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हल्द्वानी में इलाज के दौरान कैदी की मौत, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप - Prisoner's death case in Haldwani

हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में इलाज के दौरान एक कैदी की मौत हो गई. जो गौ संरक्षण अधिनियम के तहत हल्द्वानी के उप-कारागार में बंद था. परिजनों ने जेल प्रशासन और अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

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Published : Jan 3, 2021, 6:09 PM IST

हल्द्वानी: हल्द्वानी जेल में बंद एक कैदी की सुशीला तिवारी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई है. कैदी की मौत के बाद परिजनों ने जेल प्रशासन और डॉक्टर के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. बताया जा रहा है कि कैदी गौ संरक्षण अधिनियम के तहत जेल में बंद था, जिसकी जेल में तबीयत खराब होने पर 24 दिसंबर को सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

बता दें कि, बनभूलपुरा थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर 31 मलिक का बगीचा का रहने वाला अनीश खान को पुलिस ने 19 जून 2019 को उत्तराखंड गौ संरक्षण अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया था, जो हल्द्वानी जेल में बंद था. 24 दिसंबर को जेल में उसकी तबीयत खराब होने के बाद जेल प्रशासन ने सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया था. जहां उसके फेफड़े में पानी भरने और टीबी की बीमारी की शिकायत थी, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

वहीं, इस पर जेल अधीक्षक मनोज आर्य का कहना है कि कैदी की तबीयत खराब होने के बाद उसको सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और डॉक्टर की निगरानी में इलाज चल रहा था. गंभीर स्थिति में होने के चलते उसकी मौत हुई है.

ये भी पढ़ेंः किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की कवायद, इस योजना से बदलेगी तस्वीर

मृतक के परिजनों ने जेल प्रशासन पर और डॉक्टर के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है और कहा है कि इलाज के दौरान गलत इंजेक्शन लगाने के चलते उसकी हालत बिगड़ गई, जिससे उसकी मौत हुई है. परिजनों ने पूरे मामले में उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की है.

हल्द्वानी: हल्द्वानी जेल में बंद एक कैदी की सुशीला तिवारी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई है. कैदी की मौत के बाद परिजनों ने जेल प्रशासन और डॉक्टर के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. बताया जा रहा है कि कैदी गौ संरक्षण अधिनियम के तहत जेल में बंद था, जिसकी जेल में तबीयत खराब होने पर 24 दिसंबर को सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

बता दें कि, बनभूलपुरा थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर 31 मलिक का बगीचा का रहने वाला अनीश खान को पुलिस ने 19 जून 2019 को उत्तराखंड गौ संरक्षण अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया था, जो हल्द्वानी जेल में बंद था. 24 दिसंबर को जेल में उसकी तबीयत खराब होने के बाद जेल प्रशासन ने सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया था. जहां उसके फेफड़े में पानी भरने और टीबी की बीमारी की शिकायत थी, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

वहीं, इस पर जेल अधीक्षक मनोज आर्य का कहना है कि कैदी की तबीयत खराब होने के बाद उसको सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और डॉक्टर की निगरानी में इलाज चल रहा था. गंभीर स्थिति में होने के चलते उसकी मौत हुई है.

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मृतक के परिजनों ने जेल प्रशासन पर और डॉक्टर के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है और कहा है कि इलाज के दौरान गलत इंजेक्शन लगाने के चलते उसकी हालत बिगड़ गई, जिससे उसकी मौत हुई है. परिजनों ने पूरे मामले में उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की है.

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