दूसरी ओर अधिकारियों की लापरवाही और निगम की तानाशाही की वजह से बनभूलपुरा, इंदिरानगर,गफूर बस्ती, ढोलक बस्ती को मलिन बस्तियों की सूची से बाहर कर दिया गया है.
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लिहाजा वहां के लोगों के सामने अब विस्थापन की चिंता सताने लगी है. सभासदों का कहना है कि अधिकारियों की मिलीभगत से यह कार्य किया गया है. इस दौरान धरना- प्रदर्शन करते हुए सभासदों ने कहा कि अगर जल्द उन्हें मलिन बस्तियों में शामिल नहीं किया गया तो वो उग्र आंदोलन करेंगे.

Last Updated : May 17, 2022, 1:32 PM IST
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