ETV Bharat / state

Bear Count in Corbett Park: कॉर्बेट पार्क में 14 साल बाद होगी भालुओं की गणना, विभाग को भेजा गया प्रस्ताव - counting bears in Corbett Park

कॉर्बेट पार्क में जल्द ही भालुओं की गणना शुरू होने जा रही है. कॉर्बेट पार्क प्रशासन ने भालुओं की गणना का प्रस्ताव बनाकर अधिकारियों को भेजा है. इसके साथ ही कॉर्बेट पार्क के अलग अलग क्षेत्रों में भालुओं की साइटिंग का लेखा जोखा जुटाया जा रहा है.

Bear Count in Corbett Park
कॉर्बेट पार्क में 14 साल बाद होगी भालुओं की गणना
author img

By

Published : Feb 3, 2023, 4:12 PM IST

Updated : Feb 3, 2023, 4:22 PM IST

कॉर्बेट पार्क में 14 साल बाद होगी भालुओं की गणना

रामनगर: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में 2008 के बाद से भालुओं की गणना नहीं हुई है. भालुओं की गणना हुए 14 साल से ज्यादा का समय हो चुका है. अब 14 साल बाद कॉर्बेट प्रशासन ने भालुओं की गणना के लिए हेड ऑफ फारेस्ट को प्रस्ताव बनाकर भेजा है. प्रस्ताव के पास होते ही जल्द ही फिर बाघों, हाथियों आदि के साथ ही भालुओं की गणना भी की जाएगी.

बता दें विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में 250 से ज्यादा बाघ, 1200 से ज्यादा हाथी, 400 से ज्यादा पक्षियों की प्रजातियां, 150 से ज्यादा तितलियों के साथ ही सैकड़ों जीव जंतुओं का संसार है. इसके साथ ही कॉर्बेट पार्क में 2 प्रकार के भालुओं की प्रजाति भी पाई जाती है. जिसमें स्लोथ भालू पार्क के निचले हिस्से में पाए जाते हैं. हिमालयन ब्लैक भालू पहाड़ी की ऊंचाइयों पर पाए जाते हैं. बता दें कॉर्बेट प्रशासन ने 2008 में भालुओं की गणना का कार्य किया था. जिसमें कॉर्बेट पार्क में 60 से ज्यादा भालू पाये गये थे. तब से अबतक भालुओं की गिनती नहीं हो पाई है. हर 4 वर्ष में कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में बाघों, हाथियों की गणना की जाती है. मगर भालुओं की गणना को लेकर अभी तक कोई काम नहीं हुआ है.
पढे़ं- AE-JE Paper Leak: CM के निर्देश पर 9 लोगों के खिलाफ मुकदमा, PSC कर्मी संजीव चतुर्वेदी ने कराया था पेपर लीक

अब 14 साल बाद कॉर्बेट प्रशासन ने भालुओं की गणना के लिए हेड ऑफ फॉरेस्ट को प्रस्ताव बनाकर भेजा है. प्रस्ताव के पास होते ही जल्द ही फिर बाघों, हाथियों आदि के साथ ही भालुओं की गणना भी की जाएगी. कॉर्बेट पार्क में भालुओं पर साल 2008 के बाद कोई स्टडी नहीं की गई. बताया जाता है कि यहां के हर एरिया में भालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है. गर्जिया व बिजरानी में भी भालू नजर आये हैं. जबकि ढेला और झिरना में यह समय- समय पर दिखते रहते हैं.
पढे़ं- Fake Call Center: फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर का भंडाफोड़, महिला अमेरिका के लोगों को ऐसे ठगती थी

इस विषय में कॉर्बेट फाउंडेशन के डायरेक्टर हरेंद्र सिंह बरगली कहते हैं भालू भी एक शेड्यूल वन का जीव है. उनकी गणना भी होनी चाहिए. गणना के बाद ही इनकी वास्तविक संख्या का पता लग सकेगा. वहीं वन्यजीव प्रेमी संजय छिम्वाल कहते हैं कॉर्बेट पार्क में दो तरह के भालू पाये जाते हैं. स्लोथ बीयर पार्क के निचले हिस्से में पाए जाते हैं. हिमालयन ब्लैक बीयर पहाड़ी की ऊंचाइयों पर पाए जाते हैं. वे कहते हैं ये सर्वाहारी जीव है. कंद, फल, फूल के अलावा, शहद, दीमक और कभी मांस भी मिले तो वो भी खाता है. वे कहते हैं कॉर्बेट में लंबे समय से इनकी गणना नहीं हुई है. सीटीआर निदेशक डॉ धीरज कुमार ने बताया कॉर्बेट पार्क के अधिकांश क्षेत्र भालुओं के लिये अच्छा वासस्थल हैं. भालुओं की मौजूदगी लगभग हर जगह दर्ज की गई है.

कॉर्बेट पार्क में 14 साल बाद होगी भालुओं की गणना

रामनगर: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में 2008 के बाद से भालुओं की गणना नहीं हुई है. भालुओं की गणना हुए 14 साल से ज्यादा का समय हो चुका है. अब 14 साल बाद कॉर्बेट प्रशासन ने भालुओं की गणना के लिए हेड ऑफ फारेस्ट को प्रस्ताव बनाकर भेजा है. प्रस्ताव के पास होते ही जल्द ही फिर बाघों, हाथियों आदि के साथ ही भालुओं की गणना भी की जाएगी.

बता दें विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में 250 से ज्यादा बाघ, 1200 से ज्यादा हाथी, 400 से ज्यादा पक्षियों की प्रजातियां, 150 से ज्यादा तितलियों के साथ ही सैकड़ों जीव जंतुओं का संसार है. इसके साथ ही कॉर्बेट पार्क में 2 प्रकार के भालुओं की प्रजाति भी पाई जाती है. जिसमें स्लोथ भालू पार्क के निचले हिस्से में पाए जाते हैं. हिमालयन ब्लैक भालू पहाड़ी की ऊंचाइयों पर पाए जाते हैं. बता दें कॉर्बेट प्रशासन ने 2008 में भालुओं की गणना का कार्य किया था. जिसमें कॉर्बेट पार्क में 60 से ज्यादा भालू पाये गये थे. तब से अबतक भालुओं की गिनती नहीं हो पाई है. हर 4 वर्ष में कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में बाघों, हाथियों की गणना की जाती है. मगर भालुओं की गणना को लेकर अभी तक कोई काम नहीं हुआ है.
पढे़ं- AE-JE Paper Leak: CM के निर्देश पर 9 लोगों के खिलाफ मुकदमा, PSC कर्मी संजीव चतुर्वेदी ने कराया था पेपर लीक

अब 14 साल बाद कॉर्बेट प्रशासन ने भालुओं की गणना के लिए हेड ऑफ फॉरेस्ट को प्रस्ताव बनाकर भेजा है. प्रस्ताव के पास होते ही जल्द ही फिर बाघों, हाथियों आदि के साथ ही भालुओं की गणना भी की जाएगी. कॉर्बेट पार्क में भालुओं पर साल 2008 के बाद कोई स्टडी नहीं की गई. बताया जाता है कि यहां के हर एरिया में भालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है. गर्जिया व बिजरानी में भी भालू नजर आये हैं. जबकि ढेला और झिरना में यह समय- समय पर दिखते रहते हैं.
पढे़ं- Fake Call Center: फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर का भंडाफोड़, महिला अमेरिका के लोगों को ऐसे ठगती थी

इस विषय में कॉर्बेट फाउंडेशन के डायरेक्टर हरेंद्र सिंह बरगली कहते हैं भालू भी एक शेड्यूल वन का जीव है. उनकी गणना भी होनी चाहिए. गणना के बाद ही इनकी वास्तविक संख्या का पता लग सकेगा. वहीं वन्यजीव प्रेमी संजय छिम्वाल कहते हैं कॉर्बेट पार्क में दो तरह के भालू पाये जाते हैं. स्लोथ बीयर पार्क के निचले हिस्से में पाए जाते हैं. हिमालयन ब्लैक बीयर पहाड़ी की ऊंचाइयों पर पाए जाते हैं. वे कहते हैं ये सर्वाहारी जीव है. कंद, फल, फूल के अलावा, शहद, दीमक और कभी मांस भी मिले तो वो भी खाता है. वे कहते हैं कॉर्बेट में लंबे समय से इनकी गणना नहीं हुई है. सीटीआर निदेशक डॉ धीरज कुमार ने बताया कॉर्बेट पार्क के अधिकांश क्षेत्र भालुओं के लिये अच्छा वासस्थल हैं. भालुओं की मौजूदगी लगभग हर जगह दर्ज की गई है.

Last Updated : Feb 3, 2023, 4:22 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.