रामनगर: इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के जनक डॉ. काउंट सीजर मैटी के 212 वें जन्मदिन के अवसर पर एक क्रार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान उधमसिंह नगर व नैनीताल जिले से आए चिकित्सकों ने डॉ. मेटी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए.
रामनगर के एक निजी होटल में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यअतिथि पूर्व विधायक रणजीत सिंह राव सहित तमाम प्रतिनिधियों ने शिरकत की. कार्यक्रम के आयोजक डॉ. जफर सैफी ने बताया कि 11 जनवरी सन 1860 को इटली में जन्मे डॉक्टर काउंट सीजर मैटी के द्वारा सन 1865 में इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति का आविष्कार किया गया था.
उन्होंने बताया कि डॉ. मेटी के द्वारा रक्त व लिम्फ के दूषित होने को बीमारी उत्पत्ति का कारण मानते हुए शरीर व रोगों को पॉजिटिव और नेगेटिव मानते हुए 114 पौधों से 38 दवाओं का निर्माण पॉजिटिव और नेगेटिव पावर में किया गया. जिस कारण इस पद्धति का नाम इलेक्ट्रो होम्योपैथी रखा गया.
इलेक्ट्रो होम्योपैथी डॉक्टर एसोसिएशन ऑफ इंडिया एचडीए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. जेपी विशिष्ट की अध्यक्षता व डॉ. जफर सैफई के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में कोरोना के कारण मौत के शिकार बने लोगों को 2 मिनट का मौन धारण करके श्रद्धांजलि अर्पित की गई.
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उसके बाद कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथियों के द्वारा होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले चिकित्सकों को बेस्ट इएच प्रैक्टिशनर सम्मान पत्र स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में उत्तराखंड के कई जिलों से तमाम चिकित्सक शामिल थे.